भारत में अवैध रूप से रह रहे पांच बांग्लादेशी अप्रवासियों को भेजा गया वापस उनके देश

बांग्लादेशी

सरकार किस तरह से बाहरी नागरिकों को उनके देश वापस भेज रही है वो प्रतिबद्धता हमें एक एक बार फिर देखने को मिली है। दरअसल, Newsonair की एक रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार को असम के डिटेंशन सेंटर में बंद पांच बांग्लादेशी नागरिकों को रिहा किया गया और उन्हें अपने देश वापस भेज दिया गया। इन सभी ने पासपोर्ट और विदेशी अधिनियम का उल्लंघन किया था जिसके लिए इन्हें दोषी ठहराया गया था। अब पासपोर्ट अधिनियम का उल्लंघन करने की सजा भुगतने के बाद इन्हें इनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गयी।

आव्रजन अधिकारियों ने बताया कि इस बार इन्हें सड़क मार्ग की बजाय विमान से कोलकाता होते हुए गुवाहाटी से ढाका भेजा गया। इन बांग्लादेशी नागरिकों के साथ सुरक्षाबल के जवान भी जायेंगे। Newsonair की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो वर्षों में असम से 180 अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों सहित 200 विदेशी नागरिकों को निर्वासित किया गया है।

बता दें कि अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ मोदी सरकार ने भी कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है। भारत सरकार इससे पहले भी असम से अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को उनके वतन वापस भेज चुकी है। इससे पहले इसी वर्ष मई में एक महिला सहित 20 बांग्लादेशी नागरिकों और जुलाई में 30 बांग्लादेशियों को उनके देश वापस भेजा गया था। जहां 20 घुसपैठियों को  पासपोर्ट और विदेशी अधिनियम के उल्लंघन के आरोप में दोषी ठहराया गया था। तो वहीं 30 घुसपैठिये जो वापस भेजे गए थे वो वैध दस्तावेजों के बिना असम के अलग-अलग इलाकों से भारत में दाखिल हुए थे और इन्हें राज्य के 10 अलग-अलग जिलों से हिरासत में लिया गया था। इनमें से कई ने तो ये भी स्वीकार किया कि वह नौकरी और अपने रिश्तेदारों से मिलने के लालच में भारत में अवैध रूप से घुसे थे।

वर्ष 2018 पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में स्पष्ट कहा भी था कि ‘अवैध रूप से देश में घुसने वाले लोग बिना वैद्य  दस्तावेजों के चोरी-छिपे प्रवेश करते हैं, इसलिए ऐसे घुसपैठियों की निश्चित संख्या बता पाना संभव नहीं है’। हालांकि, राज्य की पुलिस और प्रशासन इस दिशा में प्रयासरत है और घुसपैठियों को उनके देश वापस भेजने के लिए तेजी से काम कर रही है। पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा में कहा था कि 39 बांग्लादेशियों को असम से वापस भेजा गया था, इसके अलावा बांग्लादेश ने भी 53 बांग्लादेशी नागरिकों की राष्ट्रीयता सत्यापित कर उन्हें स्वदेश लौटने के लिए उनके यात्रा दस्तावेज  जारी किये थे। स्पष्ट है सरकार के प्रयासों के कारण ही बांग्लादेश अपने नागरिकों को स्वीकार कर रहा है परन्तु बांग्लादेश कई बार उसके नागरिकों को वापस भेजे जाने का विरोध कर चुका है। वहीं असम में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले 39 बांग्लादेशियों को पिछले दो साल (2016-17) में वापस भेजा गया है।

बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों को देश के लिए खतरा बताया था। तबसे ही इन्हें देश से बाहर भेजने की प्रक्रिया पर काम चल रहा था और अभी भी ये जारी है। ये एक अच्छे संकेत हैं क्योंकि ये घुसपैठिये भारत की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा हैं।

Exit mobile version