पीएम मोदी का यूएस दौरा खत्म, जानें कितनी सफल रही उनकी यात्रा

पीएम मोदी

PC: livemint

पीएम मोदी कल यानि शनिवार को अपने 7 दिवसीय अमेरिकी दौरे से स्वदेश लौटे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। पीएम मोदी का यह अमेरिकी दौरा काफी सफल रहा जहां उन्होंने ना केवल ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम से पूरी दुनिया को भारत की सॉफ्ट पावर का एहसास कराया बल्कि यूएन आम सभा के मंच से पूरी दुनिया को शांति का संदेश भी दिया। अपने दौरे के दौरान उन्होंने 42 विदेशी नेताओं से मुलाकात की। मोदी ने 36 द्विपक्षीय वार्ताओं और सात बहुपक्षीय वार्ताओं में हिस्सा लिया। उन्होंने ह्यूस्टन में हाउडी मोदी, ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम, संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन और संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित किया।

पीएम मोदी 21 सितंबर को अमेरिका पहुंचे थे जहां उनका शानदार स्वागत किया गया था। इसके बाद वे अमेरिका के टेक्सास के ह्यूस्टन शहर पहुंचे थे जहां उन्होंने ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम को संबोधित किया था, और उनका साथ दिया अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने! ट्रम्प और पीएम मोदी, दोनों ने ही अपनी-अपनी सरकारों की उपलब्धियां गिनाई। अगले साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और ऐसे में ट्रम्प के लिए अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करने का यह सुनहरा अवसर था। इस दौरान इन दोनों नेताओं की केमिस्ट्री देखने लायक थी। पीएम मोदी ने इन पलों को ‘हिस्टरी इन मेकिंग’ बताया। भारत समेत दुनियाभर में फैले भारतीय समुदाय के लोग इस कार्यक्रम को देखने के लिए अपने मोबाइल और टीवी से चिपके रहे। इस कार्यक्रम का सबसे जोशीला पल तब आया जब प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले का उल्लेख किया। इस दौरान उन्होंने हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उसपर जोरदार हमला बोला।

बता दें कि अपने इस कार्यक्रम में शिरकत करने से पहले उन्होंने देशहित में तेल सेक्टर के 16 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर सार्थक वार्ता की थी।

यात्रा के तीसरे दिन 23 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जलवायु परिवर्तन से जुड़े सत्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने पूरी दुनिया को बताया कि कैसे भारत जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ अभियान चलाया है और साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छ अभियान भी सफलतापूर्वक चलाया। रोचक बात यह रही कि इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बिना किसी कार्यक्रम के ही उनका भाषण सुनने के लिए वहां पहुंच गए।

उनकी अमेरिकी यात्रा के चौथे दिन पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की दूसरी बार मुलाक़ात हुई और इस दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने व्यापार, सुरक्षा और ऊर्जा संबधित विषयों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रम्प ने तो पीएम मोदी को ‘फादर ऑफ इंडिया’ तक की उपाधि दे डाली। इतना ही नहीं जब बात पाकिस्तानी समर्थित आतंक से निपटने की आई, तो डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उससे खुद ही निपट लेंगे और जम्मू-कश्मीर के मसले को भी वह सुलझा लेंगे।

पीएम मोदी की यात्रा के पांचवे दिन यानी 25 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी को बिल गेट्स की संस्था ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने यूएन को भारत की तरफ से सोलर पार्क का तोहफा दिया, जिसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री मोदी ने किया। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भारत के विकास कार्यों का जिक्र किया और स्‍वच्‍छता अभियान की भी चर्चा की। उन्‍होंने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र महासभा के 14वें सत्र को 130 करोड़ भारतीयों की तरफ से संबोधित करना, मेरे लिए गौरव का अवसर है। संयुक्त राष्ट्र की इमारत की दीवार पर आज मैंने पढ़ा- ‘नो मोर सिंगल यूज प्लास्टिक’। मुझे सभा को ये बताते हुए खुशी हो रही है कि आज जब मैं आपको संबोधित कर रहा हूं, उस वक्त हम पूरे भारत को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर, मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया’। इतना कहते ही पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा हुआ था।

पीएम मोदी द्वारा यह अमेरिकी यात्रा ऐसे समय में की गई थी जब पूरे विश्व में पाकिस्तान अपना कश्मीर एजेंडा चला रहा है। पाकिस्तान ने UNGA समेत दुनिया के सभी फोरम्स पर कश्मीर का नाम लेकर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करने की कोशिश की, लेकिन पीएम मोदी ने बड़े ही शानदार तरीके से पाकिस्तान के इस एजेंडे का सामना किया। यही कारण था कि कल उनका पालम एयरपोर्ट पर शानदार स्वागत किया गया था। उनकी यह यात्रा बेहद सफल रही और इसके लिए उनकी कूटनीति की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है।

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