नायक राजा सुहेलदेव के पराक्रम पर फिल्म
अजय देवगन मानो अब एक अजेय रथ पर सवार हैं। ओम राऊत द्वारा निर्देशित ‘तान्हाजी – द अनसंग वॉरियर’ की झलकियों से दर्शकों को अभिभूत करने के बाद अब अजय देवगन ने घोषणा की है कि उनकी अगली फिल्म प्रोजेक्ट वीर योद्धा सुहेलदेव पर आधारित होगी।
मुंबई मिरर को दिये साक्षात्कार में अजय देवगन ने बताया, “हमने कई लोगों को शॉर्टलिस्ट किया है। परंतु हमारा अगला प्रोजेक्ट राजा सुहेलदेव पर आधारित होगा, जिन्होंने बहराइच के निकट गजनी के सुल्तान महमूद के सिपहसालार गाजी सैयद सालार मसूद को धूल चटाई थी। सुल्तान महमूद ने सोमनाथ मंदिर को ध्वस्त किया था, और वीर सुहेलदेव ने उसे पुनर्स्थापित कराया। ये फिल्म अमीश त्रिपाठी के उस पुस्तक पर आधारित होगी, जो वे अभी वीर सुहेलदेव पर लिख रहे हैं”।
वीर सुहेलदेव ने गाजी सैयद सालार मसूद को बहराइच के युद्ध में हराया था
वीर सुहेलदेव बहराइच प्रांत पर शासन करने वाले एक वीर योद्धा थे, जिन्होंने गजनवी सुल्तान महमूद के सिपहसालार और बर्बर आक्रांता गाजी सैयद सालार मसूद को 1034 में लड़े गए बहराइच के युद्ध में एक सुगठित सेना के साथ मिलकर हराया था। भारत की एकता इस युद्ध में ऐसी दिखी कि आक्रांताओं ने अगले 140 साल तक भारत की ओर मुड़कर भी नहीं देखा।
अब अपने निर्णय से अजय देवगन ने एक बार फिर वामपंथी ब्रिगेड को जलने भुनने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है। ‘तान्हाजी’ के ट्रेलर लॉन्च से पहले ही उन्होंने इसका बेजोड़ उदाहरण देते हुए अमर चित्र कथा को अपने फिल्म का प्रोमोशनल पार्टनर बनाया। उनके ट्वीट के अनुसार, “इतिहास भले अपने आप को न दोहराए पर तानाजी जैसे शूरवीर योद्धाओं का शौर्य और उनके साहस की कथाएँ हम अपने बच्चों को अवश्य सुना सकते हैं। मैं बेहद प्रसन्न हूँ ये बताते हुए कि अमर चित्र कथा का तान्हाजी स्पेशल वर्जन कुछ ही दिनों में सबके लिए उपलब्ध होगा”।
अजय देवगन के आगामी प्रोजेक्ट भी इसी ओर इशारा करते हैं। उनकी अगली फिल्म ‘भुज – द प्राइड ऑफ इंडिया’ इतिहास के उस अनसुने पन्ने को सामने लाती है, जहां 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर विजय कर्णिक ने 300 स्थानीय गुजराती महिलाओं को भुज के ध्वस्त एयरबेस को पुनर्निर्मित करने के लिए प्रेरित किया था।
इस के साथ साथ वे एक ओर जहां ‘मैदान’ में भारतीय फुटबॉल के स्वर्णिम युग के साक्षी रहे कोच सैयद अब्दुल रहीम की भूमिका निभाएंगे, तो वहीं नीरज पाण्डेय द्वारा निर्देशित ‘चाणक्य’ में वे अखंड भारत के जनक एवं प्रखर राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य की भूमिका निभाएंगे। उनका संदेश स्पष्ट है : न केवल सच्चे नायकों को उनका उचित सम्मान मिलेगा, अपितु अपने स्वार्थ के लिए इतिहास से कोई सम्झौता स्वीकार्य नहीं होगा।
अजय देवगन के वर्तमान नीति पर अगर हम ध्यान दें, तो हमें ये भी पता चलता है कि वे न केवल बॉलीवुड की छवि सुधार रहे हैं अपितु वामपंथी ब्रिगेड को भी चुनौती देते दिखाई दे रही है। उदाहरण के लिए मेजर जनरल जीडी बक्शी जैसे ओजस्वी वक्ता के बारे में बात करना भी वामपंथियों की दृष्टि में अपराध है। परंतु अजय देवगन ने न केवल उन्हे ट्रेलर लॉन्च के लिए आमंत्रित किया, अपितु उन्हे उचित सम्मान भी दिया। यही नहीं, अजय ने सीएए के विरोध के नाम पर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों की निंदा भी की और उन्होंने बताया, “हम काफी प्रभावशाली लोग हैं, ऐसे में हम यूं ही किसी का पक्ष लेकर कोई बयान नहीं दे सकते। हमें सोच समझ के अपनी बात कहनी पड़ती है”
ऐसे में अजय देवगन परिपाटी से अलग चलकर वास्तविक भारतीय इतिहास को सबके समक्ष ला रहे हैं, जिसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाये, वो कम होगी।