लिबरलों को बोलने की आजादी चाहिए लेकिन जब RJ रौनक जैैसा राष्ट्रवादी बोलता है तो मिर्ची लग जाती है

आरजे रौनक

ऐसा लगता है मानो इस देश में अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता कुछ स्वघोषित ठेकेदारों की निजी संपत्ति बन गयी है। यदि कोई भी उनकी गलत विचारधारा के विरुद्ध उंगली भी उठा दे, तो वे उसे समाज में हर प्रकार से अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कुछ ऐसा ही हुआ है प्रसिद्ध रेडियो जॉकी RJ रौनक के साथ, जिन्हें हम सब उनके चर्चित उपनाम ‘बऊआ’ के नाम से बेहतर जानते हैं। आरजे रौनक रेडियो पर अपने ‘बऊआ’ चरित्र के साथ दर्शकों को गुदगुदाने के लिए काफी प्रसिद्ध हैं। इसके साथ ही वे यूट्यूब पर आरजे रौनक और आरजे रौनक नो पो नामक दो चैनलों के माध्यम से दर्शकों को अपने चुटीले अंदाज़ में देश दुनिया की खबरों से परिचित कराते रहते हैं। ‘आरजे रौनक’ चैनल पर वे सभी मामलों को राजनीतिक दृष्टिकोण से समझाते हैं, तो ‘आरजे रौनक नो पो’ चैनल पर वे गैर राजनीतिक वीडियो पोस्ट करते हैं।

इसी बीच आरजे रौनक ने जेएनयू के मुद्दे पर टिप्पणी की, उन्होंने जेएनयू के विद्यार्थियों की संस्कृति, रहन-सहन पर कटाक्ष किया। इसी बीच उन्होंने एक महिला की तस्वीर पर अपनी टिप्पणी दी, जो तथ्यात्मक विश्लेषण पर भ्रामक निकली। इसके लिए एक सोशल मीडिया पेज ऑफिशियल पीइंगह्यूमन ने आरजे रौनक के विरुद्ध मोर्चा खोल लिया, और वे मोदी का दलाल, चापलूस इत्यादि से संबोधित करने लगे।

जब आरजे रौनक ने इस विषय पर अपना स्पष्टीकरण सबके समक्ष रखा, तो इसी पेज ने अपने पीठ थपथपाते हुए कहा, हम आपके माफीनामे की प्रशंसा करते हैं। ऐसा बोलने के लिए सार्वजनिक रूप से बहुत हिम्मत चाहिए। पर जानते हैं उससे ज़्यादा किस बात की हिम्मत चाहिए? तथ्यों को पेश करने की और ना की इन लोगों की चाटुकारी करने की। #getwellsoonbaua

हालांकि बहुत कम लोगों को पता है कि ऑफिशियल पीइंग ह्यूमन दरअसल, में आम आदमी पार्टी की पैरवी करने वाला एक सोशल मीडिया पेज है, जिसके मैनेजर रमित वर्मा, जिनका धुर मोदी विरोधी कॉमेडियन कुनाल कामरा के साथ काफी घनिष्ठ मित्र भी हैं। जब भी आम आदमी पार्टी या भारत विरोधी ताकतों पर कोई हमला करता है, तो ये पेज तुरंत ऐसे विरोधियों से आम आदमी पार्टी अथवा भारत विरोधी तत्वों के लिए आगे आ जाता है।

जेएनयू में उपद्रवियों के हर अपराध का बचाव करने में यह पेज सबसे आगे रहा है। जब जेएनयू के प्रकरण पर चर्चित यूट्यूब चैनल ‘आज की ताज़ा खबर’ ने एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार के पक्षपाती कवरेज पर चुटकी ली, तो ऑफिशियल पीइंग ह्यूमन ने कथित रूप से इन्हें एक्स्पोज़ करने का दावा करते हुए एक वीडियो पोस्ट की। हालांकि आज की ताज़ा खबर को एक्स्पोज़ करने के अभियान में इन्होंने अपने ही खोखले कवरेज की पोल खोल दी, जिसपर आज की ताज़ा खबर ने जमकर मौज ली

कहा जाता है कि ऑफिशियल पीइंग ह्यूमन को अप्रत्यक्ष रूप से एक अन्य विवादित यूट्यूबर ध्रुव राठी की भांति आम आदमी पार्टी का समर्थन प्राप्त है। उधर आरजे रौनक अपने चुटीले वीडियो के लिए काफी प्रसिद्ध हैं, जिसमें वे किसी को नहीं छोड़ते। एक ओर यदि वे जेएनयू के उपद्रवियों की पोल खोलते हैं, तो दूसरी ओर वे सत्ताधारी पक्ष के ऊटपटांग निर्णयों पर भी चुटकी लेने से नहीं हिचकिचाते

हालांकि आरजे रौनक अब लेफ्ट लिब्रल्स के निशाने पर इसलिए भी ज़्यादा हैं, क्योंकि उन्होंने अयोध्या के निर्णय और कमलेश तिवारी हत्याकांड पर कुछ बेहद ही तीखे सवाल पेश किए थे, जिनका पूछा जाना लिबरल समुदाय में पाप समान है। इसीलिए ऑफिशियल पीइंग ह्यूमन के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने ‘बॉयकॉट बऊआ’ नामक ट्रेंड चलाना शुरू कर दिया। परंतु उनका दांव उल्टा पड़ गया, और ट्विटर पर कई लोग आरजे रौनक के समर्थन में उतर आए, इतना कि ‘आई सपोर्ट आरजे रौनक’ ट्रेंड 72 हज़ार ट्वीट्स के साथ साथ ‘‘बॉयकॉट बऊआ’ के 33 हज़ार ट्वीट्स से काफी आगे निकल आया।

सच कहें तो पिछले तीन चार महीनों से एक के बाद एक ऐसे कई निर्णय आए हैं, जिससे हमारे लेफ्ट लिबरल्स अपनी सुध बुध खो बैठे हैं। कभी सत्ता को अपने जेब में रखने वाले इस समुदाय के लोग अब अपने वर्चस्व को अपने हाथ से फिसलता देख हर उस व्यक्ति को निशाने पर लेने लगे हैं, जो उनकी विचारधारा के विरुद्ध कुछ बोलने का प्रयास करता है। हालांकि जिस तरह आरजे रौनक को निशाने पर लेते हुए लेफ्ट लिबरलों ने अपने आप को उजागर किया है, उससे साफ सिद्ध होता है कि वे अपने आगे किसी और को बोलने नहीं देना चाहते क्योंकि इससे उनका पर्दाफाश हो जाएगा।

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