रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के जनक और भ्रष्टाचार के आरोपी डीके शिवकुमार के लिए क्यों रो रही है कांग्रेस

डीके शिवकुमार कांग्रेस

PC : Twitter

अभी हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई थी। इस पर कांग्रेस हाईकमान ने कहा था कि यह बदले की राजनीति है। भाजपा बदला लेने के लिए चिदंबरम को गिरफ्तार करवाई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जब मामला गया तब सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। चिदंबरम की बाकायदा रिमांड तक मंजूर हो गई थी। मामले की सुनवाई अभी कोर्ट में जारी है। अब इसी कड़ी में आते हैं कर्नाटक कांग्रेस के दिग्गज नेता, रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के जनक डीके शिवकुमार , जिन्हें ईडी ने कल यानि मंगलवार की देर रात मनी लॉन्ड्रिग के केस में गिरफ्तार कर लिया है। इस पर कांग्रेस ने कड़ा ऐतराज जताया है। इसके साथ ही कई लेफ्ट लिबरल बुद्धिजीवी भी अपनी पीड़ा जाहिर कर रहे हैं।

गिरफ्तारी के बाद शिवकुमार ने भी ट्वीट करते हुए लिखा- “मैं बीजेपी के दोस्तों को धन्यवाद देता हूं कि वे मुझे गिरफ्तार कर आखिरकार अपने मिशन में कामयाब रही। आयकर विभाग और ईडी केस मेरे खिलाफ राजनीति से प्रेरित है और मैं बीजेपी के बदले की भावना से की गई कार्रवाई का पीड़ित हूं।”

बता दें कि इससे पहले डीके शिवकुमार सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष कथित धनशोधन (मनी लॉ्ड्रिरंग) मामले में तीसरी बार पूछताछ के लिए पेश हुए थे। वहीं, ईडी ने मामले के संबंध में शुक्रवार व शनिवार को 13 घंटे से अधिक समय तक कांग्रेस नेता से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 का उल्लंघन करते हुए हवाला लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया है।

साल 2016 से हैं सीबीआई व ईडी के राडार पर

गौरतलब है कि डीके शिवकुमार को ईडी ने साल 2016 के नोटबंदी के समय से ही अपने राडार पर लिया है। उस दौरान शिवकुमार के 60 ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड हुई थी। इनकम टैक्स ने इस दौरान करीब 11 करोड़ कैश मिलने का दावा किया था। वहीं साल 2017 में आयकर विभाग की तलाशी के दौरान 8.59 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी जब्त की गई थी। इसके बाद आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता और उनके चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ आयकर अधिनियम 1961 की धारा 277 और 278 के तहत और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 12० (बी), 193 और 199 के तहत मामले दर्ज किए। जिसके बाद उन्हें लगातार ईडी के सामने पेश होना पड़ा।

पांच साल में तीन गुना बढ़ी संपत्ति

डीके शिवकुमार की संपत्ति महज पांच साल के भीतर करीब तीन गुना बढ़ी है। आंकड़ों के मुताबिक 2013 कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान 251 करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्यौरा दिया था। जबकि 2018 में यह बढ़कर 840 करोड़ रुपये हो गई। जबकि 2008 में डीके शिवकुमार सिर्फ 75 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति के मालिक थे। ऐसे में दस सालों के भीतर 11 गुना से अधिक उनकी संपत्ति बढ़ी है। जिसके चलते वह विवादों में आए हैं।

रिजॉर्ट पॉलिटिक्स के जनक

भारत में अगर किसी को रिजॉर्ट पॉलिटिक्स लाने का श्रेय दिया जाए तो वह डीके शिकुमार ही होंगे। बता दें कि 2017 के गुजरात राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक एक-एक कर भाजपा में शामिल होते जा रहे थे और अहमद पटेल हार की कगार पर थे तब कांग्रेस के बचे 44 विधायकों को बेंगलुरु के पास डीके शिव कुमार के “ईगलटन” रिज़ॉर्ट में ही लाया गया था। जब विधायकों को बस से हैदराबाद ले जाया गया तो उस बस में सबसे आगे डीकेएस खुद बैठे थे। यहां की गई बाड़ेबंदी से अहमद पटेल चुनाव जीत गए थे। लेकिन यह पहली बार नहीं था जब डीके शिवकुमार का रिज़ॉर्ट कांग्रेस के लिए लकी साबित हुआ हो। इससे पहले 2002 में जब महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख की सरकार पर खतरा आया तब वहां के विधायकों को कांग्रेस शासित कर्नाटक भेज दिया गया था। ये विधायक कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री डीके शिवकुमार के रिज़ॉर्ट में रुके थे और विलासराव देशमुख अपनी कांग्रेस सरकार बचाने में सफल रहे थे।

कांग्रेस के बौखलाने का कारण

डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस में सबसे कद्दावर नेता की हैसियत रखते हैं और सिद्धारमैया के बाद नम्बर दो पर गिने जाते हैं। उन्हें कांग्रेस का संकट मोचक भी कहा जाता है, जब जब कांग्रेस खतरे में रही है तब-तब डीके शिवकुमार ने साथ दिया है। चाहे वह 2017 के गुजरात राज्यसभा का चुनाव हो या फिर हाल ही में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को बचाने की कोशिश, सभी में उन्होंने कांग्रेस का साथ दिया था। ऐसे में कांग्रेस जानती है कि उन्हें डीके के जाने से कितना नुकसान उठाना पड़ सकता है।

खैर जो भी हो मोदी सरकार ने अपने ‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा’ वाले अपने संकल्प पर एक बार फिर से मुहर लगा दिया है। जिसका कभी कांग्रेस मजाक उड़ाती थी। इसी कांग्रेस ने कई बार मोदी सरकार को चुनौती दिया था कि वो बार-बार बड़े भ्रष्टाचारियों को पकड़ने की बात तो करतें हैं लेकिन वो कर के नहीं दिखा पाते। आज जब कांग्रेस के नेता लगातार भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े जा रहे हैं तो बौखलाहट लाजिमी है।

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