अभी हाल ही में रोज वैली चिटफंड घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग केस के तहत कोलकाता नाइट राइडर्स के सीईओ वेंकी माइसोर से जवाब तलब किया है और प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के अधिनियमों के अंतर्गत उनका बयान रिकॉर्ड भी किया गया। वेंकी माइसोर आईपीएल में केकेआर टीम टीम और शाहरुख खान की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी रेड चिलीज़ एंटेरटेनमेंट के भी प्रमुख हैं।
शाहरुख खान की कंपनी इसलिए ईडी की चपेट में आ गई है क्योंकि उस पर आरोप है कि उन्होंने डील में जितने रुपयों की बात की है, उससे ज़्यादा रुपये उनकी कंपनी रेड चिलीज़ को केकेआर की स्पॉन्सर कंपनी रोज़ वैली ने ट्रान्सफर किए हैं। ईडी को अंदेशा है कि कुछ पैसा कोलकाता नाइट राइडर्स के जरिये विदेश में भी ट्रान्सफर हुआ है।
फ़र्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 2014 में रोज़ वैली के खिलाफ ईडी ने एक एफ़आईआर दर्ज़ की थी, जिसके अंतर्गत गौतम कुंडु को 2015 में एजेंसी ने हिरासत में लिया था। ईडी ने इस प्रोब में 2300 करोड़ रुपयों की संपत्ति भी ज़ब्त की थी, जिसमें होटल और रिज़ॉर्ट शामिल थे। कोलकाता और भुवनेश्वर के न्यायालयों में ईडी ने कई चार्ज शीट फाइल किए हैं।
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट्स की माने, तो इस ग्रुप ने लगभग 27 कंपनियाँ खोल रखी थीं, जिनमें से केवल 6 कंपनियाँ ही सक्रिय थीं। ईडी ने आरोप लगाया कि इस स्कीम में निवेशकों को विभिन्न राज्यों में 8 प्रतिशत से लेकर 27 प्रतिशत तक वापस करने की बात की गयी थी। ईडी के अनुसार इन वित्तीय अनियमितताओं के कारण कुल घोटाला 15000 करोड़ रुपये का है, जिसमें इंटरेस्ट और पेनाल्टी शामिल हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स के रिपोर्ट की माने तो रोज़ वैली ने केकेआर को 2012 में 5.5 करोड़ रुपये की स्पॉन्सरशिप मनी प्रदान की थी, जबकि 2013 में आईपीएल के छठे संस्करण के दौरान केकेआर को 6.05 करोड़ की स्पॉन्सरशिप मनी दी गई थी। बता दें कि रोज़ वैली नामक रियल एस्टेट एजेंसी केकेआर टीम के स्पॉन्सर्स में से एक हुआ करती थी, जो शाहरुख खान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट और जूही चावला के पति जय मेहता के मेहता ग्रुप के पार्टनरशिप में स्थापित हुई थी। इसी एग्रीमेंट के तहत शाहरुख खान ने रोज़ वैली के मंदारमोनी, लतागुरी और पोर्ट ब्लेयर में स्थित रिज़ॉर्ट्स का प्रचार भी किया था।
अब इस स्कैम में शाहरुख खान का नाम जुड़ने से यह केस और भी पेचीदा हो गया है। परंतु यह पहली बार नहीं जब शाहरुख खान का ऐसे मामलों में नाम सामने आया हो। मल्टी लेवल क्यूनेट स्कैम में भी इनका नाम सामने आया था। मनी लाइफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, साइबराबाद की पुलिस ने इस फ़्रॉड कंपनी की गतिविधियों में शामिल होने के लिए कई बॉलीवुड सितारों को नोटिस भेजा था।
शाहरुख खान के बारे में एक बेनामी लेनदेन का मामला भी सामने आया था, जिसमें अभिनेता पर कानून की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगा है, और इसमें कथित तौर पर उनके रिश्तेदारों ने उनकी मदद की थी। शाहरुख खान ने मुंबई के पास अलीबाग में कृषि भूमि पर एक लग्जरी फॉर्महाउस बनवाया था जिसके बाद उन पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगा, क्योंकि वह भूमि आयकर विभाग के अनुसार कृषि योग्य थी।
आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति लेनदेन रोकथाम कानून के तहत कंपनी को बेनामीदार माना, क्योंकि उसके नाम पर यह संपत्ति ली गई थी। जबकि शाहरूख खान को इस संपत्ति का लाभार्थी माना क्योंकि उन्होंने इसके लिए भुगतान किया था। विभाग का कहना था कि रायगढ़ जिला प्रशासन ने कम से कम तीन साल कृषि करने की शर्त पर यह जमीन खरीदने की इजाजत कंपनी को दी थी, जिसका अनुपालन नहीं किया गया।
यह निश्चित रूप से चौंकाने वाली बात है कि शाहरुख खान, जिन्हें देश के अधिकतर युवा अपने रोल मॉडल के रूप में देखते हैं, कथित रूप से कानून से बचने के लिए ऐसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं। आम लोग ज्यादातर हस्तियों से किसी भी बौद्धिक चमक की उम्मीद नहीं करते हैं, परंतु उनसे इतनी तो आशा रखते ही हैं कि वे नियमों, और कानूनों का उचित तरह से पालन करें, जो सभी नागरिकों के लिए समान माना जाता है।