दुनिया के सामने अपनी आतंकी गतिविधियों को लेकर बेनकाब हो चुके पाकिस्तान ने एक और नापाक करतूत की है। पाकिस्तान के इस हरकत से स्पष्ट हो गया है कि इस बार उसने स्वयं मुसीबत को न्योता दिया है। एक ओर जहां पाकिस्तान के ऊपर अगले माह में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा है, तो वहीं सूत्रों से पता चला है कि बालाकोट में स्थित जो आतंकी कैम्प एयर स्ट्राइक्स के बाद बंद पड़ चुका था, उसे फिर सक्रिय कर दिया गया है।
इस बारे में स्वयं भारत के सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने खुलासा करते हुये कहा, “हाल ही में पाकिस्तान ने बालाकोट के कैंप को एक बार फिर सक्रिय कर दिया है। उसे पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। वहाँ से लोगों को हटा दिया गया था और अब उसे पुनः सक्रिय किया गया है। इससे सिद्ध होता है कि भारतीय वायुसेना ने वहाँ पर एक्शन लिया था और अब उन्होने अपने ‘लोग’ वापिस बुला लिए हैं”। इसके अलावा अभी-अभी पता चला है कि जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले से 40 किलो विस्फोटक पदार्थ बरामद किए गए हैं। जिससे एक भयानक आतंकी हमले को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया गया है।
इस घटना ने पाकिस्तान के भारत में निरंतर आतंकी हमले कराने की योजना को भी उजागर किया है। इसके अलावा यह भी पता चला है कि एफ़एटीएफ़ मीटिंग के दौरान पाकिस्तान भारत में आतंकियों की घुसपैठ करने नित नई योजनाएँ तैयार कर रहा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, एक सूत्र ने बताया, ‘एलओसी पार पीओके में करीब 450-500 आतंकवादी आतंकी लॉंचपैड पर प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनमें से कई आतंकियों को बालाकोट के पुनः सक्रिय हुये आतंकी कैम्प में प्रशिक्षित किया गया है।
हाऊडी मोदी कार्यक्रम के दौरान ही भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया था कि उसकी नापाक हरकतों का पुख्ता हिसाब लिया जाएगा। बिना पाकिस्तान का नाम लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उसे आतंकवाद को समर्थन देने के लिए जमकर लताड़ा –
पीएम मोदी ने कहा- “भारत अपने यहां जो कर रहा है, उससे कुछ ऐसे लोगों को भी दिक्कत हो रही है जिनसे ख़ुद अपना देश नहीं संभल रहा है। उन्होंने भारत के प्रति नफ़रत को ही अपनी राजनीति का केंद्र बना दिया है। आतंक के समर्थक हैं, आतंक को पालते-पोसते हैं। उनकी पहचान सिर्फ़ आप नहीं पूरी दुनिया अच्छी तरह जानती है।”
उन्होंने आगे कह- ‘’अमरीका में 9/11 हो मुंबई में 26/11, उसके साज़िशकर्ता कहां पाए जाते हैं? अब समय आ गया है कि आतंकवाद को शह देने वालों के ख़िलाफ़ निर्णायक लड़ाई लड़ी जाए। इस लड़ाई में राष्ट्रपति ट्रंप पूरी मज़बूती के साथ आतंकवाद के ख़िलाफ़ खड़े हुए हैं। ट्रंप के इस मनोबल के लिए उन्हें भी स्टैंडिंग दें।”
#WATCH PM Modi: Bharat apne yahan jo kar raha hai us'se kuch aise logon ko bhi dikkat ho rahi hai, jinse khud apna desh sambhal nahi raha hai…Be it 9/11 in US or 26/11 in Mumbai, where are the conspirators found? Time has come for a decisive battle against terrorism… pic.twitter.com/rof9m9Jvfk
— ANI (@ANI) September 22, 2019
भारत के पक्ष का समर्थन करते हुये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट रूप से इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने की बात कही। उन्होने कहा, “हम उन सभी भारतीय और अमरीकी सैनिकों का सम्मान करते हैं जो जनता की रक्षा में जुटे रहते हैं। हम कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से बचाव के लिए प्रतिबद्ध हैं।”। पीएम मोदी और ट्रंप का यह बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान पर एक अप्रत्यक्ष हमले के रूप में देखा जाना चाहिए। पाकिस्तान ने आतंक एक्सपोर्टर के तौर अपनी पहचान बहुत पहले ही उजागर कर दी है। इसके अलावा पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने स्वयं पाकिस्तान के आतंक समर्थक नीतियों को उजागर करते हुये स्वीकार किया है कि पाकिस्तान ने अल कायदा और अन्य आतंकी गुटों को प्रशिक्षण दिया है, जिससे वे अफ़ग़ानिस्तान में लड़ सकें। ये अलग बात है कि यह नीति बाद में पाकिस्तान के लिए ही हानिकारक सिद्ध हुई। इससे पहले इमरान खान के मंत्री भी स्वीकार चुकें हैं कि उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों को अपने देश में पाला।
ऐसे में लगता है कश्मीर का राग अलापने का निर्णय लेकर इमरान खान ने बहुत बड़ी गलती की है। विश्व भर में सभी ताकतवर देशों ने यह स्वीकार कर लिया है कि अनुच्छेद 370 का हटाया जाना भारत का आंतरिक मामला है। परंतु पाकिस्तान इसके बाद भी कश्मीर का मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उछालता रहा है, और अब जिहाद की अप्रत्यक्ष धमकियाँ देकर, परमाणु युद्ध की धमकियाँ देकर और अब प्रत्यक्ष रूप से आतंकियों के घुसपैठ को बढ़ावा देकर पाकिस्तान ने अपने आप को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।
पाकिस्तान ने भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर घेरने की सोची थी, परंतु यहाँ तो लगता है कि पासा पूरी तरह पलट गया है। यह पीएम मोदी की सफल कूटनीति और दुनिया में भारतीय लोकतंत्र की लोकप्रियता के कारण ही संभव हुआ है। जो पाकिस्तान में लगभग असंभव है, सभी देश जानते हैं कि पाकिस्तान एक आतंक पोषक राष्ट्र है। पाकिस्तान ने निस्संदेह भारत से भिड़ने के लिए गलत अखाड़े को चुना और अब जल्द ही एफ़एटीएफ़ से ब्लैकलिस्ट होने की कगार पर भी पहुँच चुका है।
यदि एफ़एटीएफ़ पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देता है, तो पाकिस्तान पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पहले से ही खस्ताहाल है। महंगाई सभी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है, पाकिस्तानी मुद्रा का मूल्य भी डॉलर के मुकाबले बहुत कमजोर हो चुका है। ऐसे में एफ़एटीएफ़ द्वारा ब्लैकलिस्ट किया जाने का मतलब है पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पूरी तरह रोड पर आ जाएगी। जिसके लिए पाकिस्तान के अलावा कोई और जिम्मेदार नहीं होगा।