हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की लखनऊ में निर्मम हत्या

कमलेश तिवारी

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बेहद व्यस्त इलाके में आज यानि शुक्रवार को हिंदू महासभा के नेता और हिंदू समाज पार्टी के अध्यक्ष कमलेश तिवारी की उनके ऑफिस में गला रेतकर हत्या कर दी गई है। पहले खबर आई थी कि उनके दफ्तर में कुछ हमलावर पिस्टल लेकर आए थे और कार्यालय में पहुंचते ही गोली मारकर हत्या कर दी। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि कमलेश तिवारी का किसी धारदार हथियार से गला रेता गया था। उधर पुलिस ने मौके से एक रिवाल्वर भी बरामद की है। पुलिस का कहना है कि हत्याकांड को कमलेश तिवारी के ही किसी परिचित ने अंजाम दिया है। वारदात को अंजाम देकर आरोपी फरार हो गया है। दिन दहाड़े हत्या के बाद शहर में खौफ का माहौल है। दुकाने बंद कर दी गई हैं। तनाव की आशंका के चलते बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी बलों की तैनाती कर दी गई है।

कमलेश तिवारी को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई। घटना स्थल की पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के अनुसार आस-पास के सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं। स्थानीय लोगों से भी पूछताछ जारी है। हत्यारोपी की तलाश जिले भर में जारी है। एसएसपी ने बताया कि हत्यारोपियों की जांच के लिए पुलिस की 10 टीमें बनाई गईं हैं। एसएसपी का कहना है कि जल्द ही हत्यारोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

कमलेश तिवारी की ऐसे हुई हत्या

लखनऊ पुलिस के अनुसार, दो बदमाश हाथ में मिठाई का डिब्बा लिए हुए हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी से मिलने उनके घर में बने कार्यालय में पहुंचे। बातचीत करते हुए साथ में चाय पी, उसके बाद मिठाई के डिब्बे में छिपाकर लाए असलहा और चाकू निकाल लिया। सबसे पहले हमलावरों ने कमलेश तिवारी को गोली मारी उसके बाद ताबड़तोड़ चाकू से 15 से ज्यादा गले पर वार किए। कमलेश तिवारी के गले पर गोली और चाकू के निशान मिले हैं। लहूलुहान हालत में राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

विवादित बयान के बाद चर्चा में आए

बता दें कि कमलेश तिवारी ने साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले हिंदू समाज पार्टी का गठन किया था। कमलेश तिवारी पर इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी करने का आरोप लगा था जिसके बाद कमलेश तिवारी को रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था। लेकिन पिछले दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रासुका हटाने के निर्देश दिए थे।

Exit mobile version