नीना गुप्ता के सवालों से भड़की तापसी पन्नू ने नर्गिस दत्त और आयुष्मान से की अपनी तुलना

नीना गुप्ता

PC: India today

हाल ही में फ़िल्म मेकर अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित और तुषार हीरानंदानी द्वारा निर्देशित ‘सांड की आँख’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ। वयोवृद्ध शूटर जोड़ी चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के जीवन पर आधारित इस फिल्म में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर मुख्य भूमिका में है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ होते ही सोशल मीडिया पर आलोचना का केंद्र बन गयी। कई यूजर्स को लगा की वृद्धावस्था वाले फेज़ में तापसी और भूमि सही नहीं लग रही है, तो कई लोगों को ट्रेलर रास नहीं आया।

इसी बीच एक यूज़र ने प्रसिद्ध अभिनेत्री नीना गुप्ता से इस फिल्म की लीड कास्ट पर उनकी राय मांगी। इस पर नीना ने अपना जवाब भी दिया।

ट्वीट के अनुसार, ‘हाँ, मैं भी इसी बारे में सोच रही थी। हमारी उम्र के रोल तो कम से कम हमसे करा लो भाई’।

इस ट्वीट से नीना गुप्ता का निशाना बॉलीवुड के कास्टिंग विभाग पर था, जो कई अवसरों पर उम्रदराज रोल के लिए गलत अभिनेताओं का चुनाव करते हैं। अब ‘भारत’ का उदाहरण ही ले लीजिये। सलमान खान को 75 वर्ष का वृद्ध व्यक्ति दिखाने के लिए फिल्म क्रू ने जिस तरह की मेहनत की, उससे साफ दिखता है कि वे फिल्म के प्रति कितने गंभीर थे।

नीना गुप्ता ने कोई गलत बात भी नहीं कही है। भले ही वह वयोवृद्ध हो, परंतु उनके अभिनय के कौशल के आज भी कई लोग कायल हैं। पिछले वर्ष आई ‘बधाई हो’ में उन्होंने और सुरेखा सीकरी ने क्रमश: बहू और सास की भूमिका में ये सिद्ध कर दिया कि यदि स्क्रिप्ट अच्छी हो, तो वे अपने उम्र के रोल में भी अमिट छाप छोड़ सकते हैं। वैसे भी, नीना गुप्ता के विचार शत-प्रतिशत सही भी हैं। उम्र के लिहाज से ही किसी भी भूमिका को किसी एक्टर या एक्ट्रेस को दिया जाना चाहिए अन्यथा वो बनावटी नजर आता है, जैसे ‘सांड की आंख’ में तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर की भूमिका को देखकर लग रहा है।

अब हर कोई Christian Bale तो नहीं हो सकता जो किसी भी रोल में ढल जाये और अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ जाए, जैसे उन्होंने हाल ही में वाइस फिल्म में पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति डिक चेनी के रोल में किया।

फिर क्या था, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने नीना गुप्ता के इस बयान की प्रशंसा करते हुए सांड की आंख के मूल कास्ट के लिए अपने विचार सामने रखे। इससे पहले भी कुछ यूट्यूब वीडियो में इस हिपोक्रिसी पर सवाल उठाया गया, जहां जो लोग सुपर 30 में पंकज त्रिपाठी के मुख्य भूमिका में होने की बात कर रहे थे, वो ‘सांड की आँख’ में रत्ना पाठक शाह और सुप्रिया पाठक कपूर के मुख्य भूमिका में न होने पर मौन क्यों है?

जवाब में तापसी पन्नू ने भी अपने विचार सामने रखे। उन्होंने अपने ट्विटर टाइमलाइन पर पोस्ट करते हुये कहा,’मैं केवल आशा कर सकती हूं कि यह ट्वीट सभी के प्रश्नो का उत्तर दे सके, क्योंकि हमारे लिए बार बार जवाब देना उबाऊ होता जा रहा है। तो आप सभी लोगों के लिए ये रहा मेरा उत्तर’।

इसके बाद उन्होंने अपने बयान की कॉपी भी इसी ट्वीट के साथ पोस्ट की, जिसमें तपसी ने नीना गुप्ता के साथ उनकी [तापसी की]आलोचना करने वाले कथित ट्रोल्स पर प्रश्न उठाते हुए पूछा, ‘क्या हमने यही प्रश्न तब किया जब महेश भट्ट की ‘सारांश’ में एक वयोवृद्ध व्यक्ति की भूमिका निभा रहे थे? क्या हमने यही प्रश्न तब किया जब नर्गिस ने सुनील दत्त की माँ की भूमिका निभाई? क्या हमने यह प्रश्न तब किया जब ‘कमिंग टू अमेरिका’ में एडी मर्फी ने एक श्वेत यहूदी की भूमिका निभाई? क्या हम यह प्रश्न तब भी करेंगे जब आयुष्मान खुराना ‘शुभ मंगल’ ज़्यादा सावधान में एक समलैंगिक व्यक्ति का रोल निभाएंगे?”

पहले तो तापसी जी, एडी मर्फी ने श्वेत व्यक्ति की भूमिका कमिंग टू अमेरिका में नहीं, बल्कि एक टीवी शो सैटर्डे नाइट लाइव के एक एपिसोड में निभाई थी और आयुष्मान के रोल का नीना गुप्ता की आलोचना के विषय से क्या लेना देना? क्या आपके पास कोई बेहतर तर्क नहीं है? रही बात नर्गिस दत्त की, उनकी एक्टिंग स्किल और शानदार स्क्रीन परफॉरमेंस की तो आपको उस स्तर तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। नीना गुप्ता की बातों का जिस तरह से तापसी पन्नू ने जवाब दिया, उससे साफ पता चलता है कि बॉलीवुड का अभिजात्य वर्ग रचनात्मकता और व्यावहारिकता के प्रति कितना गंभीर है।

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