राणा अय्यूब बनीं अब ‘अंतर्राष्ट्रीय फेक न्यूज़ पेडलर’, तुलसी गबार्ड ने इनके एक और झूठ की धज्जियां उड़ा दी

भारत की मुख्यधारा की मीडिया और फेक न्यूज़ का नाता बड़ा गहरा है। पीएम मोदी को कठघरे में खड़ा करना हो, या फिर हिन्दू समुदाय पर निशाना साधना हो, फेक न्यूज़ फैलाने के मामले में हमारी मुख्यधारा की मीडिया का कोई जवाब नहीं। इसे अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाते हुए इसी फेक न्यूज़ फ़ैक्टरी की ध्वजवाहक माने जाने वाली पत्रकार राणा अय्यूब ने आम जनता को गुमराह करने हेतु एक ट्वीट पोस्ट किया।

इस ट्वीट में राणा कहती हैं कि ‘तुलसी गबार्ड ने पीएम मोदी के ह्यूस्टन में होने वाले ‘Howdy Modi’ समिट का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है और ये भारत में उनके प्रशंसकों के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा। चूंकि तुलसी गबार्ड हिंदू होने के नाते भारतीय मूल के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय रही हैं, ऐसे में इस खबर के सामने आने से भारतीय समुदाय के लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता पर गलत असर पड़ सकता था। इस खबर से हमारे देश में मोदी विरोधी के भी बल्लियों उछलने लगे, जो इनके ट्वीट्स से साफ पता चलता है और इन ट्वीट्स को आप खुद भी देख लीजिये।

https://twitter.com/RizviUzair/status/1173355231624626176

https://twitter.com/ashoswai/status/1173344567304867841

परंतु इससे पहले की ये खबर और ज्यादा अम जनता को गुमराह करती और बड़ा मुद्दा बनता उससे पहले ही तुलसी गबार्ड ने स्वयं स्पष्ट कर दिया कि राणा अय्यूब का यह पोस्ट भ्रामक है। तुलसी गबार्ड को 22 सितंबर को आइओवा नामक राज्य में एक कार्यक्रम में शामिल होना है, इसलिए वे दुर्भाग्यवश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में नहीं शामिल हो पाएंगी।

हालांकि, इतना स्पष्ट है कि कार्यक्रम के बाद तुलसी गबार्ड खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्यूयॉर्क में मिलेंगी। यही नहीं, तुलसी गबार्ड ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए एक वीडियो भी भेजेंगी। परंतु उन्होने भारत में अपने विरुद्ध फेक न्यूज़ फैलाने वाले पत्रकारों को, विशेषकर राणा अय्यूब के प्रोपगैंडावादी ट्वीट को आड़े हाथों लेते हुये एक ट्वीट पोस्ट किया –

इस ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘ये लेख भ्रामक है। मैं इसलिए ह्यूस्टन इवेंट में भाग नहीं ले पा रही हूँ क्योंकि मुझे पूर्व में ही तय हो चुके प्रेसिडेंशियल अभियान के इवेंट में भाग लेना है। परंतु मैं आशा करती हूँ कि मैं जल्द पीएम मोदी से मिल सकूँ, और विश्व के सबसे पुराने और विश्व के सबसे लोकतन्त्र के बीच प्रगाढ़ सम्बन्धों और उसके महत्व पर बातचीत भी कर सकूँ’।

हालांकि, राणा अय्यूब के जवाब में दिये ट्वीट से ये साफ पता चलता है कि उनके लिए उनका फ़ेक न्यूज़ और प्रोपगैंडा सदैव सर्वोपरि रहेगा। ट्वीट में वे कहती हैं, ‘बताने के लिए धन्यवाद मिस गबार्ड। आशा करती हूँ कश्मीर और नागरिकों के अधिकार भी आपके दिमाग में होंगे’।

सच कहें तो तुलसी अमेरिका की पहली हिन्दू सांसद हैं और वे पीएम मोदी की करीबी भी मानी जाती हैं। वह कई मौकों पर खुलकर पीएम मोदी की तारीफ कर चुकी हैं। इसके अलावा तुलसी ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद पीएम मोदी को अमेरिका का वीजा न दिए जाने की भी कड़ी आलोचना की थी। यही नहीं उन्होंने भारत की राजदूत देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी का भी विरोध किया था। शायद यही कारण है कि अब कुछ हिन्दू-विरोधी और भारत विरोधी लोग जमकर उनके खिलाफ भ्रामक एजेंडा चलाने में जुटे हैं।

वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम ‘हाऊडी मोदी’ के समय ऐसे फेक न्यूज़ फैलाकर राणा अय्यूब जैसे पत्रकार केवल लोगों को अपने विकृत पत्रकारिता से भ्रमित करना चाहते हैं। परंतु हम आभारी हैं तुलसी गबार्ड जैसे पत्रकारों के, जिन्होंने न केवल राणा अय्यूब के प्रोपगैंडा को ध्वस्त किया, अपितु अपने पक्ष को भी जनता के समक्ष रखा। अब तो इंटरनेशनल लेवेल पर बेइज्जती हो चुकी है राणा जी। कुछ तो लिहाज करो, राणा जी कुछ तो लिहाज करो पत्रकारिता का!

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