जियो ने पहले प्री-पेड मार्केट में तहलका मचाया, अब पोस्ट-पेड मार्केट में धूम मचाने की तैयारी

पोस्ट-पेड

PC : jio/youtube

आज से तीन साल पहले रिलायंस जियो ने टेलिकॉम क्षेत्र में कदम रखा था और देखते ही देखते उसने पूरी इंडस्ट्री को ही बदल कर रख दिया। एक तरफ जहां आसमान छूते दाम धड़ाम से नीचे आ गए, तो वहीं कई छोटे खिलाड़ी मार्केट से बाहर भी हो गए। हालांकि, जियो ने यह धमाल अभी तक सिर्फ प्री-पेड मार्केट में ही मचाया था और पोस्ट-पेड मार्केट में अब भी पुराने खिलाड़ी जैसे वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल का ही बोलबाला रहा है।

हालांकि, जियो अब पोस्ट-पेड मार्केट में भी धमाल मचाने की तैयारी कर रही है। बता दें कि पोस्ट-पेड यूजर्स यूं तो कुल यूजर्स का सिर्फ 5 प्रतिशत होते हैं, लेकिन कंपनियों की कमाई के मामले में इनका हिस्सा 25 प्रतिशत तक का होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आज भी ऐसे कई उपभोक्ता है जो अच्छी सुविधा के लिए महंगे पोस्ट-पेड प्लान्स को सबस्क्राइब करते हैं।

मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली जियो अब अपनी कुशल रणनीति के माध्यम से पोस्ट-पेड मार्केट में अपना प्रभुत्व जमाने की तैयारी में हैं। कंपनी अपने बहुप्रत्याशित ब्रॉडबैंड प्लान के साथ-साथ अपने टेलिकॉम पोस्ट-पेड प्लान को 5 सितंबर को लॉंच करने की तैयारी में है। यूजर्स चाहे तो वे इन दोनों प्लान्स को बंडल में ना लेकर अपनी सुविधा के अनुसार अलग से भी ले सकेंगे।

जानकारों का मानना है कि पोस्ट-पेड मार्केट में जियो के आने से वोडाफ़ोन-आइडिया को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन एयरटेल अभी जियो को टक्कर देने की स्थिति में है। अभी वोडाफ़ोन-आइडिया प्री-पेड और पोस्ट-पेड दोनों क्षेत्रों में ग्राहकों को जल्दी से खोते जा रही है। कंपनी ने पिछले साल जब अपने इनकमिंग टैरिफ प्लान को लॉंच किया था, तब से लेकर अब तक कंपनी  अपने 6 करोड़ 70 लाख ग्राहक खो चुकी है। अगर जियो के आने के बाद वोडाफ़ोन-आइडिया को भारी नुकसान होता है और कंपनी को पोस्ट-पेड मार्केट से बाहर होना पड़ता है, तो पोस्ट-पेड मार्केट में सिर्फ एयरटेल और जियो ही बचेंगे।

जियो कंपनी की इस सफलता के पीछे मुकेश अंबानी का कुशल नेतृत्व माना जाता है। वे हर बड़े प्रोजेक्ट में खुद दिलचस्पी लेकर अपनी रणनीति को अंजाम देने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने देश के कई बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें 15 हज़ार करोड़ की लागत से जामनगर में बना रिलायंस पेट्रोलियम प्लांट शामिल था। वे आमतौर पर मीडिया से कम बातचीत करते हैं और बाज़ार में अपनी मोनोपोली स्थापित करने में विश्वास रखते हैं। व्यवसाय के शुरुआती दिनों में उन्होंने धागे बनाने के व्यवसाय में अपनी कंपनी की मोनोपोली स्थापित की, अब टेलीकॉम के क्षेत्र में भी उन्होंने उसी रणनीति को आगे बढ़ाया है।

मुकेश अंबानी की बदौलत भारत में डेटा दर दुनिया में सबसे कम है। इसके अलावा कुछ ही महीने पहले मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को भारत की सबसे बड़ी कंपनी होने का ताज मिला था। राजस्व, कमाई और मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर रिलायंस अब देश की सबसे बड़ी कंपनी उभर कर सामने आई थी। टेलिकॉम सेक्टर की बात करें तो मुकेश अंबानी ने जियो को फ्री सेवा के साथ मार्केट में लॉंच किया था जिसके बाद अन्य टेलिकॉम कंपनियों को भी अपनी सेवाओं के दाम कम करने पड़े थे। अब इसी रणनीति के तहत वे पोस्ट-पेड मार्केट में भी धूम मचाने की कोशिश कर सकते हैं।

Exit mobile version