जम्मू कश्मीर को लेकर पाकिस्तान पूरी दुनिया में अपना एजेंडा फैलाने से बाज़ नहीं आ रहा है। कल यानि मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन मानवाधिकार परिषद में जम्मू कश्मीर का मामला उठाया, और भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने यूएनएचआरसी में 115 पन्नों का एक डोज़ियर भी जमा किया है जिसमें उसने भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने के लिए झूठ का सहारा लिया है। हालांकि, दुर्भाग्य की बात तो यह है कि पाकिस्तान ने हमारे देश के ही कुछ नेताओं के बयानों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के खिलाफ हथियार बनाने का प्रयास किया है। दरअसल, खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान ने अपने डोज़ियर में भारतीय नेता राहुल गांधी और उमर अब्दुल्ला के देश विरोधी बयानों को प्रमुखता से शामिल किया है, ताकि उसे भारत को बदनाम करने में आसानी हो सके।
पाकिस्तान के दस्तावेज में राहुल गांधी के उस बयान को शामिल किया गया है जो उन्होंने आर्टिकल 370 समाप्त किए जाने के 20 दिन बाद दिया था। बयान के अनुसार, ‘कश्मीर के लोगों की स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों को समाप्त किए आज 20 दिन हो चुके हैं। विपक्षी नेता और मीडिया सत्ता के क्रूर स्वरूप को देख रहे हैं और जम्मू-कश्मीर के नागरिकों पर बर्बरता से बल प्रयोग किया जा रहा।’
A leaked document, reportedly the Pakistani dossier to be presented by them at United Nations Human Rights Council (UNHRC) today, circulating in Pak media circles. The opening page of the document shows quotes by Congress leader Rahul Gandhi & National Conference's Omar Abdullah. pic.twitter.com/4JoFClPil6
— ANI (@ANI) September 10, 2019
इसी तरह पाकिस्तानी दस्तावेज में उमर के हवाले से कहा गया, ‘केंद्र सरकार के एकपक्षीय और हैरान करने वाले फैसले के बहुत घातक परिणाम होंगे। यह कश्मीरियों के खिलाफ आक्रोश है। यह फैसला एकपक्षीय, गैर-कानूनी और असंवैधानिक है। एक बहुत मुश्किल और लंबी लड़ाई सामने खड़ी है और हम उसके लिए तैयार हैं।’
देखने को मिला है कि राहुल गांधी जैसे अवसरवादी नेता देशहित के मुद्दों पर भी अपनी राजनीति चमकाने से बाज नहीं आते और भाजपा को घेरने के चक्कर में भारत को बदनाम करने की साजिश करने वाले दुश्मनों की सहायता करने में लग जाते हैं। ऐसा ही हमें कश्मीर मामले पर भी देखने को मिला। सभी भारतीय चाहते थे कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटे और भारत सरकार ने किया भी वही। हालांकि, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए भारत द्वारा इलाकों में कुछ पाबंदियां लगाई हुई थीं जिन्हें अब धीरे-धीरे हटाया भी जा रहा है। हालांकि, तब भी राहुल गांधी ने श्रीनगर एयरपोर्ट जाकर मीडिया के सामने अपना ड्रामा रचने में भलाई समझी। उसके बाद कश्मीर को लेकर उन्होंने एक विवादित ट्वीट भी किया था जिसे भी पाकिस्तान ने फ़ोरन लपका था और उस ट्वीट का ज़िक्र पाकिस्तान ने यूएन को लिखे अपने पत्र में किया था। तब राहुल गांधी ने लिखा था ‘“जम्मू-कश्मीर के लोगों की आजादी और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाए हुए 20 दिन हो चुके हैं। विपक्ष के नेताओं और प्रेस को प्रशासनिक क्रूरता और जम्मू-कश्मीर के लोगों पर किए जा रहे बल के बर्बर प्रयोग का अहसास हुआ।”
उससे पहले भी 10 अगस्त को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग से बाहर आते हुए मीडिया से बातचीत में राहुल ने एक विवाद खड़ा कर दिया था। राहुल ने कहा था, “अभी तक जितनी भी जानकारी मिल सकी है उसके मुताबिक कश्मीर में गलत हो रहा है और लोग मारे जा रहे हैं’’।
It's been 20 days since the people of Jammu & Kashmir had their freedom & civil liberties curtailed. Leaders of the Opposition & the Press got a taste of the draconian administration & brute force unleashed on the people of J&K when we tried to visit Srinagar yesterday. pic.twitter.com/PLwakJM5W5
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 25, 2019
इससे पहले जब भारत ने राष्ट्रपति ट्रम्प के कश्मीर पर मध्यस्थता करने को लेकर भारत की कथित विनती के दावे को झुठलाया था, तब भी वे राहुल गांधी ही थे जिन्होंने भारतीय विदेश मंत्रालय की टिप्पणी को नकारकर राष्ट्रपति ट्रम्प के झूठे दावों को प्राथमिकता दी थी।
एक मजबूत लोकतंत्र के लिए एक अच्छी सरकार के साथ-साथ अच्छे विपक्ष का होना भी उतना ही ज़रूरी है। विपक्ष का काम एक ‘वॉच डॉग’ का होता है जिसकी ज़िम्मेदारी सरकार के हर कदम की बारीकी से जांच करना होता है। लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य यह है कि हमारा विपक्ष हर मुद्दे पर देश हित को परे रख पार्टी हित को प्राथमिकता देता है। अब पाकिस्तान द्वारा अपने डोज़ियर में राहुल गांधी और अब्दुल्ला जैसे नेता का बयान शामिल करना इसी बात को दर्शाता है कि वे भारत की तरफ से नहीं बल्कि पाकिस्तान की ओर से मैदान में हैं