‘चेन्नई एक्सप्रेस’ रेस्टोरेंट की जबरदस्त सफलता के बाद अब रेलवे देशभर में बनाएगा ‘रेल कोच रेस्टोरेंट’

रेलवे

(PC: The Print)

चेन्नई में भारतीय रेलवे द्वारा किए गए रेल कोच रेस्टोरेंट के प्रयोग की जबरदस्त सफलता के बाद अब रेलवे ने इसे भारत भर में लागू करने पर सहमति जताई है। चेन्नई के रेल कोच रेस्टोरेंट की सफलता को देखते हुये भारतीय रेलवे ने देश के अन्य ट्रेनों में लक्ज़री रेस्टोरेंट खोलने पर विचार कर रही है और इसपर जल्द ही काम शुरू भी हो जाएगा।

हालांकि सवाल यह है कि चेन्नई का ये रेल कोच रेस्टोरेंट क्या है, और इसकी सफलता से रेलवे ने बाकी जगह ऐसे ही रेस्टोरेंट खोलने का निर्णय क्यों लिया है?

दरअसल, चेन्नई एक्सप्रेस नामक ये रेस्टोरेंट रेल कोच फ़ैक्टरी चेन्नई के रेल संग्रहालय में पिछले ही वर्ष खोली गयी थी। इस एयर कंडीशन्ड रेस्टोरेंट को इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) द्वारा मुहैया कराए गए ट्रेन के लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच के अंदर बनाया गया है। रेलवे स्टेशन के माहौल के बीच इसे सेट किया गया है। साल 2015 में भोपाल के बाद रेलवे द्वारा देश में खोला जाने वाला इस तरह का यह दूसरा रेस्टोरेंट है।

यहां आप चाइनीज़ से लेकर कॉन्टिनेंटल, नार्थ और साउथ इंडियन हर तरह का स्वाद चख सकते हैं। इसके अलावा रेस्टोरेंट के मेन्यू में वो सारी डिशेज भी मौजूद हैं जो आमतौर पर ट्रेनों में सफर के दौरान यात्रियों को परोसी जाती हैं। कैफेटेरिया, जिसमें रेलवे प्लेटफॉर्म शामिल है। इसमें 64 लोग एक साथ बैठ सकते हैं। जो यहां आने वालों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है।

‘द प्रिंट’ से बातचीत के दौरान भारतीय रेलवे बोर्ड से जुड़े अधिकारियों के अनुसार-  ‘इस मॉडल को देशभर में लागू करने का प्लान बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार, “इस प्रकार के रेस्टोरेंट इस वर्ष के अंत तक पश्चिम बंगाल के कूच बिहार और यूपी के प्रयागराज में तैयार हो जाएंगे। इसी तरह एक और रेस्टोरेंट मुंबई में भी बनाया जाएगा। IRCTC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे ऐसे रेस्टोरेंट हर ज़ोनल एरिया में स्थापित करना चाहती है। उन्होंने आगे बताया, “हाजीपुर और कोलकाता जैसे जगहों पर काम पहले ही शुरू हो चुका है। पश्चिमी रेलवे ने हाल ही में ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ का दौरा किया था, और वे भी उसी मॉडल को लागू करना चाहते हैं”। यही नहीं, चेन्नई एक्सप्रेस में चेन्नई के कुछ प्रसिद्ध व्यंजनों के अलावा ब्रिटिश शासन में रेलवे द्वारा परोसे जाने वाले व्यंजन भी शामिल हैं। चेन्नई एक्सप्रेस में नियुक्त एक व्यक्ति के अनुसार आईआरसीटीसी इस रेस्टोरेंट को सर्विस प्रोवाइडर मॉडल के अनुसार चला रहे हैं, जिसके अंतर्गत अच्छे रेस्टोरेंट से पेशेवर शेफ कैटरर द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। आवश्यकता पड़ने पर पूरे रेस्टोरेंट को 3 बजे से 7 बजे के बीच 60 लोगों के लिए बुक भी किया जा सकता है।

चेन्नई एक्सप्रेस ने यह मॉडल शान-ए-भोपाल नामक रेस्टोरेंट से प्रेरित होकर बनाया है। 2015 में लॉंच किया गया ये रेस्टोरेंट भारतीय रेलवे से प्राप्त किए गए एक पुराने कोच में निर्मित है, जिसे राज्य का पर्यटन विभाग संचालित करता है।

इसके अलावा पुराने रेल कोच को और भी उपयोगी कामों के लिए इस्तेमाल करने में लाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल की सियालदह डिविजन ने एक पुराने मोटर कोच को प्रदीप नामक एक मेडिकल वैन में परिवर्तित किया, जिससे दूर दराज़ के क्षेत्रों में तैनात रेलवे कर्मचारियों का त्वरित इलाज हो सके। इसमें मरीज़ों के लिए एक वेटिंग रूम, डॉक्टर का चेम्बर, ड्रेसिंग रूम, व्हील चेयर और स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध है।

इसका अर्थ स्पष्ट है। चेन्नई में इस प्रयोग की जबरदस्त सफलता के बाद भारतीय रेल इस मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहती है, जिससे उनके पुराने कोचों का सदुपयोग भी हो और उन्हें अच्छा खासा राजस्व भी मिलता रहे। ये मॉडल यदि पूरे भारत में सफलतापूर्वक लागू हुआ, तो ये भारतीय रेलवे की प्रतिष्ठा में और वृद्धि लाएगी।

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