तो अब हमारे पास फेक कैप्टन जैक स्पैरो भी है, कॉपी करने में बॉलीवुड का कोई जवाब नहीं

बॉलीवुड

PC: ndtv

हाल ही में निर्देशक नवदीप सिंह की फिल्म ‘लाल कप्तान’ का प्रोमोशनल पोस्टर रिलीज़ हुआ, जिसमें सैफ अली खान मुख्य भूमिका में दिखाई रहे हैं। प्रोमोशनल पोस्टर को देखते ही सबसे पहला सवाल हमारे दिमाग में आया – ह्म्म, इसे पहले कहां देखा है?

अरे हां, ये तो बॉलीवुड की एक और जैक स्पैरो कॉपी निकली। बॉलीवुड, कभी तो कुछ ऑरिजनल लाओ।

बॉलीवुड और ऑरिजिनैलिटी में काफी समय से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। इसका एक और प्रमाण हमें हाल ही में देखने को मिला जब ‘एनएच 10’ और ‘मनोरमा सिक्स फीट अंडर’ के निर्देशन के लिए प्रसिद्ध निर्देशक नवदीप सिंह की नई फिल्म ‘लाल कप्तान’ का प्रोमोशनल पोस्टर रिलीज़ हुआ, आप भी देखिये इस पोस्टर को:

इस फिल्म में सैफ अली खान एक नागा साधु के किरदार में है, जो किसी प्रकार के मिशन पर निकला है। जहां टीज़र ट्रेलर को कई लोगों से काफी अच्छा रिस्पांस मिला है, तो पोस्टर को देखकर ये साफ लगता है कि सैफ का लुक हूबहू वैसा ही है जैसे हॉलीवुड फिल्म पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन में जॉनी डेप का कैप्टन जैक स्पैरो का किरदार है। वैसे ये पहली फिल्म नहीं जिसमें कैप्टन जैक स्पैरो के लुक की कॉपी की गयी हो  इससे पहले ठग्स ऑफ हिन्दोस्तान में आमिर खान का लुक भी कुछ ऐसा ही था और ये फिल्म फ्लॉप साबित हुई थी।

पाइरेट्स ऑफ कैरेबियन दुनिया भर में काफी ज्यादा प्रसिद्ध है और इस फिल्म के नायक जॉनी डेप अपने किरदार जैक स्पैरो के लिए विश्व भर में जाने जाते हैं। ऐसे में उनके विश्वप्रसिद्ध लुक की इतनी घटिया कॉपी कर ‘लाल कप्तान’ के मेकर्स क्या साबित करना चाहते हैं? इसे देख तो स्वयं ऑरिजिनैलिटी भी कहे –

फिर क्या था, सोशल मीडिया पर लाल कप्तान की इस बेहद नवीन प्रोमोशनल टैक्नीक पर सोशल मीडिया ने जमकर चुटकी ली –

हालांकि, यह पहला अवसर नहीं है जब बॉलीवुड कुछ अलग दिखाने के नाम पर हॉलीवुड की कॉपी करते हुए पकड़ा गया है। ऐसे कई अवसर आए हैं, जहां बॉलीवुड ने पोस्टर से लेकर स्क्रिप्ट तक हॉलीवुड से कॉपी की है। हमारे क्लासिक फिल्मों में शुमार शोले तक अकीरा कुरोसावा की फिल्म Seven Samurai और हॉलीवुड की दो फिल्में ‘The Magnificent Seven और ‘Once Upon a Time in the West’ से काफी ‘प्रेरित’ रही है। स्वयं हमारे सबसे चर्चित अभिनेताओं में से एक रहे देव आनंद की शैली भी कई लोगों को हॉलीवुड स्टार ग्रेगरी पेक की कॉपी लगती है

