देश के भावी क्रिकेटरों के लिए खुशखबरी, दादा और द्रविड़ मिलकर NCA को Center of Excellence में बदलेंगे

एनसीए

बीसीसीआई अध्यक्ष की बागडोर संभालने के बाद से ही सौरव गांगुली ने कई कदम उठाए हैं। एक ओर जहां उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ ईडन गार्डन्स में खेले जाने वाले ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच को हरी झंडी दे दी है तो वहीं उन्होंने कप्तान विराट कोहली और टीम इंडिया को आईसीसी टूर्नामेंट्स जीतने के लिए प्रयास तेज़ करने का संदेश दिया है। बता दें कि भारत पिछले 7 बड़े टूर्नामेंटों को जीतने में असफल रही हैं। दादा ने स्पष्ट शब्दों में यह बता दिया है कि उन्हें जीत और परिणाम से मतलब है।

अब पूर्व भारतीय कप्तान ने अपना ध्यान राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) की ओर किया है। उन्होंने ने बुधवार को अपने पुरानी साथी और एनसीए (नेशनल क्रिकेट अकादमी) के प्रमुख राहुल द्रविड़ से मुलाकात की। बेंगलुरु के एम.चिन्नास्वामी में हुए इस बैठक में गांगुली और द्रविड़ के बीच एनसीए के भविष्य के रोडमैप को लेकर चर्चा हुई। ऐसा लग रहा है कि अब इन दोनों ही पूर्व कप्तानों ने NCA को पुनर्जीवित कर इसे सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाने का फैसला कर लिया है।

नेशनल क्रिकेट एकेडमी की स्थापना 2000 में की गई थी जो भारतीय क्रिकेट टीम का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखने वाले युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षण देने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा स्थापित किया गया था। एनसीए को भारतीय क्रिकेट की सप्लाई लाइन माना जाता है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह रिहैबिलिटेशन केंद्र सा बन गया है। सौरव गांगुली ने भी अध्यक्ष बनने के बाद इस बात को माना था। सौरव गांगुली ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘हां एनसीए को पुनर्जीवित करने के लिए मेरे पास कुछ योजनाएं हैं। मैं 30 अक्टूबर को बेंगलुरु जाऊंगा।’

पिछले सप्ताह ही टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने भी बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली को एनसीए के सुधार पर फोकस करने की सलाह दी थी। लक्ष्मण ने कहा था, ‘एनसीए को सिर्फ रिहैबिलेटेशन सेंटर ही नहीं बने रहना चाहिए। यहां भारतीय क्रिकेट का भविष्य यानि युवाओं को निखारने पर फोकस होना चाहिए। अगर आप मुझसे एक बात पूछेंगे तो वो ये होगी कि सौरव एनसीए को कैसे पुनर्जीवित कर सकते हैं। भारतीय टीम की महानता उसकी बेंच स्ट्रेंथ में है।’

गौरतलब है कि बीसीसीआइ ने कर्नाटक सरकार से मई 2017 में 25 एकड़ भूखंड के लिए करार किया था। अब उसे बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए 15 एकड़ भूमि अतिरिक्त मिल गई है। गांगुली ने एनसीए के अधिकारियों के साथ उस प्रस्तावित भूमि की भी मुआयना की जहां एनसीए की नई अकादमी बनने वाली है। इस सुविधा के लिए अब कुल क्षेत्र 40 एकड़ हो गया है।

BCCI बेंगलुरु स्थित एनसीए में स्पोर्ट्स मेडिसिन रिसर्च के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना करना चाहता है। ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई खास किस्म का स्पोर्ट्स मेडिकल करिकुलम प्रोग्राम शुरू करेगा। इसके साथ-साथ खिलाड़ियों की फिटनेस से जुड़े फिजियो और ट्रेनर्स की जॉइनिंग के लिए क्वॉलिफिकेशन योग्यता को अपग्रेड करेगा। यह सब बीसीसीआई की लॉन्ग टर्म योजना का हिस्सा है। बोर्ड बेंगलुरु में खरीदी गई 40 एकड़ जमीन पर इसका निर्माण करेगा और इसी जमीन पर नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) भी शिफ्ट की जाएगी। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 500 करोड़ बताई जा रही है। हालांकि यह योजना करीब 6 महीने लेट हो चुकी है।

साथ ही बीसीसीआई में अनियमितता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति (सीओए) को बीसीसीआई का कार्यभार दे दिया था। इस प्रशासकों की समिति ने तीन साल तक एनसीए को पूरी तरह से उपेक्षित किया था। जमीन खरीदने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया और न ही विकास हुआ।

लेकिन अब सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही बेंगलुरु में NCA को ब्रिस्बेन में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सेंटर ऑफ एक्सलेंस की तर्ज पर एक अत्याधुनिक सुविधा वाले केंद्र में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यहीं नहीं एनसीए का कायापलट करने के बाद इस सेंटर ऑफ एक्सलेंस को विश्व स्तरीय बनाने के लिए क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ियों को भी युवाओं की मदद के लिए जोड़ने का विचार है। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली ने बंगाल क्रिकेट अध्यक्ष रहते भी यही किया था। उन्होंने विजन 2020 जैसे प्रोग्राम्स को भी लॉन्च किया था जो युवा क्रिकेटरों के एक्सपोजर और क्रिकेट कोचिंग के लिए शुरू किया गया था। सौरव गांगुली ने इस प्रोग्राम के लिए मुलीधरन, वीवीएस लक्ष्मण और टीए शेखर जैसे खिलाड़ियों को इस प्रोग्राम से जोड़ा था ताकि युवा खिलाड़ियों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके।

NCA का दौरा करने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने मौजूदा मुख्य कोच को भी NCA में युवाओं को तराशने में योगदान के लिए बुलाने की बात कही। गुरुवार को उन्होंने कहा- ‘’रवि शास्त्री जब तक टीम इंडिया के मुख्य कोच हैं तब तक वह राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में प्रतिभाओं को निखारने में ज्यादा योगदान दें। गांगुली ने ईडन गार्डंस पर कहा, ‘हम ऐसी व्यवस्था भी बनाएंगे जिसमें रवि को एनसीए के साथ ज्यादा योगदान करने के लिए कहा जाएगा, जब तक वह कोच हैं। हम इसे एक अच्छा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएंगे। हमारे पास राहुल द्रविड़ हैं, पारस म्हाम्ब्रे और भरत अरुण भी हैं।’

इसके अलावा गांगुली ने ये भी कहा कि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली भी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) को लेकर भी काफी भावुक हैं। हम इसे बदलने की पूरी कोशिश करेंगे।

अब जब भारतीय क्रिकेट में प्रमुख पद, यानि NCA के अध्यक्ष राहुल द्रविड़ और BCCI के अध्यक्ष सौरव गांगुली हैं तो पुराने रिकॉर्ड से यह कहा जा सकता है कि आने वाले वर्षों में यहां भी धमाका होने वाला है। एक ओर जहां द्रविड़ नए खिलाड़ियों को पहचान कर उन्हें राष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए तैयार करेंगे तो वहीं, सौरव BCCI के प्रशासन में सुधार लाकर क्रिकेट की संरचना को व्यवस्थित करेंगे। इन दोनों के रहते एनसीए पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगा और सेंटर ऑफ एक्सलेंस में तब्दील हो जाएगा।

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