ट्रम्प ने लगाया तुर्की पर प्रतिबंध, यह मूल रूप से वर्ल्ड बनाम तुर्की है

तुर्की के सीरिया पर लगातार हमले जारी है, और पूरी दुनिया में इन हमलों की कड़ी निंदा की जा रही है। तुर्की सीरिया में उन्हीं कुर्द लड़ाकों पर हमला कर रहा है जिन्होंने ISIS के विरुद्ध लड़ाई में अपनी सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। भारत भी इन हमलों की निंदा कर चुका है और तुर्की को संयम बरतने को कह चुका है। पिछले हफ्ते तुर्की के राष्ट्रपति ने ऐलान किया था कि अमेरिका ने उसे सीरिया में फौज भेजने की छूट दे दी है और अब वह सीरिया में अपना ऑपरेशन चलाएगा। हालांकि, तब ट्रम्प ने तुर्की को धमकाते हुए कहा था कि अगर सीरिया में उसने हद पार की तो वह उसकी इकॉनमी को तबाह कर देगा। आज ट्रम्प ने ऐसा कर भी दिया। दरअसल, तुर्की द्वारा सीरिया में किए जा रहे ‘आक्रमण’ की वजह से अमेरिका ने तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। बता दें कि इससे पहले तुर्की के खिलाफ रूस और सीरिया सरकार भी हाथ मिला चुके हैं और ये सब कुर्द लड़ाकों के साथ मिलकर तुर्की के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में हैं। स्थिति स्पष्ट है और ऐसा लग रहा है मानो अभी तुर्की पूरी दुनिया के निशाने पर आ गया है और उसके समर्थन में सिर्फ एक भिखारी देश पाकिस्तान ही है।

अमेरिका के राष्ट्रपति ने मंगलवार सुबह यह जानकारी दी कि उन्होंने तुर्की पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पर साइन कर दिये हैं और इससे तुर्की को बहुत बड़ा झटका पहुंचेगा। साथ ही ट्रम्प द्वारा जारी उनकी स्टेटमेंट में लिखा है कि अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने तुर्की के रक्षा मंत्री, आतंरिक मंत्री और ऊर्जा मंत्री को सैंक्शन लिस्ट में डाल दिया है, और डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा को चिट्ठी लिख तुर्की के मामले को नेशनल इमरजेंसी बताया है। ट्रम्प के मुताबिक, अमेरिका तुर्की के साथ चल रही 100 बिलियन डॉलर के व्यापार सौदे पर बातचीत को तुरंत रोक देगा और स्टील टैरिफ को भी 50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।

हालांकि, तुर्की के लिए इससे पहले कल भी एक बुरी खबर आई थी। दरअसल, कल मीडिया में यह खबर आई कि कुर्द लड़ाकों ने रूस के कहने पर सीरिया सरकार के साथ समझौता कर लिया है और अब सीरिया के सैनिक कुर्द लड़ाकों के साथ मिलकर तुर्की के हमलों का जवाब देंगे। खबरों के मुताबिक, तुर्की के विरोधी रूस ने अपने हितों के लिए अब सीरिया सरकार और कुर्द लड़ाकों के बीच सुलह करवाई है। इस सुलह के तहत अब कुर्द लड़ाके अपने कब्जे वाले मनबिज और कबाने जैसे शहरों को सीरिया सरकार के हवाले कर देंगे और बदले में सीरिया सरकार कुर्द लड़ाकों के साथ मिलकर तुर्की के हमलों का मुक़ाबला करेगी।

तुर्की के खिलाफ बोलने वाले देशों में सिर्फ अमेरिका, सीरिया और रूस ही नहीं, बल्कि यह लिस्ट बहुत लंबी है। सीरिया पर हमले को लेकर अब तक यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, चीन, जर्मनी, इज़राइल, भारत, यूनाइटेड किंगडम और डेनमार्क जैसे देश तुर्की की निंदा कर चुके हैं। साफ है कि तुर्की सीरिया पर हमला करके पूरी दुनिया के निशाने पर आ गया है। तुर्की के इस एक्शन का अब तक सिर्फ पाकिस्तान ने ही समर्थन किया है, जिसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कोई हैसियत नहीं रह गई है। ऐसे में आने वाले दिन तुर्की के लिए बेहद पीड़ादायक रहने वाले हैं।

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