FATF में पाक का ब्लैकलिस्ट होना तय, उनके मंत्रियों का बयान ही उन्हें दिवालिया बनाएगा

पाकिस्तान

PC: Hindustan

एक के बाद एक अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पटखनी खाने वाले पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। पाकिस्तान के एक मंत्री ने यह मान लिया है कि इमरान खान की सरकार ने आतंकवादियों को सह दिया और वित्तीय रूप से भी मदद की है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब अगले महीने एफएटीएफ यानि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक हो रही है और यह संस्था अगले महीने ब्लैक लिस्ट जारी करेगी। बता दें कि एफएटीएफ संस्था दुनिया भर में आतंकी संगठनों को दी जाने वाली अवैध सहायता पर नजर रखती है। इमरान खान के मंत्री के कुबूलनामे के बाद इससे पाकिस्तान के ब्लैक लिस्ट में जाने की संभावना बढ़ गयी है।

दरअसल, एक डिबेट शो के दौरान पाकिस्तान के गृह मंत्री ब्रिगेडियर एजाज अहमद शाह ने कुबूल किया था कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठन जमात-उद-दावा पर करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। पाकिस्तानी पत्रकार नदीम मलिक से बात करते हुए समाचार चैनल ‘हम न्यूज़’ पर प्रसारित एक टॉक शो के दौरान मंत्री ने कहा कि उनके कहने पर ही आतंकी अफगानिस्तान में लड़ रहे थे और ये उनकी जिम्मेदारी है कि वो उन आतंकियों को नौकरी दें, पैसे दें।

एजाज अहमद शाह ने यह भी कबूल किया है कि इमरान खान की सरकार अब जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के दहशतगर्दों को मुख्यधारा में शामिल कराएगी। टॉक शो के दौरान मंत्री ने ये भी कबूल किया कि इस्लामाबाद कश्मीर मुद्दे पर अपने रूख को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन पाने में विफल रहा है। साथ ही, मंत्री ने पाकिस्तानी सत्तारूढ़ दल और इमरान खान पर आरोप लगाया कि उन्होंने मिलकर देश की छवि खराब की है।

बता दें कि इससे पहले, जुलाई में संयुक्त राज्य अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कबूल किया था कि उनके देश में अभी भी  30,000 से 40,000 आतंकवादी मौजूद हैं। जिन्हें अफगानिस्तान और कश्मीर के हिस्सों में ट्रेनिंग दी गई।

इमरान खान ने यह भी कहा था कि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार के सत्ता में आने से पहले, सरकारें अपनी मिट्टी पर काम करने वाले आतंकवादी समूहों को निष्क्रिय करने की राजनीतिक इच्छा नहीं थी। एक अलग कार्यक्रम में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनके यहां 40 अलग-अलग आतंकवादी समूह हैं जो उनकी ही सीमा के भीतर काम कर रहे हैं।

पाकिस्तान के लगातार कुबूलनामे के बाद एफएटीएफ यानि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स द्वारा ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की उम्मीदें बढ़ गयी हैं। इसी साल अक्टूबर में पेरिस में वित्तीय एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की आगामी बैठक से पहले पाक सरकार के मंत्री की ऐसी टिप्पणी उन्हें और मुसीबत में लाने वाली है। इन सभी बयानों का असर एफएटीएफ द्वारा दी जाने वाली रेटिंग पर पड़ने वाला है और एफएटीएफ द्वारा दी गयी खराब रेटिंग से पड़ोसी देश की ब्लैक लिस्ट में जगह सुनिश्चित हो जाएगी। बैंकॉक में हुए एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान एशिया पैसिफिक ज्वाइंट ग्रुप को मामूली रूप से भी विश्वास में नहीं ले पाया। इससे पहले फायनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (FATF) के एशिया पैसिफिक ग्रुप ने भी कैनबरा में हुए बैठक के बाद पाकिस्तान को ‘ब्लैकलिस्ट’ में शामिल कर दिया था। एशिया पैसिफिक ग्रुप ने यह पाया था कि पाकिस्तान ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्त पोषण संबंधी 40 अनुपालन मानकों में से 32 का पालन नहीं किया है। एपीजी ने पाकिस्तान के लिए आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने वाले 11 प्रभावशाली मानक तय किए थे जिसमें से पाकिस्तान 11 में से 10 में फिसड्डी साबित हुआ है।

बता दें कि एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में अपनी ग्रे-लिस्ट में डाल दिया था। उसे 15 महीने का समय देकर 27 बिंदुओं के एक्शन प्लान पर काम करने के लिए कहा गया था लेकिन पाक इन 27 बिंदुओं में से 25 को पूरा करने में असफल रहा था। इसकी समय सीमा आगामी अक्तूबर माह में खत्म हो रही है। भारत एफएटीएफ और एशिया पेसिफिक ग्रुप का एक वोटिंग सदस्य है, और संयुक्त समूह का सह-अध्यक्ष भी है।

हालांकि, अब देखने वाली ये बात होगी कि चीन पाकिस्तान के ब्लैकलिस्ट होने का समर्थन करता है या प्रस्ताव का विरोध करता है। हालांकि पाकिस्तान जब ग्रे लिस्ट हुआ था तब भी चीन ने एक बार विरोध किया था। इस बार अंतराष्ट्रीय स्तर से भी पाकिस्तान पर दबाव ज्यादा है क्योंकि पूरे विश्व समुदाय में पाकिस्तान को आतंकवाद के लिए फटकार पड़ी है। अभी कुछ दिन पहले ही यूएस ने पाक के 12 आतंकवाद से संबंधित लोगों पर बैन लगाया है। ऐसे में एफएटीएफ द्वारा पाक का ब्लैक करना तय है। पड़ोसी देश पहले ही कर्ज़ और आर्थिक संकट के बोझ तले डूबा हुआ है। अगर यहां से भी पाक को मुंह की खानी पड़ी तो आर्थिक रूप से दिवालिया होने के कगार पर पहुंच जाएगा।

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