प्रियंका जी, पीयूष गोयल ने अपनी गलती स्वीकारी , आपके भाई और आप के जैसे सीनाजोरी नहीं की

पीयूष गोयल

पीयूष गोयल का कुछ दिनों पहले दिया बयान आजकल सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है। दरअसल, अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा करते हुए अपनी बात में उन्होंने वैज्ञानिक आइंस्टीन को ग्रेविटी का खोजकर्ता बताया था जबकि असल में ग्रेविटी की खोज वैज्ञानिक न्यूटन ने की थी। जाहिर है कि अपनी बात कहने के दौरान पीयूष गोयल की जुबान फिसल गयी थी और अपने बयान के ठीक एक दिन बाद ही पीयूष गोयल ने सार्वजनिक मंच से अपनी गलती भी स्वीकार कर ली। उन्होंने कहा कि वे अपनी कही बात पर कायम हैं लेकिन जहां उनको न्यूटन का नाम  लेना चाहिए था, वहां उन्होंने गलती से आइंस्टीन बोल दिया। कल इसको लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी केंद्रीय मंत्री पर हमला बोला। उन्होंने क्रिकेट के विचित्र उदाहरण की मदद से पीयूष गोयल पर कटाक्ष करने की कोशिश की। ये वही प्रियंका गांधी हैं जिनके भाई और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सार्वजनिक मंचों से अपनी भद्द पिटवाने वाले बयान देते रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी आज तक अपनी कही बात पर ना तो माफी मांगी और न ही कभी स्पष्टीकरण दिया है।

दरअसल, 12 सितंबर को देश की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने संबोधन में कहा था कि ‘अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए किसी भी तरह के गणित या उससे जुड़े आंकड़ों को देखने की जरूरत नहीं है, अगर आइंस्टीन इस गणित में उलझ जाते तो वे कभी भी ग्रेविटी की खोज नहीं कर पाते।‘ इसपर अपना स्पष्टीकरण देते हुए शुक्रवार को ही पीयूष गोयल ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली। गलती स्वीकार करने के साथ ही गोयल ने आइंस्टीन का ही वाक्य दोहराते हुए कहा, ‘जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की, उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की’।

पीयूष गोयल पेशे से वकील और चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। पीयूष गोयल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंकों के बोर्ड के सदस्य भी रह चुके हैं, जिसके कारण वित्त से जुड़े मामलों की उन्हें काफी समझ है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था पर उनकी टिप्पणी की गंभीरता को समझा जा सकता है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने विज्ञान से जुड़ा एक उदाहरण दिया जिसमें उनसे एक भूल हो गई और अगले ही दिन उन्होंने इस बात को स्वीकार भी कर लिया, लेकिन प्रियंका गांधी का इस मामले पर कटाक्ष करना बिलकुल समझ से परे की बात है।

प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ट्विटर पर क्रिकेट मैच के एक हिस्से का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘सही कैच पकड़ने के लिए अंत तक गेंद पर नजर और खेल की सच्ची भावना होना जरुरी है। वरना आप सारा दोष गुरुत्वाकर्षण, गणित, ओला-उबर और इधर-उधर की बातों पर मढ़ते रहेंगे। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जनहित में जारी’।

लगता है प्रियंका गांधी ये भूल रही हैं कि सार्वजनिक मंचों से सबसे ज्यादा बेतुके बयानों का रिकॉर्ड अगर किसी नेता के नाम है तो वे कांग्रेस नेता और प्रियंका गांधी के छोटे भाई राहुल गांधी के नाम ही है। आज अगर यूट्यूब पर राहुल गांधी के ऐसे बयान तलाशें जाये, तो आपको ऐसी वीडियो की भरमार मिलेगी। ये वीडियो समय-समय पर सोशल मीडिया पर ट्रेंड होती रहती हैं, और हर बार लोगों को हंसने पर मजबूर करती हैं। जरा इस वीडियो को ही देख लीजिये:

अब जरा इसे भी देख लीजिये:

इस वीडियो से आप समझ गये होंगे किसका GK खराब है और किसकी जुबान फिसली है। हम एक बार फिर दोहराते हैं कि किसी की ज़ुबान भी एक-दो बार फिसल सकती है और इसमें कोई आश्चर्य वाली बात भी नहीं है। हालांकि, गलतियों को बार-बार दोहराकर भी अपनी गलती को एक बार भी स्वीकार न करना मूर्खता की निशानी जरुर है। क्या आपको याद है कब राहुल गांधी या प्रियंका गांधी ने अपने बेतुके और बेवकूफना बयानों के लिए किसी से माफी मांगी हो? शायद नहीं! प्रियंका गांधी को पीयूष गोयल जैसे नेता की बजाय अपने भाई राहुल गांधी को यह सिखाना चाहिए कि चीजों को कैसे गंभीरता से लेते हैं। पीयूष गोयल एक बेहद गंभीर नेता हैं और हमेशा सधे हुए शब्दों में अपनी बात कहने वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनपर कोई मज़ाक बनाने से पहले प्रियंका गांधी वाड्रा को अपने परिवार पर एक नज़र डालने की ज़रूरत है।

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