भारत के बाद अब अमेरिका ने मलेशिया के पीएम महातिर मोहम्मद को दिया बड़ा झटका

महातिर मोहम्मद

PC: Lowyat Forum - Lowyat.NET

मलेशिया के 94 वर्षीय प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के नेतृत्व में ये देश एक के बाद एक झटके झेल रहा है। 94 साल के महातिर मोहम्मद ने पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक की भ्रष्ट सरकार के खिलाफ जनता में बसे आक्रोश के सहारे चुनावों में अप्रत्याशित जीत दर्ज की थी। इसेक बाद वो वर्ष 2018 में इस देश के प्रधानमंत्री बने थे लेकिन जबसे उन्होंने मलेशिया के प्रधानमंत्री का पद संभाला है तबसे उनका हर कदम न केवल मलेशिया की अर्थव्यवस्था को बर्बादी की ओर धकेल रहा है बल्कि अन्य देशों के साथ संबंधों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। अब अमेरिका ने मलेशिया को बड़ा झटका दिया है।

दरअसल, RCEP बैठक में ट्रम्प पर महातिर की टिप्पणी के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने सोमवार को मलेशिया की एयर सेफ्टी रेटिंग को कम कर दिया है जिस कारण अब ये एयर लाइन्स नई उड़ाने नहीं भर सकेंगी। हालाँकि, इसका प्रभाव मौजूदा उड़ानों पर नहीं पड़ेगा।

फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन की सुरक्षा रेटिंग मलेशिया की विमानन निरीक्षण व्यवस्था पर आधारित है और यह देश के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण का आंकलन है। सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने सोमवार को इस डाउनग्रेड के बारे में बताया। ये डाउनग्रेड मौजूदा उड़ानों को प्रभावित नहीं करेगा।

FAA ने कहा कि एयर सेफ्टी रेटिंग के कम होने का मतलब है कि “CAAM में कई खामियां हैं जैसे कि तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है, प्रशिक्षित कर्मियों की कमी, रिकॉर्ड रखने, और / या निरीक्षण प्रक्रिया का सही न होना।“

बता दें कि इस डाउनग्रेड से मलेशिया बांग्लादेश, थाईलैंड घाना और कोस्टा रिका जैसे देशों की सूची में आ जायेगा जिनकी एयर ट्रैफिक की सुरक्षा व्यवस्था को सबसे खराब माना जाता है। इस वजह से अब मलेशिया नए फ्लाइट्स को शामिल नहीं कर सकेगा लेकिन उसकी पुरानी फ्लाइट्स पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

अमेरिका से मिले इस झटके के बाद मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कहा कि उन्हें अभी इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि “यदि कुछ गलत है तो हमारी सिविल एविएशन ऑथरिटी जरुर उचित कदम उठाएगी और स्थिति को सही करने का प्रयास करेंगे।”

अमेरिका से मिले इस झटके का मलेशिया की एविएशन इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। पहले ही भारत से मिले झटके के बाद महातिर मोहम्मद को अमेरिका-चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार के कारण आर्थिक प्रतिबंधों का डर सता रहा था और अब अमेरिका ने मलेशिया को एक और बड़ा झटका दे दिया है।

दरअसल, महातिर मोहम्मद ने संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में मुस्लिम विरोधी भावना के खिलाफ खड़े होकर और यूएन में कश्मीर का मुद्दा उठाकर मलेशिया को वैश्विक मुस्लिम समुदाय की आवाज के रूप में पेश करने का प्रयास कर रहे हैं। यही नहीं महातिर ने पश्चिमी देशों के राईट विंग के नेताओं की भी आलोचना की थी और तो और फ्री ट्रेड डील RCEP बैठक के दौरान ट्रम्प को एक बदतर नेता भी कहा था। फ्री ट्रेड बैठक के दौरान महातिर ने अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना की थी।

बता दें कि महातिर मोहम्मद मलेशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने और चीन द्वारा प्रायोजित ईस्ट कोस्ट रेल लिंक की परियोजना को रद्द करने के वादे के साथ वो सत्ता में आये थे। सत्ता में आने के बाद मलेशिया ने चीन की 3 बड़ी परियोजनाओं को रद्द भी कर दिया था जिसमें ईस्ट कोस्ट रेल लिंक परियोजना भी शामिल थीं। परन्तु इसके कुछ समय बाद ही मलेशिया ने 34 अरब डॉलर की चीन समर्थित एक परिवहन परियोजना पर फिर से काम शुरू करने की बात कही थी। उस समय अपनी सफाई में मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया था कि, “मूल योजना में कुछ बदलाव किया गया है। इसमें 10,000 किफायती मकान और एक पीपुल्स पार्क शामिल किये गये हैं।” अभी हाल ही में महातिर ने ये भी कहा था कि ‘मलेशिया चीन की तुलना में बेहद कमजोर देश है और मलेशिया दक्षिण चीन सागर पर अपने दावे को छोड़ रहा है’। साथ में उन्होंने यह भी कहा था कि दक्षिण चीन सागर पर चीन का दावा करना चीन की चिंता है, मलेशिया की नहीं। इसी के साथ महातिर ने स्पष्ट कर दिया था कि वे मलेशिया के प्रधानमंत्री की तरह नहीं बल्कि चीन के हितैषी और एंटी वेस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं।

महातिर का वैश्विक राजनीति में अनावश्यक दखल और घरेलू नीतियों पर ध्यान न देना मलेशिया की अर्थव्यवस्था को और कमजोर बना रहा है। कुल मिलाकर जहां एक तरफ मलेशिया की अर्थव्यवस्था पर महातिर की नीतियों का बुरा प्रभाव पड़ रहा है तो वहीं वहां की जनता भी महातिर से परेशान हो चुकी है। फिर भी महातिर अपने आप को देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त बताने पर तुले हुए हैं लेकिन सच्चाई तो ये है कि मलेशिया के प्रधानमंत्री ने हर तरफ से अपने देश की परेशानी को बढ़ाने का ही काम किया है ।

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