एक बार फिर से बरखा दत्त चर्चा में हैं कारण वही पुराने तिरंगा टीवी और उसके प्रमोटर कपिल सिब्बल से विवाद को लेकर। कभी तिरंगा टीवी के साथ मिलकर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एजेंडा चलाने वाली बरखा ने में तिरंगा टीवी के प्रमोटर कपिल सिब्बल और उनकी पत्नी प्रोमिला सिब्बल तथा उनकी कंपनी एनालॉग मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट का रुख किया है, जिसमें अंग्रेजी समाचार चैनल तिरंगा के अचानक बंद होने के बाद ब्याज के साथ 74 लाख रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की है।
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार वकील राघव अवस्थी और मुकेश शर्मा द्वारा दायर की गयी याचिका में बरखा दत्त ने दावा किया है बरखा दत्त ने अपनी याचिका में दावा किया है कि उन्हें इस चैनल के शुरू होने से पहले आश्वासन दिया गया था कि ये कम से कम 2 साल तक काम करेगा। उन्होंने ये भी दावा किया कि इस चैनल के साथ काम करने के लिए उन्होंने चैनल के ऑन एयर होने के बाद अन्य प्लेटफार्मों से अपने अनुबंधों को तोड़ दिया था।
बरखा दत्त ने आगे दावा किया है कि उन्हें कहा गया था कि ये चैनल 12 नवंबर 2018 तक लॉन्च होगा परन्तु ये चैनल 26 जनवरी 2019 को ऑन-एयर हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि चैनल के ऑन एयर में देरी की वजह सही रूप से टीम का गठन न होना और नियुक्ति में देरी होना था।
बरखा दत्त ने लंबित वेतन सहित, अतिरिक्त कार्य के लिए पारिश्रमिक और अनुबंध के उल्लंघन के लिए मुआवजे की कैलकुलेशन के साथ 18 प्रतिशत ब्याज के साथ 74,02,140 रुपये की राशि की मांग की है।
यह मामला 27 सितंबर को पटियाला कोर्ट के सामने तब आया था जब जज रविंद्र बेदी ने कंपनी और प्रोमिला के खिलाफ नोटिस जारी किया था। हालांकि, कपिल सिब्बल के खिलाफ समन जारी नहीं किया गया था क्योंकि न्यायाधीश ने कहा था कि न तो दत्त और एनालॉग प्राइवेट लिमिटेड के बीच अनुबंध पर उनके हस्ताक्षर थे, न ही वह कंपनी में निदेशक थे। इस मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी।
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बरखा दत्त के वकील राघव अवस्थी ने इस बात की जानकारी ट्विटर के माध्यम से दी थी। बरखा दत्त ने भी हर्ष जताते हुए ट्वीट किया था कि यह लड़ाई सिद्धांत की और मीडिया के न झुकने की बात है। अब आगे का फैसला कोर्ट के ऊपर है।
पत्रकार बरखा दत्त ने कपिल सिब्बल की पत्नी प्रोमिला सिब्बल के खिलाफ तिरंगा चैनल की महिला सहकर्मियों को अपशब्द कहने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही उन्होंने कपिल सिब्बल के खिलाफ क्रिमिनल तथा सिविल केस करने का भी फैसला किया था।
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इससे पहले बरखा दत्त ने 15 जुलाई को ट्विटर पर लंबे थ्रेड के जरिये कपिल सिब्बल और उनकी पत्नी को कठघरे में खड़ा करते हुए दोनों को तिरंगा टीवी चैनल में हो रही कर्मचारियों की छंटनी के लिए आड़े हाथों लिया था। बरखा दत्त ने यह भी बताया था कि कैसे तिरंगा टीवी नेटवर्क ने बिना किसी आधिकारिक सूचना के अपने कर्मचारियों को निकाल दिया था। कुछ पत्रकारों को तो कुछ महीने पहले ही काम पर लगाया गया था लेकिन उन्हें बिना किसी कारण के हटा दिया गया था। अपने ट्वीट में बरखा ने इस बात की भी जानकारी दी थी कि कपिल सिब्बल की पत्नी महिला कर्मचारियों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करती थीं।
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इस संबंध में उन्होंने महिला आयोग को भी टैग कर आयोग का ध्यान इस मामले पर दिलाया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस संबंध में उनके पास पीड़ित महिला कर्मचारियों द्वारा हस्ताक्षर किए हुए हलफनामे भी हैं। इसके बाद बरखा ने एक्शन लेते हुए इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) में दर्ज कराई थी।
उस दौरान तिरंगा टीवी से निकाले गए पत्रकारों ने दिल्ली प्रेस क्लब में सिब्बल के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। उनका कहना था कि उन्हें तीन महीने की सैलरी भी नहीं दी गई। इस चैनल से जुड़े सभी कर्मचारियों ने अपने विरोध के लिए एक ट्विटर हैंडल भी बनाया था, ज्सिके जरिये वो अपने विरोध-प्रदर्शन से जुड़ी जानकारियां साझा करते थे।
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बता दें कि लोकसभा चुनावों से पहले हार्वेस्ट टीवी नाम का एक अंग्रेजी चैनल लॉन्च किया गया था, जिसके प्रोमोटर्स के समूह में स्वयं पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल शामिल थे। हालांकि, इस चैनल का नाम जल्द ही बदल भी दिया गया। नाम बदलने के पीछे की मजबूरी ये थी कि केरल में ‘हार्वेस्ट टीवी’ के नाम से एक धार्मिक चैनल चलता है और इसके संचालक बीबी जॉर्ज चाको ने नाम चोरी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाने की चेतावनी दी थी। इस चैनल से बरखा दत्त और करण थापर जैसे कुछ प्रमुख नाम भी जुड़े थे। यह चैनल खास तौर पर पीएम मोदी के खिलाफ प्रोपोगेंडा चलाने और चुनाव में उनकी हार को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। लेकिन परिणाम प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में आय था जिससे इनका एजेंडा धरा का धरा रह गया।
लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए एक महीना भी नहीं हुआ था कि इस चैनल को बंद करने की प्रक्रिया इसके प्रमोटर ने शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार तिरंगा टीवी पर कई स्तरों पर छंटनी की गयी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई पत्रकारों ने अच्छी ख़ासी नौकरियां छोड़कर तिरंगा टीवी जॉइन किया था, परंतु उन्हें अधर में लटकाते हुए केवल एक महीने के अतिरिक्त वेतन के साथ छोड़ दिया गया। यही नहीं, यह भी पता चला है कि निकाले गए पत्रकारों ने मांग की है कि मार्केट की स्थिति को देखते हुए उन्हें तीन महीने के अतिरिक्त वेतन का भुगतान किया जाये। इन पत्रकारों ने ट्विटर पर प्रबंधन के तानाशाही व्यवहार के विरुद्ध अपनी आवाज़ भी उठाई थी। जिसके बाद बरखा ने आवाज उठाई और इसके लिए ट्विटर का सहारा लिया था।
अब जब कोर्ट ने कपिल सिब्बल को समन कर दिया है ऐसा लग रहा है कि बरखा दत्त इस लड़ाई को जीतती नज़र आ रहीं है। अब देखते है कोर्ट क्या फैसला लेता है।