सऊदी अरब में भारतीयों को ‘गुलाम’ बनाने वालों की अब खैर नहीं, मोदी सरकार का बड़ा प्लान

सऊदी अरब

सऊदी अरब के साथ यूं तो भारत के रिश्ते बहुत अच्छे हैं, हालांकि वहां पर काम करने वाले लगभग 30 लाख भारतीय मजदूरों में से अधिकतर लोगों को आए दिन ज़ुल्मों का शिकार होना पड़ता है। भारतीय मजदूरों से उनके पासपोर्ट, वीज़ा और अन्य दस्तावेज़ छीन लिए जाते हैं और उन्हें सालों-सालों के लिए बंधक बना लिया जाता है। सबसे बड़ी चिंता की बात तो यह है कि इन मामलों में भारत सरकार भी चाहकर कुछ नहीं कर पाती है, क्योंकि भारत सरकार के पास इसकी कोई जानकारी नहीं होती कि कौन सा व्यक्ति कहां काम कर रहा है और क्या काम कर रहा है? अब भारत सरकार इसी समस्या को जड़ से खत्म करने जा रही है। दरअसल, इसी महीने के आखिर में पीएम मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर जाने वाले हैं, और इस दौरान वे इसी मुद्दे को सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सामने रखेंगे।

भारत सरकार अब सऊदी अरब में काम करने वाले सभी भारतीयों का एक डेटाबेस बनाने पर विचार कर रही है ताकि सभी नागरिकों की सम्पूर्ण जानकारी एक जगह इकट्ठी की जा सके। इसके तहत ये सब जानकारी जुटाई जाएंगी कि कोई व्यक्ति कहां काम कर रहा है और क्या काम कर रहा है। ऐसे में अगर किसी भी भारतीय नागरिक को सऊदी अरब में कोई परेशानी होगी, तो भारत सरकार बिना किसी देरी के अपना एक्शन ले सकेगी, और दोषियों का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा।

बता दें कि विदेश मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अभी सऊदी में भारतीय मजदूरों को सबसे ज़्यादा प्रताड़ित किया जाता है। वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2019 तक अरब देशों में काम कर रहे भारतीयों ने कुल 77,155 शिकायतें दर्ज कराईं थीं जिनमें से सबसे ज़्यादा 36 प्रतिशत शिकायतें सऊदी अरब में ही दर्ज़ कराई गयी थी। इनमें से अधिकतर लोगों की यही शिकायत थी कि सऊदी अरब में उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है और उन्हें सैलरी भी नहीं दी जा रही है। इसके अलावा सऊदी में भारतीय मजदूरों की मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना की खबरें भी समय-समय पर आती रहती हैं।

पिछले कुछ समय में दोनों देशों के रिश्तों में बड़ी मजबूती देखने को मिली है और सऊदी भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करने पर भी विचार कर रहा है। प्रधानमंत्री इस दौरान रियाद में आयोजित खाड़ी देशों की इन्वेस्टमेंट समिट में भी हिस्सा ले सकते हैं, जहां वे निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। वहीं पीएम मोदी की यह सऊदी अरब की दूसरी यात्रा होगी। उन्होंने आखिरी बार 2016 में रियाद का दौरा किया था, जिसके दौरान उन्हें अब्दुल अजीज सऊद के नाम पर देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

पीएम मोदी से पहले इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी सऊदी अरब के दौरे पर गए थे जहां उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब के राजनेताओं को जानकारी दी थी। कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब ने भारत का ही साथ दिया था, अब पीएम मोदी की इस यात्रा के बाद दोनों देश अपने रिश्तों को नया आयाम देने की दिशा में काम करेंगे।

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