पिछले कुछ सप्ताह से पाकिस्तान को वैश्विक पटल पर लगातार मुंह की खानी पड़ रही है इसका कारण भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के आंतरिक मामले को अंतराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश है। चीन हो छोड़ कर सभी देशों ने पाकिस्तान की एक न सुनी और इसे भारत का आंतरिक मामला बताया। संयुक्त राष्ट्र संघ में भी पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी। लगातार एक बाद एक हार से बौखलाए पाकिस्तान ने अब एक नई साजिश रची है। झूठी खबर फैलाने के लिए पाकिस्तानी एजेंसियों ने भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी ट्विटर हैंडल तैयार कर लिए हैं। भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इन फर्जी ट्विटर अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहीं हैं। सेना ने गुरुवार को अपने अधिकारियों से सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल करते समय दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा है।
फर्जी खबरों को फैलाने और पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत में अनुच्छे-370 और 35A को निरस्त करने के बाद से ही पाकिस्तान ने सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाना शुरू किया था और अब तक 200 से अधिक फर्जी अकाउंट बनाए जा चुके हैं। इन सभी अकाउंट से खास तौर से कश्मीर घाटी की स्थिति के बारे में झूठ परोसा जा रहा है। जिन अधिकारियों के नाम पर हैंडल बनाए गए हैं उनमें सेना प्रमुख के अलावा के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, पूर्व उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अंबू और पूर्व सेंट्रल आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी एवं अन्य शामिल हैं। इसके लिए सेना अधिकारियों के सोशल मीडिया पर इस्तेमाल होने वाली तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। एक अकाउंट मालेगांव विस्फोट के आरोपित लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित के नाम पर भी बनाया गया है।
उदाहरण के तौर पर एक कर्नल विजय आचार्य के नाम से फर्जी अकाउंट बनाया गया था और उससे ट्वीट किया गया कि वह सेना छोड़ रहा है क्योंकि उसकी यूनिट के 65 से अधिक सैनिकों को पाकिस्तान ने मार दिया। इस ट्वीट का इस्तेमाल पाकिस्तानी टीवी चैनलों ने भी कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ प्रचार के लिए किया था।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सेना के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर अमन आनंद ने कहा कि हमने कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स चिन्हित किए हैं जो वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के नाम से हैं। उन्होंने कहा कि हम संबंधित एजेंसियों के संपर्क में हैं। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट और फेक संदेशों की बाढ़ सी आ गई है।
पाकिस्तान द्वारा फर्जी अकाउंट से सिर्फ झूठी खबरें ही नहीं फैलाई गई हैं बल्कि कई सेना के सैनिकों को हनीट्रैप के जरिए फंसाया गया है। अक्टूबर 2018 में, ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंजीनियर निशांत अग्रवाल और बीएसएफ जवान अच्युतानंद मिश्रा आईएसआई और पाकिस्तानी लड़कियों के हनीट्रैप में फंस गए थे तथा वे फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से अन्य भारतीय सुरक्षा कर्मियों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।
हाल ही में, भारतीय खुफिया एजेंसियों ने झेलम में आईएसआई द्वारा चलाए जा रहे एक “कॉल सेंटर” का भंडाफोड़ किया है, जो भारतीय सेना और सरकारी अधिकारियों को हनीट्रैप से निशाना बना रहा था। यह पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड की मदद से 100 से अधिक भारतीय सिम कार्ड द्वारा संचालित किया जा रहा था। यह सभी भारतीय सिम कार्ड आईएसआई द्वारा प्राप्त किए गए थे क्योंकि पाकिस्तान में भारतीय यात्रियों के सिम कार्ड जब्त कर लिए जाते हैं। यह स्पष्ट तौर पर हाइब्रिड युद्ध का मामला है, जहां पाकिस्तानी एजेंट भारतीय लड़कियों के नाम से फर्जी एकाउंट्स बनाते हैं फिर इसके माध्यम से भारतीय सुरक्षाकर्मियों को अपने झांसे में लेते हैं और खुफिया जानकारी जुटाते हैं। भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ऐसे कई फर्जी अकाउंट्स का पता लगाया है और सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी भारतीय सैनिकों को हनीट्रैप से बचने के लिए प्रेरित किया है।
हाल ही में, भारतीय सेना के अधिकारियों ने जूनियर कमीशंड अधिकारियों (JCO) और जवानों के लिए निर्देश भी जारी की है। इसमें अधिकारियों और जवानों के साथ-साथ उनके परिवारों को वर्दी या सैन्य उपकरण के साथ फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट नहीं करने के लिए कहा है। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोशल मीडिया के नियमों की धज्जियां उड़ाने वालों पर कड़े कदम लेने का आदेश भी दिया है। साइबर सेल के आईजी ने लोगों से अपील की है कि यदि उनके पास इस तरह के कोई राष्ट्र विरोधी पोस्ट आते हैं तो वो उसको आगे ना बढ़ाएं। आईएसआई के हनीट्रैप की साजिश का पर्दाफाश एक सफलता है और भारतीय सेना को सभी प्रकार के युद्ध की तैयारी के दौरान अपनी कार्रवाई जारी रखनी चाहिए। यह हाइब्रिड युद्ध है। अब इस मामले में सुरक्षा कड़ी हो गई है। ऐसे फर्जी एकाउंट्स की पहचान करने के लिए सोशल मीडिया समेत यूट्यूब वीडियोज पर सेना 24×7 निगरानी रख रही है।