पीएम मोदी इस महीने अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं जहां वे 22 सितंबर को एक बड़ी रैली को संबोधित करेंगे। अमेरिका के ह्यूस्टन में ‘हौड़ी मोदी’ के नाम से आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम को लेकर भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों में काफी उत्साह है और 50 हज़ार लोग पहले ही इस कार्यक्रम के लिए अपना टिकट बुक करा चुके हैं। अमेरिका के चौथे सबसे अधिक आबादी वाले जिस ह्यूस्टन शहर के ‘एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम’ में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, वहाँ लगभग 5 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। यही कारण है कि अगले साल दोबारा राष्ट्रपति बनने का ख्वाब देख रहे डोनाल्ड ट्रम्प भी अब इस कार्यक्रम में ‘सरप्राइज़ गेस्ट’ के तौर पर शिरकत कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प इस दौरान भारत के साथ कई व्यापारिक घोषणाएँ भी कर सकते हैं और इसलिए भारत और अमेरिकी सरकार लगातार संपर्क में हैं।
बता दें कि वर्ष 2020 में अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले हैं और ट्रम्प दोबारा राष्ट्रपति बनना चाहते हैं। अमेरिका में भारतीय समुदाय काफी तादाद में है और राष्ट्रीय राजनीति में इनका अच्छा-खासा प्रभाव है। इतना ही नहीं, भारतीय मूल के लोग आर्थिक तौर पर काफी संपन्न हैं और राष्ट्रपति ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी की पॉलिटिकल फंडिंग भी करते हैं। अब जब पीएम मोदी अमेरिका में इतनी बड़ी रैली को संबोधित करने वाले हैं तो राष्ट्रपति ट्रम्प भी इस अवसर को हाथ से गंवाना नहीं चाहते हैं। ट्रम्प पीएम मोदी के साथ मंच साझा करके भारतीय समुदाय को संदेश देना चाहते हैं ताकि भारतीय मूल के वोटर्स को लुभाया जा सके। वर्ष 2016 के चुनावों में भी डोनाल्ड ट्रम्प को विजेता बनाने में भारतीय मूल के लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा था। हालांकि, पिछले कुछ समय में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर कुछ असहमतियाँ सामने आई है जिसको राष्ट्रपति ट्रम्प और पीएम मोदी जल्द से जल्द दूर करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका जाने वाले हैं। इससे पहले वह ह्यूस्टन की यात्रा करेंगे। यहां पर वह प्रमुख व्यवसायी, राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं से मिलेंगे। हालांकि, यह पहली बार नहीं होगा कि पीएम मोदी अमेरिका में इस तरह भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करने जा रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने 2014 में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन और 2016 में सिलिकॉन वैली में भारतीय डायस्पोरा को संबोधित किया था।
50 हज़ार लोगों के सामने राष्ट्रपति ट्रम्प का इस तरह पीएम मोदी के साथ मंच साझा करना अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय को एक बेहद मजबूत संदेश देगा और राष्ट्रपति ट्रम्प को इससे चुनावों में बड़ा फायदा पहुंचेगा। वर्ष 2016 के चुनावों में भी डोनाल्ड ट्रम्प ने पीएम मोदी के मशहूर चुनावी नारे ‘अब की बार मोदी सरकार’ की कॉपी की थी और उन्होंने अपना नारा दिया था ‘अब की बार ट्रम्प सरकार’। ये नारा भी उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को आकर्षित करने के लिए ही दिया था।
यह पहली बार नहीं है जब किसी दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष ने पीएम मोदी के नाम का इस्तेमाल कर अपना चुनावी प्रचार आगे बढ़ाने की कोशिश की हो। इसी वर्ष इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी पीएम मोदी के साथ उनकी फोटो का इस्तेमाल अपने चुनावी प्रचार में कर चुके हैं।
Netanyahu election ads: Putin, Trump & Modi pic.twitter.com/6hc4ltUfHv
— Amichai Stein (@AmichaiStein1) July 28, 2019
इससे यह स्पष्ट होता है कि ब्रांड मोदी अब विश्व में भी इतना बड़ा हो चुका है कि दूसरे देश के नेता अब चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी से दोस्ती को अपने देश की जनता के सामने रख रहे हैं। पीएम मोदी एक मजबूत नेता है और उनके सफल नेतृत्व का ही यह नतीजा है कि आज दुनिया की बड़ी ताक़तें घरेलू चुनावों में भी उनकी छवि का इस्तेमाल कर रही हैं।