ये क्या? बोरिस जॉनसन की सरकार बनते ही यूके में भारत विरोधियों की रूहें कांपने लगी

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ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन की पार्टी को जीत मिले अभी 2 दिन भी नहीं बीते हैं कि यूके में भारत विरोधी लोगों की रूहें कांपनी शुरू हो गयी हैं। जी हां, बोरिस जॉनसन की सरकार से भयभीत होकर अब यूके की ‘मुस्लिम काउंसिल ऑफ ब्रिटेन’ यानि MCB ने कहा है कि बोरिस जॉनसन की सरकार इस्लामोफोबिया का प्रचार कर सकती है जिससे मुस्लिमों के लिए देश में स्थिति खराब हो सकती है। MCB के महासचिव हारुन खान ने कहा है कि “बोरिस जॉनसन को चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिला है, लेकिन पूरे देश का मुस्लिम समुदाय इससे भयग्रस्त है। हम इस्लामोफोबिया के लिए ओवन रेडी वाले नारे को लेकर चिंतित हैं। हमारी प्रार्थना है कि जॉनसन अपनी राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल ब्रिटेन को जिम्मेदार बनाने में करें”।

बता दें कि जो MCB संस्था अभी अपने आप को भयभीत दिखाने की कोशिश कर रही है, वह यूके में बैठकर भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ावा देती आई है। इसी वर्ष अगस्त में जब भारत सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, तो इसी संस्था ने बढ़-चढ़कर भारत और भारतीय सेना के खिलाफ अभियान चलाया था। इसके अलावा कश्मीर को लेकर MCB ने यूके सरकार को एक पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने भारतीय सेना को दमनकारी बताया था और यूके सरकार से भारत सरकार पर दबाव बनाने की अपील की थी। भारत के खिलाफ एजेंडा चलाने वाली संस्था का आज भयभीत होना यह दर्शाता है कि बोरिस जॉनसन की सरकार यूके से भारत-विरोधी तत्वों को मिटाने को लेकर प्रतिबद्ध नज़र आती है।

बता दें कि चुनावों से ठीक पहले बोरिस जॉनसन ने इस बात के संकेत दिये थे कि अगर वे दोबारा सत्ता में आते हैं तो यूके में इस्लामिक चरमपंथियों और खलिस्तानियों को पनपने नहीं दिया जाएगा। चुनावों से पहले जॉनसन ने कहा था ‘उनके देश में किसी भी भारत विरोधी या हिन्दू-विरोधी भावना को पनपने नहीं दिया जाएगा’। साथ ही पीएम जॉनसन ने यह भी कहा था कि वह पूरी तरह भारत के साथ खड़े हैं।

उनकी जीत के बाद अब इस बात की उम्मीद बढ़ गयी है कि ब्रिटेन में इस्लामिक चरमपंथियों के प्रभाव में कोई कमी देखने को मिलेगी। कनाडा के बाद यूके में सबसे ज़्यादा खालिस्तानियों और पाकिस्तानी अतिवादियों को पनाह मिलना शुरू हो गया था। इस वर्ष अगस्त में जब भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाया था, तो लंदन में बड़ी संख्या में पाकिस्तानियों ने गुंडागर्दी की थी और भारतीय दूतावास पर हमला बोला था।

इसी वर्ष 3 सितंबर को करीब 10 हज़ार लोगों ने लंदन की सड़कों पर प्रदर्शन किया था और हिंसक प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन की आड़ में भारतीय हाई कमीशन पर हमला तक कर डाला था। इन प्रदर्शनों में पाकिस्तानी मूल के लोगों के साथ कुछ खालिस्तानी समर्थक लोग भी शामिल थे। इससे पहले 15 अगस्त के मौके पर भी भारतीय हाई कमीशन के सामने ऐसे ही हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिले थे।

हालांकि, जिस तरह अब MCB ने अपनी पीड़ा को सबके सामने उजागर किया है, उससे इतना तो स्पष्ट है कि यूके में इस्लामिक ताकतों के हौसले जरूर पस्त होंगे और इसके साथ ही हमें भारत विरोध में भी कमी देखने को मिलेगी। कश्मीर पर एजेंडा चलाने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और अगर यूके को अपनी सभ्यता बचानी है, तो यूके सरकार को जल्द से जल्द पाक-परस्त और भारत विरोधी संस्थाओं पर लगाम लगानी होगी।

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