भारत की आपत्ति के बाद, ब्रिटेन ने लंदन में दीवाली विरोधी प्रोटेस्ट पर लगाया बैन

दिवाली

PC: Business Standard

भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटाने वाले फैसले ने दुनियाभर के पाकिस्तानियों के सुकून को मानो छीन सा लिया था। लंदन में तो ये पाकिस्तानी गुंडागर्दी पर उतर आए थे और विरोध प्रदर्शन के नाम पर इन्होंने भारतीय दूतावास को जमकर निशाने पर लिया था। पाकिस्तानियों ने इस हद तक भारतीय हाई कमीशन पर पथराव किया था कि उच्चायोग की इमारत के शीशे चकनाचूर हो गए थे। हालांकि, इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास पर इस हमले की निंदा की थी और ब्रिटेन की सरकार के साथ अपनी चिंताओं को साझा किया था। अब दिवाली के समय एक बार फिर पाकिस्तानियों ने कुछ ऐसा ही प्रदर्शन करने के लिए ब्रिटेन की पुलिस से इजाजत मांगी थी। हालांकि, इस बार इन पाकिस्तानियों को ऐसा करने की इजाजत नहीं दी गई।

बता दें कि इससे एक दिन पहले ब्रिटिश संसद में ब्रिटेन के दक्षिणपंथी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था किसी भी विरोध प्रदर्शन में हिंसा को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसके अलावा इससे पहले बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोगों ने ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को पत्र लिखकर इस विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बाद अब यूके की पुलिस ने इस प्रदर्शन पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी है। हालांकि, ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का इसपर कहना है कि प्रीति पटेल का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है और पुलिस द्वारा यह फैसला लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।

इसके अलावा महानगर पुलिस के उप सहायक आयुक्त मैट ट्विस्ट ने इसपर कहा, ‘‘ हम प्रदर्शनकारियों के लिए प्रदर्शन की तारीख की प्रासंगिकता को समझते हैं, लेकिन साथ ही हम हिंदू त्योहार दिवाली पर भी गौर कर रहे हैं जो इसी दिन पड़ रहा है। मेरा उद्देश्य है कि इस दिन प्रदर्शनकारियों और इससे प्रभावित होने वाले लोगों के अधिकारों में संतुलन बनाया जाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वे अपराध और अवज्ञा को रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठा रहे हैं।

इससे पहले पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश मेयर सादिक ने भी भारतीय मूल के लोगों के दबाव में यह कहा था कि दिवाली के पवित्र अवसर पर इस तरह के मार्च से भारतीय एवं पाकिस्तान मूल के लोगों के बीच तनाव बढ़ेगा और लंदन शहर का माहौल खराब होगा। उन्होंने कहा था ‘प्रतिरोध का अधिकार लोकतंत्र का महत्वपूर्ण एवं मूल्यवान हिस्सा है, लेकिन यह शांतिपूर्ण और कानून के तहत होना चाहिए।’ हालांकि, बाद में अपनी ज़िम्मेदारी से बचने के लिए उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी होम सेक्रटरी की होती है, न कि मेयर की। यानि स्पष्ट है कि ब्रिटेन में पाकिस्तानी लोग भारतीय उच्चायोग को एक बार फिर निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, और इसके लिए उन्होंने दिवाली के दिन को ही चुना था ताकि जानबूझकर लंदन में सांप्रदायिक हिंसा को भड़काया जा सके। यहां तक कि पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने 26 अक्टूबर, यानी दिवाली को ‘ब्लैक डे’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। हालांकि, एक तरफ जहां भारतीय मूल के लोगों ने लंदन के मेयर को लाइन पर आने को मजबूर कर दिया, तो वहीं यूके सरकार पर भारत सरकार ने दबाव बनाया, जिसका असर यह हुआ कि अब पाकिस्तानियों के विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी गयी है। यह यूके में रहे रहे भारतीय मूल के लोगों की जीत है और इसके लिए भारत सरकार की प्रशंसा की जानी चाहिए।

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