कश्मीर मुद्दे पर चीन के रुख से नाराज़ चल रहे भारत ने चीन को एक कड़ा संदेश भेजा है। भारत ने चीन के विदेश मंत्री द्वारा प्रस्तावित भारत यात्रा को फिलहाल के लिए स्थगित करने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री इस्लामाबाद के बाद नई दिल्ली आना चाहते थे, लेकिन भारत ने इसे भारत-पाकिस्तान रिश्तों में दखल देने की कोशिश के तौर पर देखा और उन्हें अपना कार्यक्रम पुनर्निधारित करने के लिए कहा है। इसके अलावा यह भी माना जा रहा है कि कश्मीर मुद्दे पर चीन के भारत-विरोधी रुख के खिलाफ एक कड़ा संदेश भेजने के लिए भी भारत द्वारा ऐसा कदम उठाया जा सकता है।
बता दें कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी 9 सितंबर को भारत दौरे पर आने वाले थे। इस दौरान उनका राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा का कार्यक्रम था। अगस्त में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन का दौरा किया था। उसी वक्त चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा का कार्यक्रम तय हुआ था। ठीक उसी दौरान भारत ने चीन को यह यकीन दिलाया था कि भारत द्वारा कश्मीर को लेकर लिए गए फैसले से चीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, उसके बाद भी चीऩ अपनी पाक-परस्ती के कारण कश्मीर मुद्दे को यूएन में लेकर गया और इसपर यूएन सुरक्षा परिषद में एक अनौपचारिक मुलाक़ात हुई। हालांकि, वह और बात है कि यूएनएससी में चीन को मुंह की खानी पड़ी थी और उसका किसी ने साथ नहीं दिया था।
हालांकि, भारत का यह फैसला चीन को बिल्कुल भी नहीं भाया और चीऩ ने भारत के फैसले के बाद अपने विदेश मंत्री की यात्रा को सीधे-सीधे रद्द करने का ऐलान कर दिया। जाहिर है, भारत ने अपने एक फैसले से चीन को भौचक्का कर दिया है जिसके बाद अपनी इज्ज़त बचाने के लिए चीऩ को भी इस दौरे को रद्द करना पड़ा। हालांकि, चीन की इस फजीहत को कवर फायर देने के लिए पाकिस्तान ने भी एड़ी चोटी का ज़ोर लगाया। पाकिस्तान मीडिया ने यह खबर चलाई कि चीन के विदेश मंत्री द्वारा उनकी भारत यात्रा को रद्द किया गया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी मीडिया ने इस खबर को कुछ इस तरह दिखाया कि मानों चीन द्वारा भारत को कोई बड़ा झटका दिया गया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के मीडिया पोर्टल ‘द नेशन’ ने यह फेक न्यूज़ तक फैला डाली कि कश्मीर मुद्दे पर भारत से नाराज़ चल रहे चीऩ ने भारत को यह बड़ा झटका दिया है, जबकि सच्चाई इससे कोसों दूर है।
कश्मीर मुद्दे पर चीन और पाकिस्तान का अनैतिक गठजोड़ एक बार फिर सबके सामने आ गया है। चीऩ ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के हितों को दरकिनार करते हुए पूरी तरह पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाया और वो भी तब, जब भारत के विदेश मंत्री अपनी चीऩ यात्रा पर चीन की सभी शंकाओं को दूर करके आए थे। ऐसे में चीऩ को उसी की भाषा में एक संदेश देने की सख्त ज़रूरत थी। गौरतलब यह है कि इस वर्ष अक्टूबर में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत के दौरे पर आने वाले हैं और इससे पहले भारत द्वारा इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
भारत और चीऩ दुनिया के दो सबसे बड़ी आबादी वाले देश हैं और दो बड़े विकासशील देश हैं, ऐसे में दोनों देशों का एक दूसरे के हितों को ध्यान में रखकर अपने कूटनीतिक फैसला लेना ही उनके हित में हैं। भारत ने इस बात को समझा भी है लेकिन चीऩ का रुख इसको लेकर काफी निराशाजनक रहा है। हालांकि, भारत को भी चीऩ के प्रति अपना कड़ा रुख दिखाने की ज़रूरत है और भारत द्वारा चीन के विदेश मंत्री की यात्रा को स्थगित करना भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।