पहले ISRO के वैज्ञानिक का अपमान किया और फिर धीरे से माफी मांग ली, पल्लव बागला ऐसे नहीं चलेगा

पल्लव बागला इसरो

PC: india.com

भारत में हमारे कुछ पत्रकार ऐसे हैं जिन्हें बेसिक टर्म्स पता हो न हो, किसी मुद्दे से जुड़ी जानकारी हो न हो लेकिन वो तथाकथित पत्रकार वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिक विश्लेषक, खिलाड़ी, आदि के रूप में कार्य करते हैं। सवालों की बौछार तो ऐसे करते हैं जैसे उन्हें सब पता है और वो ही किसी भी काम के सफल होने और न होने के लिए नंबर देने वाले हैं। ऐसा ही कुछ एनडीटीवी के पत्रकार पल्लव बागला ने किया। जहां एक तरफ पूरा देश चंद्रयान 2 के लिए इसरो और भारतीय वैज्ञानिकों पर गर्व महसूस कर रहा था तो वहीं, एनडीटीवी के पत्रकार ने इस मिशन के लिए इसरो के वैज्ञानिकों की मेहनत का मजाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। चंद्रयान 2 के लैंडर विक्रम के इसरो से संपर्क टूटने पर पहले से ही हताश वैज्ञानिकों पर पल्लव बागला ऐसे चिल्लाने लगे और ओछे सवाल करने लगे जैसे सारी मेहनत ये खुद कर रहे थे और वैज्ञानिकों ने इसपर पानी फेर दिया। इनके लिए इस मिशन का 5 फीसदी फेल होना ज्यादा महत्त्व रखता है, परन्तु 95% सफलता कोई मायने नहीं रखती है। उनकी इस गंदी पत्रकारिता से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रहा है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे एनडीटीवी के पत्रकार पल्लव बागला प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने आये एक वैज्ञानिक पर चिल्ला रहे हैं और उनसे ओछे सवाल कर रहे हैं। उनके सवालों से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों के जवाब देने आये इसरो वैज्ञानिक सन्न हो गये और ये भाव उनके चेहरे पर सपष्ट नजर आ रहा था। वीडियो में पल्लव बागला का चेहरा नहीं दिखाई दे रहा लेकिन बाद में उनकी पहचान सार्वजनिक हो गयी कि ये महाशय एनडीटीवी के पत्रकार है।

आप देख सकते हैं कैसे वीडियो में पल्लव बागला चिल्लाते हुए पूछ रहे हैं, “यहां चेयरमैन नहीं है, क्यों के.सिवान यहां नहीं आये, प्रेस का सामना करने के लिए यहां चेयरमैन क्यों नहीं है? यह एक परंपरा है कि जब भी कुछ गलत होता है तो चेयरमैन आता है और जवाब देता है न कि कोई जूनियर आता है बताने के लिए। ऐसे में वो मीडिया के सवालों के जवाब देने के लिए क्यों नहीं आये?” वीडियो को देखने के बाद स्पष्ट है कि एनडीटीवी के पत्रकार के अशिष्ट और बेतुके सवाल शर्मनाक है जो अपने ही देश के वैज्ञानिक के काम पर सवाल उठा रहा है और उनका अपमान कर रहा है।

सोशल मीडिया पर पल्लव की इस गंदी पत्रकारिता के लिए लोगों ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई। एक यूजर ने लिखा, “शर्मनाक, एनडीटीवी का एक पत्रकार वैज्ञानिक से घृणित तरीके से सवाल कर रहा है। एक वैज्ञानिक बनने से पहले आपको पीएचडी की डिग्री चाहिए होती है जो सालों के एक्सपेरिमेंट्स के बाद मिलती है लेकिन एक मुर्ख पत्रकार बनने के लिए असभ्य भाषा और बडबोलापन काफी है।”

https://twitter.com/srikanthbjp_/status/1170194517208662017

इसके अलावा कई यूजर्स ने एनडीटीवी के इस पत्रकार की जमकर आलोचना की इन ट्वीटस को देखकर आप खुद समझ जायेंगे:

https://twitter.com/ippatel/status/1170187021404360704

वीडियो वायरल होने के बाद हर तरफ से एनडीटीवी और इसके पत्रकार की थू-थू होने लगी और जब देश का मूड भांपा तो पल्लव बागला ने माफी मांग ली।

