पाक की डरपोक सेना POK के नागरिकों को ढाल बनाकर भेजती है LOC, अब विद्रोह में सड़क पर उतरे लोग

पाकिस्तान पिछले एक महीने से पूरी दुनिया में कश्मीर राग अलापता फिर रहा है। कभी वह कश्मीर में भारतीय सेना के तथाकथित जुल्मों को लेकर ढिंढोरा पीटता है, तो कभी वह कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर अपनी बौखलाहट दिखाता है, हालांकि पाकिस्तानी सरकार और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने अवैध कब्जे वाले कश्मीर पर अपनी आंखें पूरी बेशर्मी के साथ बंद की हुई हैं जहां पर आए दिन पाकिस्तानी सेना मासूम लोगों के घरों में जाकर उन्हें परेशान करती है और अगर कोई उनकी बात नहीं सुनता है तो पाकिस्तानी सेना के फौजी उन लोगों को मरवाने के लिए उन्हें भारतीय बॉर्डर की तरफ भेज देते हैं। इसी के खिलाफ बीते रविवार को पीओके में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले। पीओके के लोगों ने पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ प्रदर्शन किए जिसके बाद पुलिस ने कम से कम 22 लोगों को गिरफ्तार कर लिया

पाकिस्तान से आज़ादी को लेकर पीओके में प्रदर्शन होना कोई नई बात नहीं है। पीओके के लोगों को पाकिस्तान की सरकार मूलभूत सुविधाएं प्रदान नहीं कराती है और जमकर उनका शोषण करती है। इसके अलावा पाकिस्तान की सेना आधी रात को रेड के नाम पर मासूम लोगों के घरों में घुसकर उन्हें परेशान करती है। रविवार को पीओके के लोगों ने इसी के खिलाफ सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जताया। लोगों ने इस दौरान ‘पाकिस्तानी फौजियों छोड़ दो कश्मीर को’, ‘ये जो दहशतगर्दी है इसके पीछे वर्दी है’, ये जो मारामारी है इसके पीछे वर्दी है, ‘ये वतन हमारा है, इसके खातिर हम लड़ेंगे’ जैसे नारे भी लगाए। बढ़ते विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए पाक सरकार ने तीन जिलों यानि रावलकोट, हजीरा और तेतरी नोट में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, पाक सेना ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को अपनी हिरासत में रखा है जबकि कई अन्य को स्थानीय पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

दरअसल, पाकिस्तानी सेना पीओके के मासूम लोगों को अपना गुलाम समझकर उन पर अपना हुक्म चलाने का प्रयास करती है और अगर कोई उनकी बात नहीं सुनता है तो उन लोगों को पाकिस्तानी सेना भारतीय बॉर्डर पर भेजकर भारत की तरफ अंधाधुंन गोली बरसाने का काम शुरू कर देती है। पाकिस्तानी सेना की योजना के अनुसार जब वे भारत की तरफ फायरिंग करेंगे तो इसके जवाब में भारत की सेना भी फायरिंग करेगी और फिर भारतीय सेना द्वारा उन लोगों को मार दिया जाएगा। आसान भाषा में कहें तो पाकिस्तान की फौज इन मासूम लोगों को अपनी ढाल की तरह इस्तेमाल करती है और अगर कभी कोई पीओके का निवासी भारतीय फायरिंग में मारा जाता है, तो उसके बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया में जाकर भारत पर उनके नागरिकों की हत्या करने का आरोप लगाता है और विक्टिम कार्ड खेलने की कोशिश करता है।

पाकिस्तान पूरी दुनिया में भारतीय कश्मीरियों के अधिकारों के कथित हनन को लेकर अपने आँसू बहाने का नाटक करता है, लेकिन उसे अपने कब्जे वाले कश्मीर में जारी पाक सेना की बर्बरता की कोई जानकारी नहीं है। सिर्फ पीओके में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सेना अपने कब्जे वाले बलूचिस्तान में भी मासूम लोगों पर इसी तरह अत्याचार करती है। लोगों को या तो सारेआम मार दिया जाता है, या फिर उन्हें दिन-दहाड़े गायब कर दिया जाता है।

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इमरान खान को अपना कश्मीर राग छोड़कर पीओके और बलूचिस्तान पर ध्यान देने की ज़रूरत है। पाकिस्तान सिर्फ अपने राजनीतिक फायदे के लिए कश्मीरियों का इस्तेमाल करता आया है और पाक सेना भी कश्मीर के नाम पर ही अपने देश का भारी-भरकम बजट खाती आई है। ऐसे में अब जब भारत ने पूरी तरह से कश्मीर का विलय अपने में कर लिया है, तो यह पाकिस्तान को पच नहीं रहा है जिसके कारण अब वह हर दिन इस मुद्दे को एक नई कहानी के साथ सबके सामने प्रकाशित करने की कोशिश कर रहा है लेकिन पीओके में हो रहे प्रदर्शनों से इतना साफ है कि पाकिस्तान पूरा कश्मीर तो छोड़िए, अपने अवैध कब्जे वाला कश्मीर भी संभालने के लायक नहीं है।

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