फर्जी फेमिनिस्ट महिमा कुकरेजा, जिसने #MeToo अभियान से कई बेगुनाह लड़कों बर्बाद किया

(PC: MenXP.com)

बीते वर्ष #MeToo अभियान पूरे देश में बहुत तेजी से फैला था। क्या बॉलीवुड क्या टीवी सितारे, कॉमेडियंस कोई भी इससे अछूता नहीं था। कई महिलाएं सामने आकर अपनी आप बीती को बयां कर रही थी। कई बड़े नाम सामने आये और कई ऐसे नामों पर आरोप लगे जिसने सभी को हैरत में डाल दिया था। इसकी शुरुआत AIB के पूर्व सदस्य यूट्यूबर और कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती से हुई थी जिनपर महिमा कुकरेजा ने एक ट्विटर थ्रेड के जरिये #MeToo अभियान के तहत कई आरोप लगाये थे। कॉमेडियन और राइटर महिमा कुकरेजा के बाद कई महिलाओं ने खुलकर उत्सव के खिलाफ अपनी बातें रखीं थीं।

महिमा कुकरेजा ने अपने ट्वीट में इंडियन कॉमेडी इंडस्ट्री में महिलाओं के यौन उत्पीड़न की बात उठाई थी। इसी ट्विटर थ्रेड में कुकरेजा ने उत्सव चक्रवर्ती पर आरोप लगाया था कि उत्सव ने नाबालिगों को न्यूड तस्वीर भेजने के लिए कहा था। परन्तु वो कहते हैं न कि “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं” ऐसा ही कुछ उत्सव चक्रवर्ती के मामले में हुआ है। सोशल मीडिया पर एक ऐसा ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है जिसने उत्सव चक्रवर्ती की बेगुनाही साफ सुनी जा सकती है।

दरअसल, बीते वर्ष इस मामले पर जिस वजह से अपनी स्टैंडअप कॉमेडी के लिए मशहूर उत्सव चक्रवर्ती ने अपना पक्ष खुलकर सामने नहीं रखा था वो वजह अब सामने आ चुकी है। खुलकर अपने ट्विटर अकाउंट पर उत्सव चक्रवर्ती ने अपने सच को बयां किया है और बेगुनाही के सबूतों के साथ महिमा कुकरेजा के आरोपों की धज्जियां उड़ाई हैं। लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि बुधवार को उत्सव की बेगुनाही तब सामने आई जब स्टैंडअप कॉमेडियन सौरव घोष ने ट्विटर और एक ट्वीट पोस्ट किया।

इस ट्वीट में सौरव घोष ने लिखा है कि, “उत्सव चक्रवर्ती मेरे संपर्क में आया। जो भी महिमा कुकरेजा ने उसके खिलाफ कहा था उसपर भरोसा करके इस व्यक्ति से दूरी बना ली थी लेकिन यह क्या है? आखिर उसकी वकील उसके पक्ष को छुपाने के लिए क्यों धमका रही है? इसपर चुप नहीं रहना चाहिए और इसे जानिए।”

https://youtu.be/KCRNDbrlLak

इसके साथ सौरव ने ऑडियो क्लिप भी अपने पोस्ट में शेयर किया है जिसमें महिमा कुकरेजा की वकील कह रही हैं कि, मैं महिमा कुकरेजा की वकील बोल रही हूं मुझे पता चला है कि आप अपना पक्ष रखने के लिए कुछ सबूत पब्लिक डोमेन में रखने की योजना बना रहे हैं। अभी वो मुंबई पुलिस और राष्ट्रीय महिला आयोग के संपर्क में है लेकिन वो मेंटल इश्यूज की वजह से इस मामले को और नहीं बढ़ाना चाहती। इसके अलावा और भी कई कारण हैं। यदि आप बिना अनुमति के कुछ भी सबूत सामने रखते हैं तो आपको ही प्रॉब्लम होगी।

इस ऑडियो क्लिप में महिमा कुकरेजा की वकील ने कई तरह के क़ानूनी तरीके से धमकाने और डराने की कोशिश की। इसके बाद उत्सव ने कहा कि ‘उसने ९महिम कुकरेजा) बिना किसी जांच के स्क्रीन शॉट को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया इससे मेरा पूरा करियर बर्बाद हो गया है और मेरे अपने दोस्त और रिश्तेदार कोई भी न मुझे सुनना चाहता है और न ही मुझसे कोई भी संपर्क रखना चाहता है।’ इसपर वकील ने कहा कि आपके पास जो भी स्क्रीन शॉट है उसे अगर पब्लिक डोमेन में रखा तो उत्सव तुम्हें आगे चलकर काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और कानून की कई धाराओं के तहत तुम्हें सजा मिल सकती है। तुम जनता के समक्ष इसके लिए माफ़ी मांग लो। इसपर उत्सव ने कहा कि मैं क्यों माफी मांगू महिमा को मांगनी चाहिए जिसने मेरे करियर को बर्बाद कर दिया। मुझे कहीं का नहीं छोड़ा इसके अलावा महिमा की वकील ने कई और बातें कहीं और उत्सव चक्रवर्ती को डराने धमकाने की कोशिश की थी।

वहीं, जब इस ऑडियो क्लिप को लेकर उत्सव चक्रवर्ती से बात की गयी तो उत्सव ने बताया कि ये ऑडियो क्लिप तो बस एक ही पार्ट है जब #MeToo अभियान के तहत उनपर आरोप लगे थे तो उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों को ये क्लिप्स भेजी थीं अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए लेकिन, किसी ने भी इसपर भरोसा नहीं किया था। आज अचानक उन्हें पता चला कि ये ऑडियो क्लिप वायरल हो गया है और लोग उनपर भरोसा कर रहे हैं। उत्सव ने कहा कि ‘मैं नहीं जानता ये किसने किया है परन्तु ये अच्छा हुआ है।‘ इसके साथ ही उत्सव ने कहा कि “इसपर आपको विश्वास नहीं होगा कि आज तक मैं इस महिला से व्यक्तिगत रूप से कभी नहीं मिला। हमने 2014 से 2016 के बीच तीन बार डायरेक्ट मैसेज से और उसके बाद ऑनलाइन बात की थी”।

