Sony TV के लिए औरंगजेब ‘सम्राट’ है और छत्रपति शिवाजी महाराज बस ‘शिवाजी’

शिवाजी

कहने को तो भारत एक हिन्दू-बहुल धर्मनिरपेक्ष देश है,  लेकिन इस देश में बहुसंख्यक हिंदुओं का मज़ाक बनाना एक फैशन बन चुका है। कोई हिंदुओं का अपमान अपनी राजनीति चमकाने के लिए करता है, तो कोई टीवी चैनल अपनी टीआरपी बढ़ाने की कोशिश में हिंदुओं का अपमान करने से पीछे नहीं हट्ता। ऐसी ही कोशिश हाल ही में Sony TV पर प्रसारित किए जाने वाले लोकप्रिय शो कौन बनेगा करोड़पति के दौरान भी देखने को मिली। दरअसल, शो के दौरान शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने प्रतिभागी से एक सवाल पूछा और जब उन्होंने उस सवाल के उत्तर के रूप में चार विकल्प प्रतिभागी के सामने रखे, तो हिन्दू राजा का नाम बड़े ही अपमानजनक तरीके से लिया गया, जबकि एक क्रूर मुग़ल शासक का नाम आदरपूर्वक लिया गया। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने Sony TV के खिलाफ जमकर गुस्सा प्रकट किया और लोगों से इस चैनल का बायकॉट करने की अपील की। हालाँकि, मामला बढ़ता देख, बाद में चैनल ने लोगों से माफी मांग ली।

बता दें कि केबीसी के 6 नवम्बर को प्रसारित एक एपिसोड में अमिताभ बच्चन ने कंटेस्टेंट से सवाल पूछा था कि इनमें से कौन से शासक मुगल सम्राट औरंगजेब के समकालीन थे? इस जवाब के बाद कंटेस्टेंट के सामने चार विकल्प रखे गए और वो विकल्प थे महाराणा प्रताप, राणा सांगा, महाराजा रणजीत सिंह और शिवाजी। अब आप गौर करेंगे तो क्रूर मुगल शासक औरंगजेब को जहां मुगल सम्राट कहकर पुकारा गया, तो वहीं हिंदुओं के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को सिर्फ शिवाजी कहकर पुकारा गया। यही कारण था कि लोगों को अमिताभ बच्चन और Sony TV के इस सवाल पर गुस्सा आया और उन्होंने Sony TV का बहिष्कार करने की मुहिम छेड़ दी।

लोगों का गुस्सा जायज़ भी था। एक तरह जहां छत्रपती शिवाजी एक महान योद्धा एवं गुणवान शासक थे, वहीं औरंगजेब एक अत्याचारी, क्रूर और लुटेरा शासक था। इस शासक ने अपने पिता को जेल में बंद करवा दिया था और साथ ही अपने सभी भाइयों की हत्या भी करवा दी थी। औरंगजेब ने अपने शासनकाल में जहां एक तरफ हिंदुओं के असंख्य मंदिरों को तुड़वाया था, तो वहीं हिन्दू महिलाओं पर भी वह अत्याचार करता था। औरंगजेब ने पहले तो हिन्दू त्यौहारों पर प्रतिबन्ध लगाया और हिन्दू मंदिरों को तोड़ने का आदेश दिया। बनारस के ‘विश्वनाथ मंदिर‘ एवं मथुरा के ‘केशव राय मंदिर’ इसी कट्टर शासक के कहने पर तोड़े गये थे। बाद में उसने तोड़े गये मंदिरों की जगह पर मस्जिद और कसाईखाने कायम कर दिये। हिन्दुओं के दिल को दुखाने के लिए इस क्रूर शासक ने गो−वध करने तक की खुली छूट दे दी थी। इसके अलावा औरंगजेब सिखों के गुरु तेगबहादुर सिंह जी का भी हत्यारा माना जाता है और यह भी कहा जाता है कि ब्रज संस्कृति को खत्म करने की भी उसने कोशिश की थी।

बता दें कि महाराष्ट्र के साथ इस निर्दयी शासक का बड़ा संघर्ष हुआ, जिसमें शिवाजी ने इसके हौसलों को पस्त कर दिया था। चूंकि शिवाजी का लक्ष्य भारत भूमि से विदेशियों के साम्राज्य को नष्ट करना था, इसी कारण उनके निशाने पर औरंगजेब था। माना जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राष्ट्रव्यापी कार्य से वह विचलित हो गया था। छत्रपति शिवाजी महाराज ने उसके भेजे कई सेनापतियों को मार गिराया था, इसलिए वह हमेशा उनके सामने जाने से डरता रहा। इससे स्पष्ट होता है कि औरंगजेब एक डरपोक राजा था जो छत्रपति शिवाजी के सामने आने से डरता था। दूसरी ओर शिवाजी एक सेक्युलर और दयालु राजा थे। वे सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते थे। छत्रपति शिवाजी महाराज जबरन धर्मांतरण के सख्त खिलाफ थे। उनकी सेना में मुस्लिम बड़े पद पर मौजूद थे। इब्राहिम खान और दौलत खान उनकी नौसेना के ख़ास पदों पर थे। सिद्दी इब्राहिम उनकी सेना के तोपखानों का प्रमुख था। शिवाजी महाराज के उसूलों के मुताबिक वे दुश्मनों के सैनिकों के साथ भी बड़ा ही मानवीय व्यवहार करते थे और किसी भी पकड़ी गई महिला को गुलाम की तरह नहीं रखते थे।

यही कारण था कि जब Sony TV ने शिवाजी महाराज का नाम इस तरह दिखाया तो लोगों को गुस्सा आ गया और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालना शुरू कर दिया।

एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि वह ‘अमिताभ बच्चन और केबीसी शो का बहुत बड़ा फैन था, लेकिन अब नहीं। आप छत्रपती शिवाजी महाराज से बड़े नहीं हो’।

जब लोगों का गुस्सा बढ़ा तो Sony TV ने एक माफीनामा जारी किया और लोगों से माफी मांगी। सोनी टीवी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा- बुधवार के केबीसी एपिसोड के दौरान अनजाने में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम गलत ढंग से लिखा गया। इसके लिए हमें पछतावा है। हमने दर्शकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पिछले एपिसोड के दौरान स्क्रॉल के माध्यम से खेद व्यक्त किया है।

पर क्या सिर्फ माफी मांगने से सब सही हो जाएगा? अक्सर देखने में आया है कि जब कुछ हिन्दू-विरोधी ताक़तें अपना हिन्दू-विरोधी एजेंडा फैलाने में विफल हो जाती हैं तो वे बाद में माफी जारी कर अपनी जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश करतीं हैं। ऐसा ही हमें इस बार भी देखने को मिला है। Sony Tv को चाहिए कि वह सभी को इस बात का आश्वासन दे कि वह आगे ऐसी गलती को ना दोहराए अन्यथा उसे बड़ी मात्रा में अपने दर्शकों से हाथ धोना पड़ सकता है।

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