इसके अलावा इन पोस्टर्स पर नज़र डालिए –

इसे कॉपी नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे? 2015 में प्रदर्शित दिलवाले तो एक नहीं, कई मूवीज़ और टीवी सीरीज़ की कॉपी थी। ‘मिशन इम्पॉसिबल’ के दृश्य हो, या फिर ‘हाऊ आइ मेट यौर मदर’ के दृश्य हो, या फिर बीएमडबल्यू का एड हो, आप सोचते जाइए और दिलवाले ने लगभग उन सभी जगहों से कुछ न कुछ कॉपी किया है।

ये तो कुछ भी नहीं है। बॉलीवुड ने हॉलीवुड से पूरी की पूरी स्टोरी भी कॉपी की है, और बर्फी से बेहतर उदाहरण इस बारे में क्या हो सकता है। 2012 में आई अनुराग बसु की यह मूवी चार्ली चैपलिन की शैली और द नोटबुक जैसी मूवी की शुद्ध कॉपी है। अभी तो गली बॉय पर हमने कुछ बोला भी नहीं है।

अब एक छोटा सा सवाल आप सबके लिए – लव एक्चुअली, लोलिता, रेन मैन, स्नैच और 7 डेज़ में क्या कॉमन है? सभी का प्लॉट बॉलीवुड ने कॉपी किया है और सब की सब फ्लॉप। अब सभी फिल्में ‘कांटे’ तो नहीं हो सकती, जहां निर्देशक ने इस तरह ऑरिजिनल फिल्म की कॉपी की थी कि स्वयं ऑरिजिनल मूवी [रिजर्वोइर डॉग्स] के निर्देशक क्वेंटिन टेरेंटिनो भी इसकी तारीफ करने लगे। उसके लिए सही अप्रोच और डाइरेक्टर भी तो चाहिए।

स्वयं नवदीप सिंह की उत्कृष्ट फिल्मों में से एक माने जाने वाली मूवी ‘Manorama Six Feet Under’ भी रोमन पोलंस्की की 1974 की प्रसिद्ध फिल्म चाइनाटाउन पर आधारित है।

अब यह तो रही हॉलीवुड से कॉपी करने की बात, बॉलीवुड को ऑरिजिनैलिटी से इतनी चिढ़ है कि वे तेलुगू, तमिल, मराठी और यहाँ तक कि बंगाली फिल्म उद्योग से भी फिल्म प्लॉट उठा लेती है।

अब कुछ दृश्यम और कबीर सिंह [मूल दृश्यम और अर्जुन रेड्डी की रीमेक] की भांति सफल तो हो जाती है, पर अधिकतर रीमेक बॉलीवुड फैंस को अपना माथा ठोंकने पर विवश कर देती है। फिर चाहे वो 2006 में आई तेलुगू हिट विक्रमाकुडु की हिन्दी रीमेक ‘राऊडी राठौर’ हो, या फिर प्रसिद्ध मराठी मूवी ‘सैराट’ का घटिया रीमेक ‘धडक’ हो, या फिर बंगाली फिल्में ‘राजकहिनी’ और ‘प्रकटन’ की घटिया रीमेक ‘बेगम जान’ और ‘जलेबी’ सिद्ध करती है कि ऑरिजिनैलिटी से कैसे बॉलीवुड का दूर दूर तक कोई नाता नहीं!

किसी और फिल्म से प्रेरणा लेना बुरा नहीं है, परंतु उसकी हूबहू नकल करने को अपनी आदत बना लेना भी कहीं कि बुद्धिमानी नहीं है। अब भी समय है, यदि बॉलीवुड सच में हॉलीवुड को टक्कर देनी हो, तो हॉलीवुड की बंदरों की तरह नकल उतारने से अच्छा है कि कुछ ऑरिजिनल भी दिखाओ। अब तो क्षेत्रीय फिल्म उद्योग भी बाहुबली, केजीएफ़ और अर्जुन रेड्डी की भांति कई इनोवेटिव प्रोजेक्ट के साथ सामने आ रहे हैं। इसलिए प्रिय बॉलीवुड, नकल मत उतारो, थोड़ी खुद की भी अकल लगाओ।

 

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