London Attack: पाक और अलकायदा से जुड़ा था आतंकी उस्मान, लंदन पुलिस ने 72 हूरों का काटा टिकट

शुक्रवार को लंदन ब्रिज पर इस्लामिक आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले को तेज धारदार चाकू से आतंकी ने अंजाम दिया। हालांकि लंदन पुलिस ने उक्त आतंकी को ढेर कर दिया है। लंदन की स्थानीय मीडिया के अनुसार घटना मे दो लोगों की मौत हुई है वहीं कई घायल हुए हैं।

उस्मान का पाकिस्तान से जुड़ा था तार

लंदन पुलिस ने आतंकी की पहचान उस्मान ख्वाजा के रूप में की है। उक्त आतंकी का तार पाकिस्तान से जुड़ा था। लंदन पुलिस का कहना है कि इससे पहले भी वह कई आतंकी गतिविधियों में शामिल था। लंदन पुलिस का कहना है कि आतंकी उस्मान अपने बचपन का दिन पाकिस्तान में ही व्यतीत किया था। उसकी शुरूआती पढ़ाई भी वहीं से हुई थी। वह अलकायदा जैसे खुंखार आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ था।

पहले भी आतंकी गतिविधियों में शामिल था उस्मान

मालूम हो कि आतंकी उस्मान पिछले साल ही ब्रिटेन की जेल से छुटा था। लंदन पुलिस के अनुसार साल 1990 में उसे लंदन स्टॉक एक्चेंज बम विस्फोट में दोषी पाया गया था। उस बम विस्फोट में उसकी सहभागिता के लिए 16 साल की सजा सुनाई गई थी। इस हमले में भी दो लोगों की मृत्यु हुई थी। द टेलिग्राफ के अनुसार कोर्ट ने कहा था कि उस्मान एक क्रूर जिहादी है इसे रिहा करना नागरिकों के लिए खतरा है।

गंभीर जिहादी था उस्मान, पैरोल पर बाहर आया था

बता दें कि लंदन ब्रिज हमले का आरोपी पिछले साल ब्रिटेन की जेल से रिहा किया गया था। लंदन पुलिस का दावा है कि उसे पहले 1990 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज में बम विस्फोट में उसकी भूमिका के लिए 16 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। इसमें दो लोगों की मौत हुई थी। द टेलीग्राफ के अनुसार वर्ष 2012 में सजा सुनाए जाने के वक्‍त न्यायाधीश ने चेतावनी दी थी कि वह एक गंभीर जिहादी है। इसे रिहा नहीं किया जाना चाहिए। यह शख्‍स आम नागरिक के लिए खतरा है। हालांकि वह इन दिनों पैरोल पर था। लेकिन जिहादी तो जिहादी वह अपना रंग इस हमले को अंजाम देकर दिखा दिया।

लंदन में इस्लामिक चरमपंथ के जिम्मेदार पाकिस्तानी मूल के मेयर सादिक खान!

लंदन में ऐसे हिंसक हमले पाकिस्तानी नागरिकों के बढ़ते वर्चस्व के बाद आय दिन देखने को मिलते हैं। कहा जाता है कि इस्लामी जिहादी वहां के पाकिस्तानी मूल के मेयर सादिक के बल पर इतना आतंक मचाते हैं। सादिक खान मुस्लिम चरमपंथियों पर कोई कार्रवाई नहीं करते इसी वजह से उनका मनोबल आय दिन बढ़ रहा है।

मेयर लंदन के हैं लेकिन एजेंडा पाकिस्तानी चलाते हैं

पाकिस्तानी मूल के लंदन के मेयर सादिक़ खान पर पाकिस्तानी परस्ती के आरोप लगते रहते हैं। वे कहने को तो लंदन के लोगों के मेयर हैं, लेकिन वहां बैठकर वे अपना पाकिस्तानी एजेंडा आगे बढ़ाते हैं।  इससे भी बड़ी चिंता की बात तो यह है कि यूके के नागरिकों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है और वहां की राजनीति में अभी सिर्फ ब्रेक्जिट का मुद्दा ही हावी है। इसका साफ उदाहरण कश्मीर मुद्दे पर लंदन में पाकिस्तानी मूल के नागरिकों द्वारा भारतीय दूतावास पर हमले को जोड़कर देखा जा सकता है कि कैसे ये इस्लामिक जिहादी भारतीय दूतावास और उनके लोगों पर हमला करते हैं।

पाकिस्तानी चरमपंथ पांव पसार रहा है लंदन में

कोई मजबूत नेतृत्व नहीं होने के कारण ब्रिटेन में ऐसे मुद्दो की सुध लेने वाला कोई नहीं है, और ऐसे में लंदन समेत पूरे यूके में इस्लामिक चरमपंथ अपना पैर पसारता नज़र आ रहा है। वहां पर मूल रूप से यूके में रहने वाले लोगों पर हमले हो रहे हैं और लोगों में भय का माहौल बनता जा रहा है। ऐसे में सादिक़ खान जैसे लोगों के लिए अपना एजेंडा चलाने के लिए खुली छूट मिल चुकी है।

यूके के पास अब भी समय है, या तो वह इस्लामिक कट्टरपंथियों के लिए दिल में सॉफ्ट कॉर्नर रखने वाली लेबर पार्टी के नेताओं को चुनकर यूके के भविष्य को चौपट कर दें, या फिर वह कंजरवेटिव पार्टी के नेताओं को चुनकर यूके में बढ़ते इस्लामिक कट्टरपंथ को रोकने में अपना योगदान दें। जो भी हो, इतना स्पष्ट है कि यूके के लोगों के पास बहुत कम समय ही बचा है और उन्हें जल्द से जल्द अपनी नींद से जागने की ज़रूरत है।

 

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