4 वर्षीय मासूम के लिए भद्दे शब्द इस्तेमाल करने से पहले आपको शर्म आनी चाहिए स्वरा भास्कर

PC: jagran

स्वरा भास्कर अक्सर अपने बड़बोलेपन के लिए विवादों के केंद्र में रही है। अभी  उन्होंने फिर एक बार अपने बयानों से विवाद खड़ा किया है। कॉमेडियन अबिश मैथ्यू के शो ‘सन ऑफ अबिश’ में उन्होंने एक प्रसंग बताया, जहां पर उन्होंने एक छोटे बच्चे के लिए बेहद अभद्र शब्द का उपयोग किया।

इस शो के एपिसोड में उन्होंने कहा, “मैं शूटिंग कर रही थी, जब मेरे सामने चार साल का एक बच्चा आया, जिसने मुझे ‘आंटी’ बोला। मुझे लगा कि अभी मेरा करियर शुरू भी नहीं हुआ और इस ####### ने मुझे आंटी कह दिया। आजकल के बच्चे काफी दुष्ट होते हैं, उन्हें पता है कौन स्टार है और कौन नहीं”।

जी हां, आपने ठीक सुना। स्वरा भास्कर ने एक चार वर्ष के बच्चे के लिए गालियों का प्रयोग किया। इस ओछे बयान का न केवल होस्ट अबिश मैथ्यू ने, अपितु स्वरा के साथ आए कथित कॉमेडियन कुनाल कामरा ने भी समर्थन दिया। इस कुकृत्य पर सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने जमकर सबको लताड़ा। पत्रकार एवं लेखिका शेफाली वैद्य ने स्वरा को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “इसे मज़ाक कहते हैं? चार वर्षीय बच्चे को गालियां देना? बड़े कॉन्फ़िडेंस के साथ बोलना कि बच्चे दुष्ट होते हैं? कुनाल कामरा एक बेवड़े डोडो की तरह उन्हें निहारते हुए दिख रहे हैं”।

इसके अलावा सोशल मीडिया पर अनेकों यूज़र्स ने स्वरा भास्कर को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट पोस्ट किए। एक यूजर इनफेरनो ने अबिश मैथ्यू को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “4 वर्षीय बच्चे को चुन-चुन के गालियां देना, बच्चों को दुष्ट और कमीना कहना आपके शो के लिए गजब का सेन्स ऑफ ह्यूमर है। ये काफी कुछ बताता है कि आपके शो पर किस प्रकार की कॉमेडी परोसी जाती है। इससे अच्छा सिग्नल पर खटका मार ले भाई, ज़्यादा इज्ज़त कमाएगा”।

https://twitter.com/TheAngryLord/status/1191336660279017473

फिलहाल, स्वरा भास्कर के विरुद्ध पोक्सो एक्ट के अंतर्गत NCPCR को शिकायत दर्ज़ की है। लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम के ट्वीट के अनुसार, “स्वरा भास्कर द्वारा दक्षिण भारतीय बच्चों के विरुद्ध नस्लभेदी टिप्पणी के विरुद्ध हमने एनसीपीसीआर को शिकायत दर्ज़ की है। हमने हॉटस्टार को आग्रह किया है कि वे अविलंब इस प्रकार का कंटैंट अपने सभी ऑनलाइन अकाउंट से हटाये।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब स्वरा भास्कर को उनके ओछे बयानों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा हो। पिछले वर्ष जब पद्मावत प्रदर्शित हुई थी, तो फिल्म के कई बिन्दुओं पर स्वरा भास्कर ने टिप्पणी करते हुए काफी अभद्र भाषा में संजय लीला भंसाली की आलोचना की, और जौहर की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि दुष्कर्म के आगे भी जीवन होता है। इस बयान से वे सिद्ध करना चाहती थी कि तुर्की आक्रांताओं द्वारा यौन शोषण किया जाना उचित था और जौहर करना एक अपराध था।

इतना ही नहीं, स्वरा भास्कर ने कठुआ केस में प्लाकार्ड गैंग में सबसे आगे रहकर समस्त सनातन धर्म को एक बच्ची के दुष्कर्म के लिए दोषी ठहरा दिया, और इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले हर व्यक्ति को दुष्कर्म समर्थक घोषित कर दिया। इतना ही नहीं, लोकसभा चुनावों के दौरान इनहोने उसी दिग्विजय सिंह का समर्थन किया, जो महिलाओं के लिए न केवल निकृष्ट दृष्टिकोण उनके बयानों में दिखाई देता है, अपितु उनके कारण असंख्य हिंदुओं को अनावश्यक रूप से ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठा आरोप झेलना पड़ा। कन्हैय्या कुमार जैसे अलगाववादी के लिए उनका चुनाव प्रचार भला कौन भूल सकता है?

ऐसे में एनसीपीसीआर को स्वरा भास्कर के वर्तमान बयान के विरुद्ध एक्शन लेने में ज़रा भी विलंब नहीं करना चाहिए, और उन्हें स्वरा भास्कर के विरुद्ध कठोर से कठोरतम निर्णय लेना चाहिए। स्वरा भास्कर फेम के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकती है, इस बात में किसी को संदेह नहीं है। परंतु उनका वर्तमान बयान न केवल निंदनीय है, अपितु निकृष्ट भी, जिसकी जितनी निंदा की जाए, वो कम होगी।

 

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