ग्रेटा थनबर्ग के रूप में लेफ्ट लिबरल गैंग को अपने प्रोपेगंडा के लिए नई ‘कठपुतली’ मिल गयी है

ग्रेटा थनबर्ग

अमेरिका में वर्ष 2019 के लिए ‘क्लाइमेट चेंज एक्शन समिट’ जारी है, जहां पर दुनिया के अलग-अलग कोनों से लोग आकर जलवायु परिवर्तन के विषय पर अपने विचार सामने रख रहे हैं। इस दौरान सोमवार को 16 साल की बच्ची पर्यावरण कार्यकर्ता ने भी इस समिट में अपना भाषण दिया जो देखते देखते ही पूरी दुनिया में वायरल हो गया। इस तथाकथित पर्यावरण कार्यकर्ता का नाम है ‘ग्रेटा थनबर्ग’। ये काफी फेमस भी हैं और ट्विटर पर इनके 1.6 मिलियन फॉलोवर्स हैं। क्लाइमेट चेंज पर बोलते हुए वे काफी भावुक हो गईं और माना जाता है कि सिर्फ 8 वर्ष की उम्र से ही ग्रेटा थनबर्ग जलवायु परिवर्तन को लेकर संवेदनशील रही हैं।

उनके इस भाषण को दुनिया की लेफ्ट लिबरल गैंग ने खूब सराहा और उनको दुनिया के सभी राष्ट्राध्यक्षों का प्रेरणास्रोत बता डाला। हालांकि, क्लाइमेट चेंज को लेकर हमेशा आक्रामक रुख अपनाने वाले एजेंडावादी लोगों का इस तरह एक 16 वर्ष की बच्ची की भावनाओं का इस्तेमाल करने को लेकर लिबरल गैंग भी अब लोगों के निशाने पर गया है। तथाकथित पर्यावरणविदों का यह एजेंडा ही है जिसके कारण अब ग्रेटा थनबर्ग को ‘मलाला 2.0 इन द मेकिंग’ बताया जा रहा है।

https://twitter.com/not_bs91/status/1176439524093771776?s=20

ये बात किसी से छुपी नहीं है कि दुनिया भर का यह लेफ्ट लिबरल गैंग पर्यावरण को बचाने के नाम पर दक्षिणपंथी सरकारों के खिलाफ अपना एजेंडा चलाता है। पर्यावरण का संरक्षण करने के नाम पर बड़े बड़े NGOs बनाए जाते हैं और उनके जरिये विकासशील देशों के विकास में बाधा उत्पन्न करने का काम किया जाता है। अब चूंकि ऐसे लोगों का एजेंडा काम नहीं कर रहा है और ऐसे लोग पूरी दुनियाभर में एक्सपोज होते जा रहे हैं, ऐसे में अब इस गैंग ने एक छोटी बच्ची के सहारे अपना यह एजेंडा चलाने का प्रयास किया है।

इस बच्ची के सहारे लिबरल गैंग पूरी दुनिया में इस बात को फैलाना चाहता है कि दुनिया में सब बुरा हो रहा है और इस धरती का भविष्य अंधकार में है। इसमें सबसे बुरी बात यह है कि 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग डिप्रेशन से पीड़ित हैं और ये सब इन्हीं एजेंडावादी पर्यावरणविदों की वजह से हुआ था। छोटी आयु में ही उनके भविष्य को लेकर उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि वे डिप्रेशन में चली गई थीं। 8 वर्ष की उम्र में ही इन एजेंडावादी लोगों ने ग्रेटा के दिमाग में इस बात को बैठा दिया कि उसका भविष्य खतरे में है और धरती का जल्द ही सर्वनाश होने वाला है। उसकी वजह से ग्रेटा का मानसिक संतुलन बिगड़ गया और एक बार तो ग्रेटा ने लगातार 2 महीने तक खाना नहीं खाया था और स्कूल जाना भी बंद कर दिया था।

डिप्रेशन से पीड़ित इस बच्ची को अपने एजेंडे में शामिल करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि यह लिबरल गैंग अपनी आलोचना से बचना चाहता है और अधिक से अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहता है। इस लिबरल गैंग की योजना के अनुसार अगर कोई भी शख्स इस बच्ची के खिलाफ कुछ बोलेगा, तो उसपर हमला बोलने में इस गैंग के लोगों को बड़ी आसानी होगी। इसका उदाहरण हमें तब देखने को मिला जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस बच्ची को ट्विटर पर टिप्पणी की। ट्रम्प ने अपने ट्वीट में लिखा ‘इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो यह एक बेहद खुश लड़की है, जिसका भविष्य शानदार और उज्ज्वल है। देखकर अच्छा लगा!’

डोनाल्ड ट्रम्प के इस ट्वीट के बाद लिबरल गैंग उनपर हमलावर हो गया। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति होते हुए एक 16 वर्ष की बच्ची पर हमला करना ट्रम्प के निम्न स्तर की सोच को दर्शाता है। बेहद घटिया!

वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि ‘ट्रम्प एक लूजर हैं जबकि ग्रेटा एक सच्ची नेता है, जबकि कुछ लोगों ने कहा कि ट्रम्प एक 16 साल की लड़की से डर गए’।

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https://twitter.com/onlymangocode/status/1176339736602054656?s=20

यह विडंबना ही है कि एक तरफ यह 16 साल की लड़की अपने भविष्य को कथित रूप से तबाह करने के लिए कुछ राष्ट्राध्यक्षों को ‘हाउ डेयर यू’ बोलती है, वहीं दूसरी ओर वह खुद ऐसे एजेंडावादी राजनेताओं के हाथों में एक कठपुतली की तरह खेलती है जो उनके जरिये अपना प्रोपेगंडा चलाना चाहते हैं। ग्रेटा ने अपने भावुक भाषण में यह कहा कि इस वक्त उन्हें अन्य बच्चों की तरह खेलने का अवसर मिलना चाहिए था लेकिन कुछ लोगों ने उनसे ये अवसर छीन लिया और उन्हें आज यूएन में खड़ा होकर यह भाषण देने की ज़रूरत पड़ रही है। जबकि सच्चाई यह है कि उन्हें अन्य बच्चों की तरह खेलने से कोई नहीं रोक रहा है। उनके माँ-बाप खुद उन्हें ऐसे राजनेताओं का राजनीतिक हथियार बनने को मंजूरी दे रहे हैं जिनका मकसद केवल और केवल पर्यावरण रक्षा की आड़ में अरबों-खरबों का घोटाला करना है। ‘ग्रेटा थनबर्ग’ को चाहिए कि वे ऐसे नकली पर्यवरणविदों से बचकर रहें और इन एजेंडावादी लोगों के लिए कठपुतली की तरह बर्ताव ना करें।

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