अंग्रेज राहुल गांधी? स्वामी का दावा राहुल गांधी ने 2004-06 में ब्रिटिश नागरिक के तौर पर UK में IT रिटर्न किया था फाइल

स्वामी राहुल गांधी

भाजपा नेता और जाने-माने अर्थशास्त्री सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा उठाया है। आज दिन की शुरुआत में ही उन्होंने के ट्विटर पर एक लंबे चौड़े थ्रेड को पोस्ट किया और इस मुद्दे से जुड़ी कई जानकारियों को साझा किया। बता दें कि यह कोई नया मामला नहीं है बल्कि इससे पहले भी सुब्रमण्यम स्वामी कई बार उनकी नागरिकता का मुद्दा उठा चुके हैं। सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 21 सितंबर 2017 में भी ऐसी ही शिकायत दर्ज़ की गयी थी जिसमें ये दावा किया गया था कि 2003 में यूके में Backops लिमिटेड नामक एक कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ था जिसके निदेशक राहुल गांधी थे। कंपनी का पता 51 साउथ गेट स्ट्रीट ,विंचेस्टर, हेम्प शायर S023 9EH बताया गया था। स्वामी ने अपनी शिकायत में यह भी दावा किया था कि कंपनी के 10 अक्टूबर 2005 और 31 अक्टूबर 2006 को फाइल किए गए वार्षिक रिटर्न में राहुल की जन्मतिथि 19-06-1970 अंकित थी और नागरिकता ब्रिटिश बताई गयी थी। इस संबंध में इसी वर्ष लोकसभा चुनावों से पहले गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को एक नोटिस जारी किया था जिसको लेकर अब सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर कुछ तथ्य सामने रखे हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी ने नई दिल्ली के एक लेखक सुशील कुमार जिंदल की एक हिन्दी खबर का अनुवाद कर यह ट्वीट थ्रेड पोस्ट किया। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा ‘पप्पू अपने बुने जाल में ही फंस गया। कुछ दिनों पहले गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को नागरिकता के संबंध में एक नोटिस भेजा था। अब आपको बताते हैं कि उसके पीछे की सबसे बड़ी बात क्या है’?

इसके बाद स्वामी लिखते हैं ‘पहले तो यह स्पष्ट कर देते हैं कि मामला राहुल गांधी की नागरिकता का नहीं है, बल्कि उनके द्वारा विदेशों में खरीदी गयी संपत्ति का है। अगर राहुल गांधी मंत्रालय को अपने जवाब में यह बताते हैं कि उस समय भी वे भारत के ही नागरिक थे, तो सवाल उठेगा कि उस समय उनके द्वारा खरीदी गयी ब्रिटिश संपत्ति का मालिक कौन था, और उनके ब्रिटिश बैंक अकाउंट में पैसों पर किसका हक था’?

स्वामी ने अगले ट्विट्स में लिखा है ‘अब राहुल गांधी को यह कहना पड़ेगा कि विदेश में संपत्ति खरीदने के लिए उन्होंने यूके की फर्जी नागरिकता का सहारा लिया होगा। अगर वे ऐसा कहते हैं तो फिर यहां भी दो बड़े मुद्दे खड़े होते हैं। पहला तो यह है कि किसी भी भारतीय नागरिक को विदेश में संपत्ति खरीदने से पहले भारतीय गृह मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है, जो राहुल गांधी ने तब नहीं ली थी। दूसरा सवाल यहां यह उठता है, वर्ष 2005 में UPA की सरकार के समय राहुल गांधी ने यह अनुमति क्यों नहीं ली? इसका जवाब यह है कि जब काले धन से बाहर संपत्ति खरीदी जा रही हो तो वे किस मुंह से उसे मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगे’?

आगे स्वामी लिखते हैं ‘इसी बात के डर से उनको यह स्वीकार करना पड़ेगा कि उन्होंने यूके की नागरिकता ग्रहण की थी, और एक बार अगर वे इसे स्वीकार कर ले, तो फिर उनकी भारतीय नागरिकता अपने आप खत्म हो जाएगी क्योंकि भारतीय कानून के मुताबिक किसी भी अन्य देश की नागरिकता हासिल करते ही उस व्यक्ति की भारत की नागरिकता समाप्त हो जाएगी’।

इसके बाद स्वामी दूसरा मुद्दा उठाते हैं। वे लिखते हैं ‘अब इस सवाल पर आते हैं कि राहुल गांधी भारत सरकार से वह प्रॉपर्टी क्यों छुपाना चाहते थे? इसके पीछे क्या कारण था और वे वहाँ कौन-सा व्यापार कर रहे थे? क्योंकि उनका ऑफिस लंदन से 90 मिल दूर एक दूर-दराज़ के गाँव में था जहां कोई नहीं रहता। मान लेते हैं कि उन्‍होंने बिजनेस चलाने के लिए ऑफिस लिया होगा तो वह 2004 से बंद क्‍यों है। वह इनकम कहां से आई जिसके लिए उन्‍होंने UK में इनकम टैक्‍स भरा और IT रिटर्न फाइल किया। ये साबित करता है कि यह ब्‍लैक मनी की लॉन्ड्रिंग थी। अब अगर राहुल गांधी UK की अपनी प्रॉपर्टी छोड़ने का फैसला करते हैं और भारत में सांसद बने रहना चाहते हैं तो यहां उन्‍हें यह झूठ बोलना पड़ेगा कि वह ब्रिटिश नागरिक नहीं हैं। ऐसे हालात में, भारत सरकार उनकी विदेशी संपत्तियां सीज कर सकती है क्‍योंकि कागजातों पर राहुल गांधी के हस्ताक्षर हैं। लेकिन अगर वह यह मान लेते हैं कि वह ब्रिटिश नागरिक हैं तो उनकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी।  और तो और, उनकी सांसदी भी चली जाएगी और उन्‍हें देश और संसद को सालों तक धोखा देने के लिए जेल भी जाना पड़ सकता है’।  अपने आखिरी ट्वीट में सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने कहा, “अब राहुल गांधी खान सच में द डेविल और द डीप सी के बीच में फंस गए हैं।”

सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने इस थ्रेड से यह बताने की कोशिश की, कि राहुल गांधी इस केस में बुरी तरह फंस चुके हैं और अब राहुल गांधी की बारी है। बता दें कि इससे पहले स्वामी कांग्रेस के नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम को भी तिहाड़ भिजवाने में अपनी अहम भूमिका निभा चुके हैं। सुब्रमण्यम स्वामी नेशनल हेराल्ड से लेकर एयरसेल मैक्सिस मामले और आईएनएक्स मीडिया मामले तक में चिदम्बरम के खिलाफ शुरू से ही सक्रिय रहे थे और इसे अंजाम तक पहुंचाने का बीड़ा उन्होंने ही उठाया था। अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर खतरा मँडराता नज़र आ रहा है और स्वामी की माने तो राहुल गांधी के पास बचने का कोई उपाय भी मौजूद नहीं है।

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