पहले इरा और अब फुरकान- देश के हिंदुओं को भड़काने के लिए इनके भारी कीमत चुकानी पड़ी

फुरकान खान

भारत हिंदू बहुसंख्यक देश है और यहां विभिन्न धर्मों का मान रखा जाता है, लेकिन हिंदुओं को अक्सर अल्पसंख्कों को रिझाने के लिए तो कभी अपने एजेंडे के लिए निशाना बनाया जाता रहा है। कुछ लोगों के प्रोपेगंडा के कारण आए दिन हिंदू नफरत और घृणा का शिकार होते रहे हैं। परन्तु हिंदुओं ने कभी इसके खिलाफ एकजुटता नहीं दिखाई और इसके लिए जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि हमारा समाज है जो दशकों से हिन्दू विरोध को सहता आया है। अंग्रेजों ने हमारी शिक्षा पद्धति को बर्बाद कर देश के लोगों को उनकी संस्कृति से दूर कर दिया, आज उसी का परिणाम है कि लोग हिन्दू विरोध करने वाले और हिंदुओं को गाली देने वालों को जवाब नहीं देते। इसका फायदा उठा कर कई संगठन हिन्दू फोबिया को लगातार बढ़ावा देते आये हैं,  इसमें नेटफ्लिक्स और कुछ मीडिया संस्थानों का नाम सबसे आगे हैं। हालांकि, 2014 के बाद से हिंदुओं के रुख में बड़ा बदलाव देखने को मिला है और इसी का नतीजा है कि इरा त्रिवेदी के बाद अब फुरकान खान को अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता के लिए बड़ा सबक मिला है।

दरअसल, 2014 के बाद से देश को एक ऐसा नेतृत्व मिला जिसने ‘सभी का साथ सभी का विकास’ के मुद्दे को उठाया, देश की पुरानी संस्कृति और सभ्यता को फिर से ऊपर उठाने और जन जन को इससे जागरूक करने हेतु प्रयास किया। इसके साथ ये भी बताया कि जिस धर्म से हैं उसपर गर्व करें और उससे जुड़े सिद्धांतों को अपने जीवन में लागू करें। प्रधानमंत्री मोदी के सबल नेतृत्व ने उन हिंदुओं को एकजुट किया जो पहले निशाना बनाये जाने पर भी चुप्पी साधे बैठे रहते थे और हिंदू विरोधी तत्वों को इससे बड़ा झटका लगा है। पिछले एक साल में कई ऐसे उदाहरण देखने को भी मिले हैं जब हिंदुओं ने एकजुटता दिखाई है।

अब इरा त्रिवेदी के बाद आम जनता ने पत्रकार फुरकान खान को आम जनता ने उनके हिंदू विरोधी रुख के लिए खूब लताड़ा है।

9 सितंबर को नेशनल पब्लिक रेडियो (एनपीआर) की प्रोड्यूसर फुरकान खान ने बेहद ही घटिया हिन्दू विरोधी ट्वीट किया था। फुरकान ने विवादस्पद और घृणा भरे ट्वीट में लिखा था कि ‘अगर भारतीयों ने हिंदुत्व छोड़ दिया तो उनकी अधिकतर समस्याएं ख़त्म हो जायेंगी।‘ साथ ही उन्होंने हिन्दुओं को गौमूत्र पीने वाला और गोबर की पूजा करने वाला बताया था।

 

इस ट्वीट के बाद लोगों ने फुरकान खान को उनके ‘हिंदू विरोधी’ रुख के लिए जमकर धोया। इसके साथ ही एनपीआर से उनके निष्कासन की भी मांग कर डाली। शिक्षाविदों से लेकर पत्रकारों तक ने फुरकान खान को उनके हिंदू विरोधी रुख के लिए जमकर लताड़ लगाई।

 

 

 

चारों तरफ से आलोचनाओं के बाद मामले को बढ़ता देख फुरकान खान को अपनी गलती के लिए माफ़ी मांगनी पड़ी और अपना ट्वीट डिलीट करते हुए फुरकान ने कहा, “मैंने ट्वीट डिलीट कर दिया है, ताकि मुझे गलत तरीके से पेश न किया जाए।”

https://twitter.com/Furkan_Khan/status/1171464858383990784

इसके बाद एनपीआर ने भी स्पष्ट किया कि फुरकान खान का बयान “अस्वीकार्य” था, और फुरकान खान के बयान को कंपनी के नैतिक आदर्शों के खिलाफ बताया। एनपीआर ने कहा कि ‘फुरकान ख़ान का ट्वीट कम्पनी के नैतिक आदर्शों के ख़िलाफ़ था। फुरकान ने अपनी गलती के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँग ली है और अपना इस्तीफा भी दे दिया है।‘

फुरकान ने तो इस्तीफा दे दिया और माफी भी मांग ली लेकिन माफी भी ऐसे मांगी जैसे उन्हें अपने किए का कोई अफसोस ही नहीं है।

https://twitter.com/Furkan_Khan/status/1171620365790896130

वैसे ये पहली बार नहीं है जब फुरकान खान ने इस तरह से हिदुओं के खिलाफ नफरत फैलाने का काम किया है। इस पत्रकार ने कई मौकों पर हिंदुओं के प्रति अपनी नफरत को जाहिर किया है। एक बार कश्मीरी पंडितों के मुद्दे को “सामान्य संघर्ष अनजाने में हुई क्षति” करार दिया था। फुरकान के इन ट्वीटस को देखकर आप खुद समझ जायेंगे कि वो किस तरह से सोशल मीडिया पर जहर उगलती थीं।

इससे पहले हिंदू विरोधी रुख के लिए इरा त्रिवेदी का भी यही हाल हुआ था। दरअसल, इरा दूरदर्शन नेशनल चैनल पर ‘योग विथ इरा त्रिवेदी’ नामक एक शो को होस्ट करने वाली थीं और इससे जुड़ा प्रोमो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर खोजी यूजर्स ने इरा त्रिवेदी की कुंडली निकाल डाली और उनकी हिपोक्रिसी को एक्सपोज कर दिया।

https://twitter.com/KhushiViews/status/1154043961058582528

दूरदर्शन पर योग का ज्ञान बांचने की तैयारी में लगी इरा त्रिवेदी वही हैं जिन्हें बीफ यानि गौ मांस प्रोटीन का सबसे सस्ता स्रोत लगता है। इस हिंदू विरोधी योगा टीचर ने कहा था कि ‘भारत में कुपोषण की समस्या है और बीफ को बैन करना, कई समुदाय खासकर मुस्लिमों के साथ अन्याय होगा।’ इसके बाद सोशल मीडिया पर इनकी जमकर आलोचना हुई और फलस्वरूप दूरदर्शन को इनका कांट्रैक्ट रद्द करना पड़ा।

इसी तरह के तमाम उदाहरण हैं जिससे स्पष्ट हो गया है कि पिछले 5 वर्षों में हिदुओं ने अपने आप को एकजुट कर लिया है और अपने धर्म के खिलाफ बोलने वालों को करारा जवाब दिया है। चाहे सोनम कपूर, स्वरा भास्कर जैसे सितारे हो या जोमैटो जैसी कंपनी या कोई बड़ा नेता या फिर नेटफ्लिक्स जैसी नेटफ्लिक्स ऑनलाइन स्ट्रीमिंग एप्लिकेशन ही क्यों न हो।‘ हिंदुओं के खिलाफ या उनको नीचा दिखाने की कोशिश करने वालों को देश के हिंदुओं के एकजुट होकर जवाब दिया है।

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