INX मामले में कोर्ट ने द इंडियन एक्सप्रेस और द हिंदू को लताड़ा, कहा, फैसले में नहीं हुआ कोई कॉपी पेस्ट’

चिदंबरम

INX मीडिया केस में जब कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम की बेल अर्ज़ी को खारिज कर दिया था, तो कई मीडिया संगठनों ने उस वक्त कहा था कि कोर्ट का वह फैसला उसी जैसे एक अन्य मामले के फैसले से कॉपी पेस्ट किया हुआ था। अब कल यानि सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए ऐसी खबर छापने वाले मीडिया संगठनों से जवाब मांगा है।

बता दें कि इंडियन एक्स्प्रेस , द हिन्दू, द प्रिंट और द वायर जैसे मीडिया संगठनों ने यह रिपोर्ट किया था कि कोर्ट ने INX मीडिया केस में जो फैसला सुनाया है, वह वर्ष 2017 के रोहित टंडन मनी लोंड्रिंग केस से मिलता जुलता है। इसपर जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने कहा कि उनके फैसले में रोहित टंडन मनी लोंड्रिंग केस का सिर्फ हवाला दिया गया था और उनका कॉपी पेस्ट का काम नहीं है। इसके बाद कैत ने इन मीडिया संगठनों से स्पष्टीकरण मांगा है।

बता दें कि जब पी चिदम्बरम को CBI और ED ने INX मीडिया केस में गिरफ्तार किया था तो इंडियन एक्सप्रेस और द हिन्दू जैसे मीडिया संगठनों ने उनसे अपनी सहानुभूति जताई थी। यहां तक कि द हिन्दू के पब्लिशर एन राम ने तो यह तक कह दिया था कि उनके पुराने दोस्त पी चिदम्बरम के खिलाफ सरकार के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं। पी चिदम्बरम की गिरफ्तारी के खिलाफ जब तमिल नाडु कांग्रेस कमिटी ने बैठक बुलाई थी, तब एन राम ने जज के साथ-साथ एक जांचकर्ता की भूमिका को भी बड़ी खूबी से निभाया था। उन्होंने कहा था कि पी चिदम्बरम के साथ घोर अन्याय हुआ है और इसके लिए उच्च न्यायालयों की आलोचना की जानी चाहिए।

पी चिदम्बरम और एन राम एक दूसरे के बेहद अच्छे दोस्त हैं और दोनों ही स्कूल और कॉलेज के समय से एक दूसरे को जानते हैं। यही कारण है कि एन राम पी चिदम्बरम के इतने हितैषी बने फिरते हैं। इसी तरह पी चिदम्बरम के इंडियन एक्सप्रेस की मैनेजमेंट के साथ भी बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं। बता दें की शेखर गुप्ता, जो वर्ष 2014 तक इंडियन एक्स्प्रेस के चीफ एडिटर रह चुके हैं, पी चिदम्बरम के खास दोस्त हैं। इतना ही चिदम्बरम इंडियन एक्सप्रेस के लिए साप्ताहिक लेख भी लिखा करते थे। वर्ष 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद प चिदम्बरम ने अर्थव्यवस्था, राजनीति पर मोदी विरोधी कई लेख लिखे। स्पष्ट है कि चाहे वह इंडियन एक्सप्रेस हो, या फिर द हिन्दू, इन अखबारों के प्रबन्धकों के साथ चिदम्बरम के अच्छे रिश्ते थे, और इसी कारण से इन अखबारों ने दिल्ली हाई कोर्ट को लेकर यह झूठी खबर चलाई कि कोर्ट ने उनके केस में अपने फैसले को किसी अन्य फैसले से कॉपी पेस्ट किया है।

यह लेफ्ट लिबरल गैंग अब तक अपने एजेंडे में सिर्फ केंद्र सरकार को निशाना बनाता था, लेकिन अब तो इस गैंग ने कोर्ट तक को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। यह गैंग अलग-अलग मुद्दों पर लोगों को गलत जानकारी देता है, और अपने गैंग के लोगों को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता है। हालांकि, जब कोई सरकार इनकी करतूतों से तंग आकर इनके खिलाफ कोई एक्शन लेती है, तो यह तुरंत विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर देता है। हालांकि, अब सरकार को इसके खिलाफ कोई बड़ा एक्शन लेना ही चाहिए और देश के कोर्ट्स को भी बेलगाम होते इन वामपंथी एजेंडावादियों पर नकेल कसने की ज़रूरत है।

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