विपक्ष ने अमित शाह से पूछा अफ़गानी हिन्दू क्यों? वो तो पड़ोसी भी नहीं है, शाह ने बोलती बंद कर दी

अमित शाह

कल यानि सोमवार को लोकसभा में लंबी बहस के बाद नागरिकता संशोधन बिल आखिर पास हो ही गया। जब गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया, तो उन्होंने बताया कि यह बिल वर्ष 2014 से पहले भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से भारत में शरण लेने आए प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का काम करेगा। अमित शाह के इतना कहते ही विपक्ष ने गरजना शुरू कर दिया और अमित शाह से सवाल पूछा कि अफ़ग़ानिस्तान भारत का पड़ोसी कैसे है? इसपर शाह ने जवाब दिया कि वे इस देश के भूगोल को अच्छे से जानते हैं और वे इसी देश के रहने वाले हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि भारत की 106 किमी की जमीनी सरहद अफ़ग़ानिस्तान से लगती है। हालांकि, इसके बाद भी विपक्ष ने हल्ला मचाना जारी रखा जिसके बाद अमित शाह ने विपक्ष से ऐसा सवाल पूछा जिसने विपक्षी पार्टियों की भारत-विरोधी मानसिकता को एक्सपोज कर दिया। उन्होंने विपक्ष से सवाल पूछा कि क्या वे पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानते?

संसद में विपक्ष के रवैये से तो यही लगता है कि विपक्ष POK को भारत का हिस्सा नहीं मानता है। हालांकि, आज विपक्ष को भारतीय भूगोल का थोड़ा ज्ञान कराना अति-आवश्यक हो गया है। असल में भारत अफ़ग़ानिस्तान के वखान कॉरीडोर से 100 किमी से ज़्यादा का बॉर्डर शेयर करता है। वखान कॉरीडोर तजाकिस्तान के नीचे और भारत-पाकिस्तान के ऊपर अफ़ग़ानिस्तान के नियंत्रण वाली 350 किमी लंबी पट्टी को कहते हैं जिसका 100 किमी से अधिक लंबा हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर से लगता है। अगर POK को भारत में मिला लिया जाये, तो भारत इसी वाखान कॉरीडोर के जरिये पाकिस्तान को बाईपास करते हुए अफ़ग़ानिस्तान से व्यापार कर सकता है।

हालांकि, संसद में कुछ सांसदों को लगता है कि POK भारत का हिस्सा है ही नहीं, और इसी कारण अफ़ग़ानिस्तान किसी भी सूरत में भारत का पड़ोसी नहीं है। ऐसा ही हमें तब देखने को मिला जब संसद में DMK के सांसद दयानिधि मारन ने सरकार से एक बेतुका सवाल पूछा। उन्होंने पूछा ‘सरकार को पश्चिमी देशों के भय की वजह से क्रिश्चियन्स को भी इस बिल के लाभकारियों में शामिल करना पड़ रहा है। बताइए अगर कोई मुसलमान POK से भारत में आना चाहेगा, तो उसके लिए सरकार के पास क्या प्रावधान है?’ इस सवाल ये यह स्पष्ट हो जाता है कि उन्हें यह पता ही नहीं है कि POK भारत का ही हिस्सा है और वहाँ रहने वाला हर नागरिक भारतीय नागरिक माना जाएगा।

देश का दुर्भाग्य यह है कि ऐसा हमें देश के सांसदों से सुनने को मिल रहा है। ऐसे लोग जिन्हें भारतीय वोटर्स ने चुनकर संसद में भेजा है ताकि वे भारत के हितों की रक्षा कर सकें। हालांकि, उन्हें इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी लेने से पहले भारतीय भूगोल के बारे में थोड़ा ज्ञान जरूर अर्जित कर लेना चाहिए था। विपक्ष का संसद में ऐसा व्यवहार पाकिस्तान के एजेंडे को बढ़ावा देता है, जिसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।

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