अमेरिका का चीन को झन्नाटेदार तमाचा, हॉन्ग कॉन्ग के लिए लाएगा बड़ा कानून

हॉन्ग कॉन्ग

PC: telegraph

चीन के लिए हॉन्ग कॉन्ग में जारी लोकतन्त्र समर्थकों का विरोध प्रदर्शन बेहद जटिल समस्या बनती जा रही है। दरअसल, ये लोग पिछले तीन महीनों से हॉन्ग कॉन्ग प्रशासन द्वारा लाए गए विवादित प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी महीने की शुरुआत में हॉन्ग कॉन्ग प्रशासन ने इस विवादित बिल को खारिज करने का भी ऐलान किया था, लेकिन उसके बाद भी इन विरोध प्रदर्शनों में कोई कमी आने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, अब हाँग काँग के प्रदर्शनकारी उनके यहां पूर्ण लोकतंत्र की स्थापना की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मदद भी मांग रहे हैं। वहीं अमेरिका भी हॉन्ग कॉन्ग को लेकर एक बड़ा कानून लाने की तैयारी में है जिसके लागू होने के बाद अमेरिकी सरकार को चीन के ऐसे अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की शक्ति हासिल हो जाएगी जो हॉन्ग कॉन्ग के पूर्ण स्वायत्ता हासिल करने में रोड़ा अटकाने का काम करेंगे।

अमेरिका दुनिया की आर्थिक महाशक्ति होने के साथ-साथ दुनिया का सबसे पुराना लोकतन्त्र भी है, ऐसे में हाँग काँग के प्रदर्शनकारियों को उम्मीद है कि अमेरिका हाँग काँग में पूरी तरह लोकतन्त्र की स्थापना करने के लिए उनकी मदद कर सकता है। लोकतंत्र समर्थकों ने रविवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनके शहर को स्वतंत्र कराने का आग्रह किया। प्रदर्शनकारी हांगकांग के मध्य क्षेत्र में पार्क में हजारों की संख्या में एकत्रित हुए और फिर अमेरिकी दूतावास तक मार्च निकाला। ट्रंप से शहर को आजाद कराने की मांग करते हुए उन्होंने ‘बीजिंग का विरोध करो, हांगकांग को आजाद करो’ के नारे लगाये। प्रदर्शनकारी काली शर्ट और मुखौटे पहने हुए थे। उन्होंने अमेरिकी झंडे लहराये और पोस्टर दिखाए जिनमें लिखा हुआ था, ‘राष्ट्रपति ट्रंप, कृपया हाँग काँग को आजाद कराएं।’

इसके अलावा हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनकारी अमेरिका से ‘हॉन्ग कॉन्ग ह्यूमन राइट्स कानून’ को लागू करने का भी आह्वान कर रहे हैं। इस संबंध में जून महीने में पहले ही ड्राफ्ट तैयार किया जा चुका है, हालांकि अब उस ड्राफ्ट में कुछ बदलाव करके बिल के प्रावधानों को और मजबूत किया गया है। इस कानून के लागू होने के बाद चीन को हाँग काँग में रहने वाले सभी लोगों को मूल अधिकार देने ही होंगे। इसके अलावा चीन के अधिकारियों को हॉन्ग कॉन्ग की स्वायत्ता का भी सम्मान करना होगा। अगर कोई चीन या हॉन्ग कॉन्ग का अधिकारी इसमें रोड़ा अटकाने की कोशिश करेगा तो अमेरिका उस पर प्रतिबंध लगा सकेगा।

यानि जहां एक तरफ चीन पूरी दुनिया में हाँग काँग विवाद को उसका आंतरिक मुद्दा बताने की कोशिश करता आ रहा है, तो वहीं अब अमेरिका ने इस मामले में सीधे तौर पर अपना हस्तक्षेप करके चीन के दावों की धज्जियां उड़ा दी है। स्थिति को देखकर यही लगता है कि आने वाले समय में यह समस्या चीन के लिए और बड़ी बनने वाली है और अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद जल्द ही हॉन्ग कॉन्ग के लोगों के लिए कोई राहत की खबर आ सकती है।

Exit mobile version