हे हिप्पोक्रेट आमिर तेरे कितने रूप – नारिवाद का राग गाकर करेंगे मी टू अभियुक्त के साथ काम

PC: indiatimes

अगर किसी को भी हिपोक्रेट्स यानि अपनी बात पर कायम नहीं रहने वाले लोगों से मिलना है तो बॉलीवुड सबसे अच्छी जगह है। इस इंडस्ट्री में एक से बढ़ कर एक हिपोक्रेट बैठे हैं। एक तरफ अपने आप को संत मानते है तो दूसरी ओर फिर अपनी ही बात की कीमत नहीं रखते है। ऐसे ही एक बड़े कालकार है आमिर खान! बॉलीवुड इंडस्ट्री इन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से जानती है। यह फिर से अपनी हिपोक्रेसी के लिए चर्चा में हैं। 

दरअसल, आमिर खान ने गुलशन कुमार की बायोपिक ‘मोगुल’ में फिर से काम करने का फैसला किया हैं। इससे पहले उन्होंने इस फिल्म को निर्देशक सुभाष कपूर पर “मी टू” के आरोप लगने के कारण छोड़ दिया था। अपने हालिया बयान में आमिर ने बताया था कि कैसे उन्होंने सुभाष कपूर पर लगे आरोपों को पुनः जांच करने की कोशिश की। 

आमिर ने सुभाष के बचाव में कहा कि, “किरण और मैं मोगुल का निर्माण कर रहे थे। मैं फिल्म में एक्टिंग भी कर रहा था। तब हमें इस बारे में नहीं पता था कि निर्देशक सुभाष कपूर के खिलाफ केस चल रहा है। मी टू मूवमेंट शुरू होने पर उनका केस फिर से सामने आ गया। हम दोनों ही काफी परेशान हो गए थे। मेरी वजह से एक शख्स की जॉब खतरे में आ गई थीं। मेरे लिए सो पाना मुश्किल हो गया था।” उन्होंने आगे कहा, “मैंने और किरण ने निर्णय लिया कि हम उन महिलाओं से बात करेंगे जिन्होंने सुभाष के साथ पिछले 5-6 सालों में काम किया है। हमने पाया कि एक भी महिला ऐसी नहीं थी जिसने सुभाष के बारे में कुछ भी बुरा कहा हो। सभी का कहना था कि सुभाष उनका काफी ख्याल भी रखते थे। हमने IFTDA को बताया कि हम सुभाष संग इस फिल्म में काम करने पर फिर से विचार कर रहे हैं।”

 बॉलीवुड के परफेक्शनिस्ट आमिर खान उन एक्टर्स में से एक हैं, जिन्होंने मी टू मूवमेंट को पूरी तरह से सपोर्ट किया। इसी के चलते उन्होंने गुलशन कुमार की बायोपिक मोगुल से अपने हाथ पीछे ले लिए थे, क्योंकि फिल्म के डायरेक्टर सुभाष कपूर का भी मी टू में नाम आया था। वे इससे काफी शॉक्ड थे और उन्होंने कपूर की फिल्म न करने का फैसला लिया। इसके लिए उन्होंने एक लंबा पोस्ट भी लिखा था। टीवी अभिनेत्री गीतिका त्यागी ने फिल्म निर्देशक सुभाष कपूर पर 2014 में यौन उत्पीड़न करने के आरोप लगाया था।

https://twitter.com/aamir_khan/status/1050068184995426306 

अब आमिर के फैसले से गीतिका त्यागी आहत हुई हैंl उन्होंने मिड डे को दिए एक इंटरव्यू में अपनी निराशा व्यक्त की है। इस बारे में बताते हुए गीतिका त्यागी ने कहा, ‘मैंने किरण राव और आमिर खान की पिछले साल सराहना की थी क्योंकि आमिर के काम नहीं करने के फैसले से कई महिलाओं को बल प्राप्त हुआ थाl इसने अधिक महिलाओं को अपनी खुद की आपबीती सुनाने की आशा दी थी, लेकिन अब आमिर खान के फैसले ने सभी के किए कराये पर पानी फेर दिया हैंl उन्हें दोनों पक्षों की बात सुनकर फैसला लेना चाहिए थाl’

गीतिका त्यागी ने आगे कहा, ‘यह इंडस्ट्री पुरुष प्रधान हैंl हमेशा यौन उत्पीड़न की बात करने पर महिलाओं का ही शोषण होता हैंl जब वह शिकायत करती हैं तो उन्हें साइडलाइन कर दिया जाता हैl आमिर खान की यह बात कि जब तक दोष साबित नहीं होता उसे दोषी नहीं माना जाना चाहिए, वाली बात गलत हैंl 2014 के बाद मुझे काम मिलना बंद हो गया हैl अपराधी मामलों में समय लगता है यह सच्चाई हैl’

आमिर खान के फैसले से एक तरफ कई लोग काफी खुश हैं तो वहीं दूसरी ओर एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने उन पर तंज कसा है। उन्होंने ने कहा, ”सुभाष कपूर के साथ जुड़ने की वजह बताते हुए आमिर खान ने जो भी लिखा था उसे मैंने पूरा पढ़ा। मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं। कैसे बॉलीवुड में किसी को रातों में नींद आ सकती है जब एक लड़की उत्पीड़न की शिकार होती है, और उसे इंडस्ट्री से बहिष्कृत कर दिया जाता है?”

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब आमिर खान ने इस प्रकार की हिपोक्रेसी दिखाई हो। अक्सर टोलरेंस पर बात करने वाले आमिर तब चुप थे जब तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती से केवल बातचीत करने के लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों ने जायरा वसीम को खूब खरी खोटी सुनाई थी, यहां तक कि अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया था। उस समय आमिर उनसे मोर्चा लेने की बजाए एक बड़े ही बचकाने ट्वीट में जायरा वसीम को अकेले छोडने की याचना करते हुए नजर आये थे।

बता दें कि फिल्म मोगुलको आमिर खुद प्रोड्यूस भी कर रहे हैं, मतलब आमिर खान खुद अपना पैसा फिल्म में लगाएंगे और गुलशन कुमार बनकर राम के गुण गाएंगे। अपने स्वार्थ के लिए शायद आमिर खान ने फैसला बदला हो, लेकिन उन्हें #metoo का समर्थन करते हुए अपने फैसले पर कायम रहना चाहिए था। 

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