जब से राजधानी दिल्ली (Delhi) में पानी की गुणवत्ता पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की रिपोर्ट आई और दिल्ली की केजरीवाल सरकार को एक्सपोज किया है तब से आम आदमी पार्टी की बयानबाजी जारी है। लेकिन इस मुद्दे पर केंद्र सरकार ने केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का मुहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की रिपोर्ट आने के बाद इसे झूठ बताते हुए AAP राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मांग की है कि जल प्रदूषण पर दिल्ली या अन्य राज्यों पर तैयार की गई रिपोर्ट और जिन स्थानों से सैंपल लिए गए हैं उनके नाम और तारीख सहित संपूर्ण रिपोर्ट मुहैया कराई जाए।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सभी रिपोर्ट्स को मुख्यमंत्री आवास पर ही भेज दिया। इसे ट्वीट करते हुए रामविलास पासवान ने लिखा, “AAP के नेताओं ने मांग की थी कि उन्हें जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है। Indian Standards ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री Arvind Kejriwal जी को दिल्ली में पानी की जांच की विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है जो मुख्यमंत्री आवास पर प्राप्त हो गयी है।
AAP के नेताओं ने मांग की थी कि उन्हें जांच की रिपोर्ट नहीं मिली है।@IndianStandards ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री @ArvindKejriwal जी को दिल्ली में पानी की जांच की विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है जो मुख्यमंत्री आवास पर प्राप्त हो गयी है। @PMOIndia https://t.co/MZ4TmN0ifJ
— Ram Vilas Paswan (@irvpaswan) November 19, 2019
दरअसल, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को 20 शहरों के जल गुणवत्ता की एक सर्वे रिपोर्ट जारी की थी। देश के 20 शहरों की पानी पर हुए सर्वेक्षण में दिल्ली का पानी सबसे ज्यादा विषैला पाया गया है। सर्वेक्षण के पहले चरण में बीआईएस ने पाया कि दिल्ली से लिए गए सभी 11 नमूने गुणवत्ता के मानकों पर फेल हैं। इसमें दिल्ली के अलावा कोलकाता और चेन्नई के नमूने 11 में 10 मानकों पर फेल हैं। बीआईएस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली से लिए पानी के नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की पानी की शुद्धता पर रिपोर्ट को ‘गलत और राजनीति से प्रेरित’ बताया था। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा– ‘पानी को लेकर राजनीति हो रही है। 11 जगह के सैंपल के आधार पर किसी शहर के पानी को खराब नहीं कहा जा सकता। बताया नहीं जा रहा कि कहां से सैंपल लिए गए। जल बोर्ड की रिपोर्ट में 2% से भी कम सैंपल फेल हुए। दिल्ली में 1500 से 2000 तक पानी के सैंपल लेंगे। मैं चुनौती दे रहा हूं रामविलास पासवान जी को, वे भी आएं और जांच करें कि दिल्ली का पानी साफ है या नहीं।‘
इस पर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने संसद में करारा जवाब दिया। पासवान ने कहा, ‘अगर दिल्ली सरकार चाहे, तो मैं अपनी तरफ से 2-3 वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त कर देता हूं। दिल्ली सरकार भी 2-3 अफसर भेज दे, जो जांच कर सकें। साथ में पानी की जांच करा लें और फिर रिपोर्ट को सार्वजनिक करें।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीआईएस रिपोर्ट पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने केजरीवाल को पत्र लिखकर चैलेंज स्वीकार कर लिया और उनको लिखी चिट्ठी में कहा, ‘मुझे यह देखकर आश्चर्य हो रहा है कि इन दिनों प्रेस और ट्विटर पर आपकी पार्टी द्वारा दिल्ली में पानी की गुणवत्ता पर बीआईएस द्वारा जारी रिपोर्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं। यहां तक कि इसे दिल्ली को बदनाम करने की कोशिश कही जा रही है। प्रत्येक राज्य को साफ पानी मिले यह केंद्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।’
इसके उत्तर में ही संजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री से सवाल किया था और रिपोर्ट मांगी थी।
"मैंने पासवान जी को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है और पूछा है कि आपने पानी के सैंपल कहां से लिए हैं? @DelhiJalBoard के द्वारा पिछले 9.5 माह में लगभग 1लाख 55 हज़ार सैंपल्स की जांच की गई जिसमें 98.5% सैंपल सही पाए गए।
आखिर आपने पानी की जांच कहाँ से की?
क्या नाले का पानी उठाकर जांच की" pic.twitter.com/Jnq4GV8ss6— AAP (@AamAadmiParty) November 19, 2019
इसके बाद रामविलास पासवान ने ट्विटर पर यह जानकारी दी कि भारतीय मानक ब्यूरो ने दिल्ली मुख्यमंत्री आवास पर सभी रिपोर्ट्स भेज दी है। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह सोचना चाहिए कि सिर्फ बयानबाजी और चुनौती की धमकी से काम नहीं चलने वाला है। दिल्ली की जनता को फ्री पानी के नाम पर दूषित पानी पिलाकर उल्लू बना रहे हैं और इसमें वे अपना ही नुकसान कर रहे हैं क्योंकि जनता सब कुछ देख रही है और चुनाव भी आने वाले हैं इसलिए बेहतर यही होगा कि वे बच्चों वाली जिद छोड़कर केंद्र की बात मानें और दिल्लीवासियों की समस्या का जल्द से जल्द निदान करें।