प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे कूटनीतिक कदम उठाए हैं, जिससे दुनिया को भारत की बढ़ती शक्ति का पता चला है। इसी कड़ी में उन्होंने एक और अहम कदम उठाएं हैं। दरअसल, पीएम मोदी 11वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने ब्राजील पहुंचे है, इस दौरान पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो से मुलाकात की और आतंकवाद निरोधक मदद के लिए तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि यह ब्रिक्स सम्मेलन दुनिया की पांच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करेगा। इस मौके पर पीएम मोदी ने 2020 के गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आने का न्योता दिया है जिसको उन्होने स्वीकार कर लिया है।
अब आते हैं आखिर क्यों पीएम मोदी ने बोल्सोनारो गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथी के रूप में आमंत्रित किया है। दरअसल जेयर बोल्सोनारो एक अहम नेता हैं जिन्होंने ब्राजील को कम्युनिज्म की सिंहासन से मुक्त कर दिया है। इसी साल दक्षिणपंथी नेता बोल्सोनारो सत्ता में आए और उन्होंने ब्राजील में साम्यवाद-विरोधी लहर की लहर छेड़ दी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि भारत को दक्षिण अमेरिका तक पहुंचने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत और लैटिन अमेरिकी देशों के बीच व्यापार संबंधों की जबरदस्त संभावना है। LAC क्षेत्र में 43 देश शामिल हैं और भारत के प्रमुख आर्थिक और व्यापारिक भागीदार ब्राजील, अर्जेंटीना, पेरू, चिली, कोलंबिया, इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, वेनेजुएला, पनामा और क्यूबा हैं, जिनमें से सभी काफी तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहे हैं। 2017-18 के दौरान भारत-एलएसी देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 29.33 बिलियन अमेरिकी डालर था जोकि 2016-17 में 24.52 बिलियन अमरीकी डॉलर के मुकाबले काफी सुधरा है। दोनों पक्षों के पास कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने की बहुत बड़ी क्षमता है।
ब्राजील को एक मंदी का सामना भी करना पड़ा क्योंकि तत्कालीन ब्राजील सरकार आवश्यक वित्तीय सुधारों को पूरा करने में विफल थी और 2017 और 2018 में, अर्थव्यवस्था 1.1% की धीमी गति से बढ़ा। बहरहाल, ब्राजील भारत के लिए एक उभरती अर्थव्यवस्था और एक महत्वपूर्ण व्यापार भागीदार बना हुआ है। मंदी के कारण द्विपक्षीय व्यापार पर गहरा असर पड़ा और दोनों नेताओं ने यथास्थिति को बदलने की मांग की, क्योंकि उनका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को प्रगाढ़ करना है। ब्राजील में भारतीय निर्यात 2015 में 4.29 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जबकि ब्राजील से भारतीय आयात 3.62 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। इस प्रकार समग्र द्विपक्षीय व्यापार यूएस 7.9 बिलियन हुआ था।
साल 2014 में 672.13 मिलियन यूएस डॉलर से बढ़कर 1.846 बिलियन यूएस डॉलर हो गया। इसमें लगभग 39% निर्यात डीजल जैसे कीमती पेट्रोलियम उत्पाद का हुआ था। भारत से अन्य प्रमुख निर्यात कार्बनिक रसायन और दवा उत्पाद थे जिनका मूल्य 730 मिलियन अमरीकी डालर था। भारत के निर्यात में मशीनरी और यांत्रिक उपकरण वस्तुएं थीं, जिनकी कीमत लगभग 226 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी। अन्य महत्वपूर्ण निर्यात वस्तुओं में टेक्सटाइल उत्पाद (कपास, परिधान, सहायक उपकरण आदि) शामिल थे, जिनकी कीमत 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
भारत को ब्राजील मुख्य रूप से क्रूड ऑयल और पेट्रोलियम पदार्थ निर्यात करता है। भारत ने 420 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सोया तेल, 363 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य का चीनी, 250 मिलियन अमरीकी डॉलर का तांबा अयस्क और 261 मिलियन अमरीकी डॉलर का सोना आयात किया। 2016 में भारत और ब्राजील के बीच कुल व्यापार 5.64 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जो पिछले वर्ष की समान अवधि (यूएसडी 7.90 बिलियन) में दर्ज किए गए कुल व्यापार से 28.62% कम था। ब्राजील के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों की रैंकिंग में, भारत पिछले साल 10 वें स्थान से 11 वें स्थान पर खिसक गया। जबकि भारत में ब्राज़ील का निर्यात (USD 3.16 बिलियन) 12.16% घट गया, भारत का ब्राज़ील (USD 2.48 बिलियन) का निर्यात 42.12% घट गया, जबकि भारत में ब्राज़ील के साथ 680 मिलियन अमरीकी डालर का व्यापार घाटा हुआ।
बोलसनारो ब्राजील में बेहद लोकप्रिय नेता हैं और अमेजॉन की आग, कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के अलावा वे वहां के सबसे चर्चित नेता हैं। ब्राजील में वे इसलिए वहां पर चर्चित हैं क्योंकि वह पटरी से उतर चुकी ब्राजील की अर्थव्यवस्था एक नया आयाम दिए हैं। पीएम मोदी ने उन्हें मुख्य अतिथी के रूप में बुलाकर अपनी कूटनीति का शानदार परिचय दिया है। इससे दोनों देश के लोग भी एक-दूसरे से जुड़ेंगे।