‘सुधर जाओ पाकिस्तान वरना 1971 से भी बुरा हाल करेंगे, ऐसा जवाब देंगे कि पुश्ते याद रखेंगी’-भारतीय सेना

पाकिस्तान

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद से बौखलाया पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने में लगा हुआ है। लेकिन जम्मू-कश्मीर में तैनात भारतीय सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते पाकिस्तान अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रहा है। परमाणु हमले की धमकी और प्रॉक्सी वॉर के सहारे पाक ने अपने तरकस के सभी तीर भारत के खिलाफ छोड़ा लेकिन उसे कहीं भी सफलता नहीं मिली। पाकिस्तान की कश्मीर को अस्थिर करने सभी प्रयासों के बारे में हाल ही में एक प्रेस ब्रीफ़ में चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने ऐसी बात कही जिसे पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए कि अब भारत रक्षात्मक सेना नहीं बल्कि आक्रामक सेना है। उन्होंने पाक को वर्ष 1971 याद दिलाते हुए कहा कि चौतरफा तमाशे के बावजूद, पाकिस्तानी सेना व आईएसआई कश्मीर में शांति भंग करने का प्रयास करेगी। पाक ऐसा कुछ भी करता है तो उन्हें ऐसा करारा जवाब मिलेगा जो आने वाली कई पीढ़िया सदियों तक याद रखेंगी, यहां तक कि 1971 से भी ज्यादा।’ उन्होंने आगे कहा, “मैं भारतीय सेना की तरफ से कह रहा हूं कि पाकिस्तानी सेना को करारा सबक सिखाया जाएगा और मुझे नहीं लगता कि उन्हें 1971 से बेहतर कुछ और याद होगा।”

जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन का यह बयान पाकिस्तान को पीओके पर चेतावनी के रूप में भी देखा जाना चाहिए। भारत का अगला लक्ष्य निश्चित और स्पष्ट है अगर पाकिस्तान फिर से किसी भी प्रकार का हरकत करता है तो उसे वर्ष 1971 से भी भयंकर जवाब दिया जाएगा। जनरल ढिल्लन ने वर्ष 1971 का याद इसलिए दिलाया क्योंकि उस समय भी हालात कुछ ऐसे ही बने थे। बता दें वर्ष 1971 की युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए हमला कर उसे को दो टुकड़ों में बांट दिया था, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश के रूप में एक नए देश का दर्जा दिया गया। वर्ष 1971 की शुरूआत में पश्चिमी पाकिस्तान के जनरल टिक्का खान ने ‘ऑपरेशन सर्चलाइट’ चलाया और इसमें बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की गईं थीं तथा लाखों लोगों का नरसंहार किया गया था। पाकिस्तानी सेना की डर से तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से भारी संख्या में रिफ्यूजी भारत आने लगे थे। वर्ष 1971 के नवंबर आते-आते पाकिस्तान भारत की पश्चिमी सीमा पर हमले की तैयारी कर चुका था। तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान से मदद की गुहार भी आने गई थी इसके बाद भारत ने कारवाई करते हुए पूर्वी पाक पर हमला कर दिया। भारत ने 23 नवंबर 1971 से सीमा पर सेना तैनात कर दिया था तथा 3 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी एयरफोर्स ने भारत पर हमला कर दिया। भारतीय नेवी और एयरफोर्स ने भी आर्मी के साथ शानदार तालमेल दिखाया था। नेवी ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ और ‘ऑपरेशन पायथन’ के जरिए पश्चिमी पाकिस्तान को पूर्वी पाकिस्तान से अलग-थलग कर पाक को दो हिस्सों में बाँट दिया। 16 दिसंबर आते-आते भारत और ‘मुक्ति वाहिनी’ सेना ने पूरे बांग्लादेश पर कब्जा कर लिया और इस तरह दूसरे विश्व युद्ध के बाद किसी देश की सबसे बड़ी हार हुई और एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ था।

अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान फिर से वैसे ही प्रॉक्सी वॉर करने की कोशिश में लगा हुआ है। सेना ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर पाकिस्तान और आईएसआई किसी भी प्रकार की भारत विरोधी अभियान चलाते हैं तो उन्हें वर्ष 1971 से भी भयंकर जवाब दिया जाएगा। शायद इस बार उसका कोई वजूद ही न रहे और उसे 4 हिस्सों यानि सिंध, बलूचिस्तान, पख्तून और पंजाब में बाँटा जा सकता है। बता दें कि पाकिस्तानी सेना का अत्याचार फिर से सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तून और गिलगिट-बल्टिस्तान में बढ़ चुका है और वहाँ से विद्रोह की खबरें भी तेजी से आ रही हैं। भारत इन विद्रोहियों को बांग्लादेश की मुक्ति वाहिनी सेना की तरह मदद कर पाक हो 4 हिस्सों में तोड़ सकता है। इस तरह से भारत को अपना पाक अधिकृत कश्मीर भी मिल जाएगा। इस बात पर भाजपा के दिग्गज नेता सुब्रमण्यम स्वामी कई बार बयान भी दे चुके हैं। सेना के इस बयान से भारत की सुरक्षा तंत्र की मजबूती पाकिस्तान को समझ लेनी चाहिए। अगर पाक नहीं समझता है तो उसे इसकी भरपाई करनी पड़ेगी।

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