‘शिवाजी नहीं, छत्रपति शिवाजी कहिए’, शरद केलकर के टोकने के बाद पत्रकार ने गलती सुधार मांगी माफी

शरद केलकर

PC: News18

हाल ही में अजय देवगन की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘तानाजी – द अनसंग वॉरियर’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ है। ओम राऊत द्वारा निर्देशित इस फिल्म में अजय देवगन वीर मराठा योद्धा तानाजी मालुसरे को फिल्मी पर्दे पर जीवंत करेंगे। सोशल मीडिया और यूट्यूब पर लोगों की प्रतिक्रिया देखकर हम कह सकते हैं कि ये ट्रेलर दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है।

इसी बीच ट्रेलर के लॉंन्च इवैंट से एक वीडियो वायरल हुई है। इस वीडियो में एक पत्रकार ने शरद केलकर से कुछ सवाल पूछे, जो इस फिल्म में मराठा सम्राट, छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभा रहे हैं। जब पत्रकार ने उनसे पूछा कि शिवाजी का रोल करके उन्हें कैसा लग रहा है, तो शरद केलकर ने उन्हें तुरंत बीच में टोकते हुए कहा, ‘छत्रपति शिवाजी कहिए।’ इस प्रतिक्रिया को न केवल सभी दर्शकों ने सीटियों और तालियों सहित सराहा, अपितु उस पत्रकार को माफी भी मांगनी पड़ी।

शरद केलकर एक प्रसिद्ध टीवी कलाकार और वॉइसओवर आर्टिस्ट भी है। एक जिम प्रशिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करते हुए इन्होने पहले मॉडलिंग, और फिर टीवी में एक्टिंग की ओर रुख किया। छोटे मोटे रोल के बाद इन्हे ‘सात फेरे’ सीरियल में मुख्य भूमिका मिली, जहां से इनहोने पीछे मुड़के नहीं देखा। टीवी में एक विविध करियर का अनुभव के बाद शरद केलकर फिल्मों की ओर मुड़े, जहां उन्होंने ‘गोलियों की रासलीला – रामलीला’, ‘लाई भारी’, ‘द फॅमिली मैन’ नामक वेब सिरीज़ में एक्टिंग और डबिंग दोनों में अपना लोहा मनवाया। ‘बाहुबली’ में प्रभास के किरदार को हिन्दी में इन्होंने ही अपनी आवाज़ से एक दमदार छवि दी थी, जिसके कारण इनकी बाद में खूब प्रशंसा भी हुई।

अब तानाजी फिल्म के प्रमोशन के दौरान अपने बयान की वजह से शरद केलकर ने न केवल छत्रपति शिवाजी का सम्मान कायम रखा है, अपितु वामपंथियों और कुछ प्रमुख हस्तियों को आईना भी दिखाया है। अभी कुछ ही हफ्तों पहले केबीसी के एक एपिसोड को लेकर काफी विवाद हुआ था, जब एक प्रश्न में शो के होस्ट अमिताभ बच्चन ने पूछा था, ‘मुग़ल सम्राट औरंगजेब के समकालीन कौन थे?’, और औरंगजेब को सम्राट तो वहीं छत्रपति शिवाजी महाराज को केवल शिवाजी कहकर संबोधित किया गया था। इससे क्रोधित होकर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने ट्विटर पर #BoycottKBC ट्रेंड कराया, जिसके कारण सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन चैनल और स्वयं अमिताभ बच्चन को जनता से क्षमा याचना करनी पड़ी।

सोनी ने ट्विटर पर पोस्ट किया, “बुधवार के केबीसी एपिसोड के दौरान अनजाने में छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम गलत ढंग से लिखा गया। इसके लिए हमें पछतावा है। हमने दर्शकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पिछले एपिसोड के दौरान स्क्रॉल के माध्यम से खेद व्यक्त किया है”। अमिताभ बच्चन ने भी ट्वीट किया, ‘मेरा अपमान करने का कोई उद्देश्य नहीं था, फिर भी अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हो तो मैं क्षमाप्रार्थी हूं’।

उधर वामपंथी भी छत्रपति शिवाजी को एक राष्ट्रीय नायक न मानक मुगलों की भांति एक क्षेत्रीय जागीरदार तक ही सीमित कर देना चाहती है। इतिहास के पुस्तकों में छत्रपति शिवाजी का काफी सीमित उल्लेख किया जाता है, और उनके साथ लड़ने वाले अनेकों वीर योद्धा, चाहे बाजी प्रभु देशपांडे हो, या फिर उनके सबसे विश्वसनीय गुप्तचर बहिर्जी नायक हों, या फिर उनके विश्वासपात्र सेनापति तानाजी मालुसरे ही क्यों न हो, इतिहास के पुस्तकों में इनमें से किसी का उल्लेख तक नहीं मिलता है और यदि मिलता भी है तो केवल कुछ शब्दों तक ही सीमित रहता है।

यहीं नहीं, छत्रपति शिवाजी की तुलना में औरंगजेब को न सिर्फ महिमामंडित किया जाता है, बल्कि उन्हे मुग़ल सम्राट, ज़िंदा पीर जैसी उपाधियाँ देकर उनके अपराध छुपने हेतु वामपंथी कोई कसर नहीं छोडते। ऐसे में शरद केलकर का यह बयान न केवल एक आदर्श उदाहरण है, अपितु हमारे वास्तविक नायकों को अपमानित करने के लिए हर युक्ति अपनाने वाले वामपंथियों के लिए भी एक करारे तमाचे के समान है। अब तो बस इस फिल्म के रिलीज का इंतजार है।

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