JNU के वामपंथियों को रास नहीं आया अयोध्या मामले पर SC का फैसला, 370 के बाद फिर लगी मिर्ची

जेएनयू

देश का सबसे चर्चित विश्वविद्यालय जेएनयू इन दिनों फिर से चर्चा में है। दरअसल, कल यानि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर ऐतिहासिक निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि विवादित भूमि पर रामलला का अधिकार है। वहीं मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने का फैसला सुनाया।

देशभर में जहां इस निर्णय का स्वागत हो रहा है, और सुप्रीम कोर्ट के इस पीठ को उनकी परिपक्वता के लिए जमकर सराहा गया, तो वहीं कुछ लोगों को यह आनंद का माहौल भी रास नहीं आया। अभी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के झटके से हमारी लिबरल बिरादरी को उबरे कुछ समय भी नहीं हुआ था की अयोध्या के राम जन्मभूमि मामले के निस्तारण ने मानो उनके मुंह से निवाला ही छीन लिया हो।

दरअसल, जेएनयू के वामपंथी छात्रों को सुप्रीम कोर्ट का उक्त फैसला बिल्कुल रास नहीं आई। अदालत के फैसले पर जेएनयू के वामपंथी छात्रों ने कैंपस में जमकर विरोध किया। हालांकि वामपंथी छात्रों के इस धड़े के विरोध प्रदर्शन से पहले यहां एबीवीपी के स्टूडेंट्स पहुंचे और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए जेएनयू कैंपस मेंमें दीप जलाए। इसके साथ ही, ‘मंदिर वहीं बनाएंगे’ के नारों से पूरे कैंपस को गुंजायमान कर दिया। हालांकि अभी तक किसी तरह के हंगामें की खबर नहीं आई है।

जेएनयू कैंपस में बने साबरमती ढाबा के पास इन वामपंथी छात्रों ने अपनी भड़ास निकाली। विरोध प्रदर्शन करने वालों का कहना था- ”हमारे पास सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की कॉपी है। हमने कोर्ट के फैसले को पढ़ा और इस पर चर्चा भी की। लेकिन जजमेंट देखकर हम हैरान हैं। न्यायपालिका ने हमें गलत साबित कर दिया है।” इसके साथ ही वामपंथी छात्रों ने कहा कि हम अयोध्या के फैसले को सही नहीं मानते। यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित साबरमती ढाबे के पास हुए इस विरोध प्रदर्शन को जेएनयू के वामपंथी छात्र शरजील इमाम ने लीड किया। इस प्रदर्शन की भनक कल रात यानि शनिवार को ही लग गई थी। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा था जिसमें साफ साफ साबरमती ढाबे पर पहुंचकर फैसले को विरोध करने की बात कही गई थी। इस फोटो को कई लोगों ने पुलिस को कोट करते हुए ट्वीट भी किया था।

इससे पहले शुक्रवार को वामपंथी छात्रों ने जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में शुक्रवार को नए हॉस्टल नियमों का विरोध किया। इस दौरान वे हॉस्टल नियमों के विरोध में एसोसिएट डीन ऑफ स्टूडेंट प्रो. वंदना गुप्ता को शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे से बंधक बनाया था। इसके साथ ही छात्रों ने शुक्रवार की आधी रात को कश्मीर मांगे आजादी, पंजाब बोला आजादी, यूपी बोला आजादी, अरुणाचल बोला आजादी और दिल्ली बोली आजादी के नारे लगाए। बताया जा रहा है कि जेएनयू प्रशासन मामले की जांच कर रही है। इससे पहले 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारे लगे थे। जिसमें देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था और तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के नेता कन्हैया कुमार और उनके दो अन्य साथी छात्रों को गिरफ्तार भी किया गया था।

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