अमेरिका के पूर्व रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने एक बार पाकिस्तान के लिए कहा था कि यह दुनिया में सबसे खतरनाक देश है। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान जिस तरह अपने न्यूक्लियर हथियारों के जखीरे को बढ़ा रहा है, वह दुनिया की शांति के लिए खतरा पैदा कर रहा है। अब जर्मनी की सरकार ने फिर एक बार पाकिस्तान के रूप में दुनिया की शांति के लिए पैदा होते खतरे से सबको अवगत कराया है। संसद में एक सवाल के जवाब में जर्मनी की सरकार ने यह खुलासा किया है कि पाकिस्तान पिछले कई सालों से लगातार अवैध तरीकों से जर्मनी और अन्य पश्चिमी देशों से न्यूक्लियर हथियार के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली चीजों को खरीदने की कोशिशों में लगा है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही जर्मनी में अब पाक को किसी भी तरह का हथियार बेचने पर रोक लगाने की मांग उठने लगी है, और साथ ही पाक की ज़िम्मेदारी तय करने की भी बात कही गयी है।
बता दें कि जर्मनी की लेफ्ट पार्टी के 4 सांसदों ने सरकार से यह जवाब मांगा था कि वर्ष 2010 के बाद से दुनिया में न्यूक्लियर हथियारों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की अवैध खरीद-फरोख्त के आंकड़ों में क्या बदलाव आया है? इसके जवाब में जर्मनी की सरकार ने बताया कि वर्ष 2016 में ऐसी वस्तुओं की अवैध खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए Joint Comprehensive Plan of Action (JCPoA) बनाया गया था, जिसके बाद से यह सामने आया है कि पाकिस्तान पिछले कई सालों से अवैध तरीके से न्यूक्लियर संबन्धित वस्तुओं को हासिल करने की जद्दोजहद में लगा है ताकि NBC यानि न्यूक्लियर, बायोलोजिकल और केमिकल हथियारों का निर्माण किया जा सके। जर्मनी की सरकार ने बताया ‘एक तरफ जहां नॉर्थ कोरिया और सीरिया जैसे देशों से न्यूक्लियर संबन्धित वस्तुओं को हासिल करने के प्रयासों में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है, वहीं इसके विपरीत पाकिस्तान द्वारा इसके प्रयासों में बड़ा उछाल देखने को मिला है’। बता दें कि पाकिस्तान द्वारा जर्मनी में ऐसे प्रयास इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि जर्मनी में न्यूक्लियर हथियारों से संबन्धित कई हाई-टेक कंपनियाँ हैं।
इस बात का खुलासा होने के बाद अब जर्मनी की विदेशी मामलों की संसदीय कमिटी की एक सदस्य ने पाक को न्यूक्लियर संबन्धित हथियार बेचने का विरोध किया है। उन्होंने कहा ‘न्यूक्लियर हथियारों के प्रसार के खिलाफ ईरान सही दिशा में काम कर रहा है, जबकि पाक, जो कि जर्मनी के हथियारों का एक बड़ा आयातक है, वह एक विश्वसनीय साझेदार नहीं है। इसलिए जर्मनी सरकार को, खासतौर पर कश्मीर विवाद को ध्यान में रखते हुए, पाकिस्तान को हथियार बेचने से परहेज करना चाहिए।
अभी पाकिस्तान के पास 130-140 न्यूक्लियर हथियार हैं और वर्ष 2025 तक पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर जखीरे को 250 तक ले जाना चाहता है। अभी पाकिस्तान ने Nuclear Non-Proliferation Treaty (NPT) पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जिसका अर्थ है उसके पास न्यूक्लियर हथियारों को विकसित करने के लिए जरुरी सामग्री खरीदने का विकल्प मौजूद नहीं है। ऐसे में अब पाकिस्तान उस सामग्री को खरीदने के लिए अवैध तरीकों को अपना रहा है। इससे इस बात की आशंका भी काफी बढ़ गयी है कि पाक से न्यूक्लियर तकनीक तुर्की जैसे देशों के पास जा सकती है, क्योंकि तुर्की और पाक के रिश्ते काफी मजबूत हैं।
पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर हथियार होना दुनिया के लिए सबसे खतरनाक इसलिए है क्योंकि पाक की अर्थव्यवस्था की कमर पूरी तरह टूट चुकी है और इस देश पर भारी कर्ज़ का बोझ है। इसके अलावा इस देश पर सिविलियन हुकूमत नहीं बल्कि मिलिट्री का राज चलता है, यह वही मिलिट्री है जिसके अफ़ग़ानिस्तान में बैठे तालिबानी आतंकियों और पाकिस्तान में बैठे भारत पर हमला करने वाले जिहादियों के साथ बेहद नजदीकी संबंध हैं। यही कारण है कि अब विश्व पाकिस्तान के रूप में उत्पन्न हो रहे वैश्विक खतरे को महसूस कर पा रहा है। हालांकि, जब तक सभी देश मिलकर पाकिस्तान पर कोई खास दबाव नहीं बनाते हैं, तब तक पाकिस्तान नहीं सुधरने वाला है।