माफ़ी मांगते हुए पल्लव बागला ने कहा, “इसरो के प्रति मेरे मन में अगाध सम्मान है, जिसे मैंने अक्सर ‘आइलैंड ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में वर्णित किया है। मुझे क्षमा करें, मेरा व्यवहार मेरे स्वयं के मानकों या उस संगठन के अनुरूप नहीं था जिसके लिए मैं काम करता हूं। यह फिर से नहीं होगा। मुझे क्षमा करें।”

पल्लव बागला ने माफ़ी तब मांगी जब हर तरफ से उन्हें लताड़ा जा रहा था, इसरो वैज्ञानिक का अपमान करने के लिए उनकी खींचाई की जा रही थी। अब बागला ने बस दिखावे के लिए माफ़ी मांगी या सच में अपने किये पर शर्मिंदा हैं ये तो उनका मन ही जानता होगा पर एनडीटीवी ने भी अपने इस पत्रकार के अभद्र व्यवहार पर कोई प्रतिक्रिया देना जरुरी नहीं समझा।

वहीं, सोशल मीडिया पर पल्लव बागला के एक पुराने वीडियो को लेकर भी आम जनता ने उनके बेसिक ज्ञान का मजाक उड़ाया है। यूजर्स ने उनके एक वीडियो को शेयर किया है जिसमें बागला चंद्रयान 2 को लेकर इसरो चीफ के सिवान का इंटरव्यू ले रहे हैं।

इस वीडियो में पल्लव बागला के सिवान से ये सवाल कर रहे हैं कि “चंद्रयान -2 के साथ कितने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जा रहा है?” जिसके जवाब में सिवान कह रहे हैं कि ‘यह एक स्वचालित और मानव रहित मिशन है। इस मिशन में किसी एस्ट्रोनॉट को नहीं भेजा जा रहा है।’ इस मिशन को लेकर पहले ही इसरो ने बता दिया था कि ये मिशन मानवरहित है फिर भी, ऐसे बेतुके सवाल वो भी पूरे आत्मविश्वास के साथ तो केवल एनडीटीवी के पत्रकार ही कर सकते हैं जिन्हें स्वचालित और मानव मिशन का अंतर नहीं पता।

इसरो ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि चंद्रयान -2 स्वचालित और मानव रहित मिशन है जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी को विकसित करना और इसका प्रदर्शन करना था। फिर भी पल्लव बिना किसी तैयारी के बेतुके सवाल पूछने पहुंच जाते हैं। इसके लिए यूजर्स ने उनके ज्ञान का खूब मजाक उड़ाया।

बता दें कि चंद्रयान-2 के आखिरी पलों में इसरो का संपर्क विक्रम लैंडर से टूट गया था उस समय लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की उंचाई पर था। इस खबर को सुनते ही पूरे देश में मायूसी छा गयी। बच्चा-बच्चा इसे देखकर मायूस था, वैज्ञानिकों के चेहरे और उदासी थी। हालांकि, बाद में इसरो ने स्पष्ट किया कि चंद्रयान-2 मिशन 95 फीसदी सफल हुआ है, केवल 5 फीसदी ही फेल हुआ है। भले ही विक्रम लैंडर का संपर्क वैज्ञानिकों से टूट गया हो, लेकिन चांद की कक्षा पर मौजूद चंद्रयान 2 ऑर्बिटर पूरे एक साल तक चांद पर शोध करेगा और उसके रहस्‍यों पर से पर्दा हटाएगा।

 

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