अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में कल यानि शनिवार को सुबह 10:30 बजे सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। यह खबर न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से आ रही है। अयोध्या मामले में फैसले से पूर्व ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही संवेदनशील जगहों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त किया गया है।
Supreme Court to deliver verdict on Ayodhya matter tomorrow. pic.twitter.com/mfb3hzTNSq
— ANI (@ANI) November 8, 2019
आज यानि शुक्रवार को ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। फैसला पांच सदस्यों की सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ सुनाएगी।
Supreme Court to deliver verdict in the #Ayodhya land dispute case tomorrow. https://t.co/pC6Ri3ZhyU pic.twitter.com/H21ZG2MmSY
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अयोध्या में धारा 144 लागू, 4000 अर्धसैनिक बल तैनात
बता दें कि अयोध्या में पहले से ही धारा 144 लागू है। इसके साथ ही जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। अर्ध सैनिक बलों के 4 हजार जवानों को पहले से ही तैनात किया गया है। इसके साथ ही सभी राज्यों के उच्च अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न घटे।
9 से 11 तक यूपी के सभी स्कूल कॉलेज रहेंगे बंद
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर यूपी सरकार ने 9 से 11 नवंबर तक सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षा संस्थानों, ट्रेनिंग सेंटर्स को बंद रखने का फैसला किया है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर लखनऊ में आज फ्लैग मार्च किया गया।
Uttar Pradesh: All schools, colleges, educational institutions and training centres to remain closed from 9th November to 11th November. pic.twitter.com/MVYuvF8IZJ
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मालूम हो कि यूपी की कानून व्यवस्था का जायजा लेने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने का निर्णय लिया है। फैसला सीजेआई रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनाएगी। इस पीठ में गोगोई के अतिरिक्त डी वाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एसए बोबडे और एसए नाजेर जैसे न्यायाधीश शामिल हैं।
40 दिनों की लंबी सुनवाई के बाद फैसला कल
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में दूसरी बार इस मामले की लंबी सुनवाई चली। लगातार 40 दिनों तक सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने मामले की सुनवाई मैराथन स्तर पर की। इसके बाद 16 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय ने फैसले को सुरक्षित रख लिया। लेकिन अब वो घड़ी आ गई है जब इस वर्षों का विवाद सुलझेगा। शनिवार को छुट्टी है फिर भी सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच अपना फैसला सुनाएगी।