मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद गंवा सकते हैं अपनी कुर्सी

महातिर मोहम्मद

महातिर मोहम्मद, 94 वर्ष की उम्र के दुनिया के सबसे उम्रदराज़ प्रधानमंत्री जल्द ही अब अपनी सत्ता गंवा सकते हैं। यह तो आपको पता ही होगा कि कैसे महातिर मोहम्मद मलेशिया के प्रधानमंत्री होते हुए अपने ही देश के हितों के खिलाफ एक के बाद एक कदम उठाते चले जा रहे हैं। हालांकि, अब लगता है कि उन्होंने अपने राजनीतिक साथियों की पीठ में छुरा घोंपने का मन भी मना लिया है। दरअसल, महातिर मोहम्मद अभी अपने राजनीतिक साथी अनवर इब्राहिम के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, और सरकार बनाते समय महातिर ने यह वादा किया था कि एक या दो साल के बाद वे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर अनवर के लिए कुर्सी खाली कर देंगे। हालांकि, अपनी कही इस बात से पलटते हुए फाइनेंशियल टाइम्स को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा कि अभी कुर्सी छोड़ने का उनका कोई प्लान नहीं है और मौजूदा हालातों को देखते हुए देश चलाने के लिए वे ही सही व्यक्ति हैं। बता दें कि अनवर और महातिर यूं तो आज एक ही सरकार का हिस्सा हैं लेकिन उनके बीच में पुरानी दुश्मनी रही है। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि महातिर द्वारा उनके बयानों से पलटने के बाद अनवर विद्रोह छेड़कर मलेशियाई राजनीति को अस्थिर करने का प्रयास कर सकते हैं, और ना चाहते हुए भी महातिर को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है।

बता दें कि अनवर और महातिर पहले भी ठीक ऐसी ही परिस्थितियों का सामना कर चुके हैं। दरअसल, महातिर मोहम्मद इससे पहले वर्ष 1981 से लेकर वर्ष 2003 तक मलेशिया के प्रधानमंत्री रह चुके हैं और इस दौरान अनवर ही उनके उप-प्रधानमंत्री थे। हालांकि, धीरे-धीरे जब अनवर का राजनीतिक कद बड़ा होता गया और वे महातिर के विकल्प के तौर पर प्रस्तुत किए जाने लगे तो वर्ष 1998 में अनवर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें पीटा भी गया। इसके बाद उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए और उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। बाद में अनवर को उनपर लगे आरोपों से तो मुक्त कर दिया गया, लेकिन वे उसके बाद लगभग 1 दशक तक राजनीति से दूर रहे। उसके बाद पिछले वर्ष हुए चुनावों में अपना राजनीतिक हित साधने के लिए महातिर फिर एक बार अनवर के साथ आ गए और उन्हें कुछ सालों के बाद PM पद की कुर्सी सौंपने का आश्वासन दिया था।  हालांकि, अब महातिर का यह दावा करना कि सरकार चलाने के लिए अभी वे ही सही व्यक्ति हैं, अनवर और उनके समर्थकों को नाराज़ कर सकता है और उनके काले इतिहास को देखते हुए अनवर अपने वरिष्ठ महातिर के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।

हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ अनवर ही महातिर के खिलाफ मोर्चा खोलना चाहते हों, खुद लोगों में भी उनके प्रति निराशा है। जिस तरह उन्होंने देश को भ्रष्टाचार से उबारने के नाम पर पिछले एक साल में देश की अर्थव्यवस्था का बंटाधार किया है, खुद मलेशिया के लोग भी उनसे खुश नहीं हैं। मलेशिया में महातिर की सरकार की लोकप्रियता में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इसी वर्ष अप्रैल में प्रकाशित straittimes की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ एक साल के अंदर ही महातिर सरकार की लोकप्रियता में बड़ी कमी आई है, और महातिर की अप्रूवल रेटिंग 71 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 46 प्रतिशत रह गयी है। वहीं रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि सिर्फ 39 प्रतिशत लोग ही उनकी सरकार को सकारात्मक फीडबैक देंगे।

इसके अलावा पिछले कुछ महीनों में भी वे ऐसे कदम उठा चुके हैं जिससे भविष्य में मलेशिया की अर्थव्यवस्था को तगड़ा नुकसान पहुँच सकता है। अगस्त महीने में उन्होंने यूएन में कश्मीर मुद्दे को उठाया था जिसने नई दिल्ली को बहुत आहत कर दिया था। इसके बाद मलेशिया की पाम ऑयल इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं ईस्ट एशिया समिट के दौरान भी महातिर ने चीन का बचाव करते हुए अमेरिका पर निशाना साधा। दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान RCEP के मुद्दे पर बोलते हुए महातिर ने कहा था कि अमेरिका जानबूझकर ASEAN देशों को टार्गेट कर रहा है ताकि अपनी शत्रुतापूर्ण व्यापार नीति के माध्यम से वह एक-एक करके सभी देशों को निशाना बना सके। महातिर मोहम्मद ऐसे समय में अमेरिका पर हमले कर रहे हैं जब खुद मलेशिया का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस है। वर्ष 2018 में अमेरिका के साथ मलेशिया का ट्रेड सरप्लस 26.5 बिलियन यूएस डॉलर था। वही मलेशिया उस चीन की गोद में बैठकर अमेरिका को गाली दे रहा है जिसके साथ उसका ट्रेड डेफ़िसिट है। यह दिखाता है कि मलेशिया ASEAN देशों में ASEAN के हितों के विरुद्ध चीन के हितों के लिए काम कर रहा है।

कुल मिलाकर जहां एक तरफ मलेशिया की जनता महातिर से परेशान हो चुकी है, तो वहीं उनके राजनीतिक साथी भी उनके विश्वासघात से तंग आ चुके हैं। हालांकि, महातिर अपने आप को देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त बताने पर तुले हुए हैं। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि अनवर अपने अधिकारों के लिए जल्द ही कोई विद्रोह कर सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो महातिर को जल्द ही अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता है।

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