मोदी सरकार ने कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर, लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद, मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड जकी उर रहमान लखवी और मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम को आतंकी घोषित कर दिया है। गौरतलब है कि इन कुख्यात आतंकियों पर भारत में कई हमलों की साजिश रचने का आरोप है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इन आतंकियों को पहले से ही वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है।
बता दें कि गृहमंत्रालय ने इन आंतकियों को ‘द अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) अमेंडमेंट बिल 2019 (UAPA)’ यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) विधेयक के तहत आतंकी घोषित किया है। ये चारो आतंकी इस कानून की जद में आने वाले पहले चार व्यक्ति हैं। इससे पहले भारत में केवल किसी संगठन को ही आतंकी घोषित किया जाता था। जबकि दूसरे देशों में किसी व्यक्ति विशेष को भी आतंकी घोषित करने का कानून है। गृह मंत्रालय ने इन चारों आतंकियों को अलग-अलग अधिसूचनाओं में आतंकी घोषित किया है।
गृहमंत्रालय के अधिसूचना के अनुसार इस कार्रवाई से अब यह फायदा होगा कि सिर्फ आतंकी संगठनों के नाम बदलकर आतंक फैलाना संभव नहीं हो सकेगा। मालूम हो कि कुख्यात आतंकी हाफिज सईद पिछले एक दशक में अपने संगठनों का चार बार नाम बदलकर आतंक फैलाता रहा है। ऐसे में नए कानून के आने से हाफिज जैसे आतंकी जिस संगठन से जुड़ेंगे उस पर अपने आप कार्रवाई का रास्ता खुल जाएगा।
गृहमंत्रालय के अधिसूचना में जैश के सरगना मसूद अजहर के पुराने कृत्यों का ब्यौरा दिया गया है। इसमें साल 2001 में जम्मू-कश्मीर विधानसभा, साल 2016 में पठानकोट हमला व 2017 में श्रीनगर स्थित बीएसएफ कैंप में हमले की साजिश रचने का जिक्र है। इसके साथ ही पुलवामा हमले का भी जिम्मेदार बताया गया है। बता दें कि मसूद अजहर को यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की घोषणा 1267 के तहत आतंकी घोषित हो चुका है। इन्हीं हमलों की साजिश रचने के आधार पर इसे आतंकी घोषित किया गया है।
इसी तरह लखवी को वर्ष 2000 में दिल्ली के लालकिले में हुए हमले, वर्ष 2008 के मुंबई हमले व उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हुए हमले की साजिश रचने के आधार पर आतंकी घोषित किया गया है।
वहीं दाउद इब्राहिम के बारे में अधिसूचना में लिखा गया है कि उसने और उसके आतंकी साथियों ने वर्ष 1993 के मुंबई बम धमाकों को अंजाम दिया था। इस हमलें में 257 लोगों की जानें गई थीं व 1000 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इसके साथ ही पाकिस्तान में छिपे आतंकी दाउद की अन्य आतंकी गतिविधियों के बारे में भी बताया गया है।
अमेरिका ने भी भारत के फैसले को सराहा
भारत के इस कमद का समर्थन अमेरिका ने भी किया है। यूनाइटेड स्टेट्स ब्यूरो ऑफ़ साउथ एंड सेंट्रल एशियन अफेयर्स ने कहा है कि हम भारत के साथ हैं। मौलाना मसूद अजहर, हाफिज सईद, जकी उर रहमान लखवी और दाउद इब्राहिम के खिलाफ हुई कार्रवाई में हम भारत के नए कानून की सराहना करते हैं। इस कदम से आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका का संबंध और भी प्रगाढ़ होगा।
We stand w/ #India & commend it for utilizing new legal authorities to designate 4 notorious terrorists: Maulana Masood Azhar, Hafiz Saeed, Zaki-ur-Rehman Lakhvi & Dawood Ibrahim. This new law expands possibilities for joint #USIndia efforts to combat scourge of terrorism. AGW
— State_SCA (@State_SCA) September 4, 2019
बता दें कि इन चारों का आतंकी घोषित होने के बाद भारत इनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर सकेगा। जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगा, इसके साथ ही पाकिस्तान को भी वैश्विक मंच पर बेनकाब किया जा सकेगा व इन आतंकियों पर विश्व के कई देश प्रतिबंध लगा सकेंगें।
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही आतंक के खिलाफ जिरो टॉलरेंस की नीति को स्पष्ट कर दिया था। दूसरे कार्यकाल के शुरूआती दिनों में ही सरकार ने यूएपीए बिल लाकर अपने संकल्प पर एक मुहर लगा दी। अब इस कानून से देश के बाहर क्या देश के भीतर भी कोई व्यक्ति विशेष अगर आतंकी व देशविरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाया जाता है तो सीधे कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के तहत NIA को पूरा अधिकार मिला है कि वह देश के साथ साथ दूसरे देशों में भी भारत के खिलाफ आतंकवाद फैला रहे लोगों पर कार्रवाई करे।
राज्यसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि हम अभी तक केवल संगठनों पर ही कार्रवाई कर रहे थे इस कानून के तहत अब व्यक्ति विशेष पर भी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा था कि आतंकवादियों का असल चेहरा सबके सामने आना ही चाहिए और इस बिल पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। हालांकि, भ्रष्टाचार के आरोपी व कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने इस बिल का विरोध किया था और कहा था कि सरकार इस बिल के माध्यम से लोगों की स्वतन्त्रता छीनना चाहती है। हालांकि कांग्रेस ने देशहित के बारे में हमेशा से ही मोदी सरकार की नीतियों का विरोध किया है इसलिए यहां विरोध करना कोई नई बात नहीं थी। कांग्रेस को पाकिस्तान में छिपे आतंकियों की चिंता के साथ-साथ देश के भीतर बैठे देशविरोधियों की भी चिंता थी जिसे पी. चिदंबरम जैसे भ्रष्टाचार के आरोपी ने मुहर लगा दिया।
खैर जो भी हो इस कानून के आने से अभी तक आतंकियों के खिलाफ आधी-अधूरी कार्रवाई की जाती थी। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा, सरकार ने इन चारों आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करके आतंकियों के साथ साथ घर में छिपे देश विरोधियों को कड़ा संदेश दे दिया है।