बॉलीवुड का एक वर्ग दे रहा दंगाइयों को बढ़ावा, वहीं अजय देवगन बोले, ‘हिंसक प्रदर्शनकारियों का मैं समर्थन नहीं करता’

हाल ही में बहुचर्चित फिल्म  तानाजी द अनसंग वॉरियर का दूसरा ट्रेलर रिलीज हुआ। पहले ट्रेलर की भांति इसने भी दर्शकों की तारीफ बंटोरी, और कुछ लोग इसे पहले ट्रेलर की तुलना में ज़्यादा परिपक्व और धमाकेदार भी बता रहे हैं।

इसी ट्रेलर के लॉन्च के लिए अजय देवगन और उनकी टीम दिल्ली गयी थी। दिल्ली में ट्रेलर के लॉन्च के बाद मीडिया से हुए वार्तालाप में अजय ने फिल्म का विरोध कर रहे लोगों के बारे में निस्संकोच बताया कि वे सभी को खुश नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “एक तो समुदाय इतने हैं कि कोई ना कोई हर्ट हो ही जायेगा। कुछ ऐसे भी हैं जो सिर्फ फेम के लिए ये सब करते हैं, और  वास्तव में अपनी चिंताएं बताते हैं, तो उन्हें हम कभी नहीं भगाएंगे, पर एक स्तर के बाद आप सभी को तो खुश नहीं कर सकते”।

इसी बीच जब उनसे CAA पर हो रहे प्रदर्शनों के बारे में पूछा गया, तो अजय देवगन ने स्पष्ट जवाब दिया, “देखिए, यह एक लोकतन्त्र है, यहां सभी को अपना मत रखने का अधिकार है। अब प्रशासन का अपना मत हो सकता है और विरोधियों का अपना। अपनी बात मनवाने के लिए हिंसा का प्रयोग करना मैं उचित नहीं मानता। लड़ने की बजाए आपसी बातचीत से अपनी समस्या सुलझा सकते हैं। किसी कारण से आम जनता को नुकसान हो, ये नहीं चलेगा”। 

एक ओर जहां बॉलीवुड के एलीट वर्ग की कई हस्तियां जामिया के उपद्रवी तत्वों के समर्थन में सामने आये हैं तो वहीं, दूसरी तरफ अजय देवगन का ये बयान सराहनीय है।

बता दें कि बॉलीवुड का ये एलीट वर्ग केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के विरुद्ध प्रोपगैंडा फैलाने से भी बाज नहीं आ रहा है। स्वरा भास्कर, रिचा चड्ढा जैसे टुकड़े टुकड़े गैंग समर्थक जहां अपने स्वभाव अनुरूप असामाजिक तत्वों का बचाव कर रहे हैं, तो वहीं राजुकमार राव और आयुष्मान खुराना जैसे अभिनेता भी बहती गंगा में हाथ धोने हेतु पुलिस को दोषी सिद्ध करना चाहते हैं।

कुछ कुब्रा सैट जैसे लोग भी हैं, जो स्वयं CAA का कोई ना ज्ञान होने के बावजूद पीएम मोदी को उपदेश देते फिरते हैं, तो वहीं परिणीति चोपड़ा जैसे भी हैं, जिनके लिए भारतीय लोकतंत्र अब मर चुका है।

उदाहरण के लिए परिणीति ने ट्वीट किया, “यदि किसी को अपनी बात रखने के लिए इस तरह से पीटा जा रहा है, तो CAB छोड़िए हमें एक विधेयक पारित करना चाहिए कि हम लोकतान्त्रिक नहीं है। बेकसूर बच्चों को अपनी बात रखने के लिए इस तरह मारना? यह तो बर्बरता है!”

परन्तु अजय देवगन बॉलीवुड के वामपंथियों की भांति फालतू के हिन्दू विरोध में  कोई विश्वास नहीं रखते। इसका एक उदाहरण उन्होंने कुछ महीने पहले ही दिया था, जब उन्होंने  अपनी फिल्म के प्रचार के लिए बहुचर्चित कॉमिक पुस्तक प्रकाशक अमर चित्र कथा को अपना प्रोमोशनल पार्टनर चुना। 

इस बात की घोषणा करते हुए अजय देवगन ट्वीट करते हुए कग था कि,  “इतिहास अपने आप को दोहराए या नहीं, पर हमारे बच्चों के लिए तानाजी जैसे शूरवीर योद्धाओं का साहस एवं शौर्य एक बेजोड़ उदाहरण होगा। मुझे बड़ी खुशी होती है ये घोषणा करके कि अमर चित्र कथा का एक विशेष संकलन निकलने वाला है, जिसमें तानजी शामिल होंगे।‘’

परन्तु अजय देवगन यहीं नहीं रुके। CAA  पर अपने विचार रखने के पश्चात जब उनसे सोशल मीडिया ट्रोलिंग के विषय पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं फर्क पड़ता, जब तक ये मेरे ऊपर है। परन्तु मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि कोई इतना निकृष्ट कैसे हो सकता है कि छोटे बच्चों का भद्दा मजाक उड़ाए”। अजय देवगन के बाद काजोल ने भी पूछा, “यदि ये आम बच्चे ना होकर celebrities के बच्चे होते, तब भी इनकी प्रतिक्रिया ऐसी ही होती?” समझदार को यहां इशारा ही काफी है। 

सच कहें तो अजय देवगन ने सूझ बूझ के साथ CAA जैसे विषय पर अपनी बात को सामने रखा है। अजय देवगन उन हस्तियों में नहीं आते हैं जो सस्ती लोकप्रियता के लिए भारत विरोधी तत्वों का भी समर्थन करते फिरें।

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