इससे पहले एआईबी के पूर्व स्टैंडअप कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती ने अपने ट्विटर अकाउंट से महिमा कुकरेजा के हर आरोप पर स्पष्टीकरण दिया। उत्सव ने लिखा, “आखिर क्यों कई महिलाओं ने एक व्यक्ति को लेकर झूठ कहा था? अपने अगले कुछ ट्वीटस में मैं महिमा कुकरेजा द्वारा उन दुर्भावनापूर्ण आरोपों का जवाब दूंगा जिसे लेकर मीडिया ने खूब हवा दी थी।”

उत्सव ने आगे बताया कि कैसे आधे अधूरे सच को पोस्ट किया गया था और उसे फंसाया गया था इसके साथ ही कुछ अन्य महिलाओं के झूठ पर से भी पर्दा उठाया। इसके बाद एक के बाद एक ट्वीट में उत्सव ने कुकरेजा द्वारा लगाये गये आरोपों का खंडन किया।

एक नजर आप खुद उत्सव के इन ट्वीटस पर डालें…

कुछ समझ आया कि कैसे #MeToo अभियान के तहत महिमा कुकरेजा के साथ ही कनिका कॉल नाम की एक और यूजर के झूठ के जाल को समझाया है। इन दोनों ने मिलकर उत्सव के खिलाफ महिला पीड़ित का कार्ड खेला था। ऐसा लगता है कि दोनों ने मी टू अभियान का फायदा केवल व्यक्तिगत दुशमनी के लिए किया था।

उत्सव ने बताया कि उसने किसी भी तरह की कोई अश्लील तस्वीर किसी महिला के साथ साझा नहीं की है। उत्सव के इस ट्वीट ने सभी को हैरान कर दिया है। एक ऐसा मामला जिसने AIB पर कई सवाल खड़े कर दिए थे और उत्सव के करियर को बर्बाद कर दिया था। आज इस तरह का यू टर्न लेगा ऐसी उम्मीद शायद ही किसी को होगी। गौर करें तो महिमा कुकरेजा की वकील ने उसे मानसिक रूप से असंतुलित बताया परन्तु एक महिला किसी निर्दोष के करियर और उसके जीवन को कैसे बर्बाद कर सकती है, उत्सव का मामला इसका बड़ा उदाहरण है।

https://twitter.com/TrulyMonica/status/1197449161630609413

हैरानी की बात तो यह है कि ट्विट्टर पर ट्रेंड होने के बावजूद अभी तक किसी भी बड़े न्यूज़ पोर्टल ने इस खबर को प्रकाशित नहीं किया। चूंकि यहाँ पीड़ित व्यक्ति एक पुरुष है तो कोई भी खुलकर नहीं बोलना चाहता। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाये गये कानून का जिस तरह से आज की अति नारीवादी महिलाएं इस्तेमाल करती हैं वो बेहद शर्मनाक है।

महिमा कुकरेजा और कनिका कॉल जैसी महिलाओं की वजह से वास्तव में सार्वजनिक स्थान, ऑफिस और घरों में यौन शोषण से पीड़ित महिलाओं को भुगतना पड़ता है क्योंकि उनकी बातों पर कोई जल्दी यकीन नहीं करता। इस पूरे मामले ने ही #MeToo अभियान का ऐसा भद्दा मजाक बनाया है कि कोई भी अब इस तरह के मामलों पर भरोसा करने से पहले दस बार सोचेगा। ऐसा हो भी क्यों न वर्तमान में जिस तरह से महिलाएं यौन उत्पीड़न और इनसे जुड़ी भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376, 376 A, 376B , 376C, व 498A (दहेज़ उत्पीड़न), को कुछ महिलाओं द्वारा हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं, वो बेहद चिंताजनक रहा है। वहीं इस साल जनवरी में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों में अब तक महिलाओं से छेड़छाड़ के 91 केस दर्ज किए हैं, इनमें से 37 शिकायतें झूठी थीं। ऐसे कई झूठे मामले हैं जो सामने आये हैं और कुछ निर्दोष तो अपनी बेगुनाही न सबित कर पाने के कारण आज भी सजा भुगत रहे होंगे।

अब महिमा कुकरेजा कैसे उत्सव के तथ्यों का जवाब देती है और अपना पक्ष रखती हैं ये आने वाले समय में ही पता चल सकेगा। यदि वास्तव में महिमा कुकरेजा ने गलत तरीके से उत्सव को फंसाया था तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, उत्सव चक्रवर्ती ने देर ही सही अपने सच को सामने रखकर एक बड़ा उदाहरण स्थापित किया है। परन्तु सवाल तो उठता है कि आखिर अब तक किसी मुख्यधारा की मीडिया ने इसपर कुछ भी क्यों नहीं कहा है? न कोई पत्रकार और न ही कोई बुद्धिजीवी इसपर खुलकर बोल रहा है। दोनों का पक्ष एक निष्पक्ष मीडिया संस्थान होने के नाते मुख्यधारा की मीडिया को दिखाना चाहिए था, चूंकि यहाँ विक्टिम एक पुरुष है तो किसी के लिए ये इतना बड़ा मुद्दा नहीं है जो बेहद शर्मनाक है।

 

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