मोदी सरकार की एक और बड़ी सफलता, राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास

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मोदी सरकार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में आज ऐतिहासिक सफलता हासिल हुई है। नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) राज्य सभा (Rajya Sabha) से भी पास हो गया है। नागरिकता संशोधन बिल के पक्ष में कुल 117 वोट पड़े वहीं विरोध में 92 वोट पड़े। राज्य सभा में कुल 6 घंटे इसको लेकर सरकार और विपक्ष में तीखी बहस हुई। बिल से संबधित विपक्ष के सभी सवालों का जवाब गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिया।

उन्होंने इस दौरान ये भी बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस बिल में क्यों नहीं शामिल किया गया है। उन्होंने ये भी बताया कि ये बिल सिर्फ उनके लिए है जो पड़ोसी देशों में सताए जा रहे हैं। इस बिल से भारतीय मुस्लिम समुदाय के लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी। ये सिर्फ पड़ोसी देशों के कुछ समुदाय के नागरिकों के लिए है। हालांकि कांग्रेस ने इस बिल के पास होते ही इसे इतिहास का काला दिन बताया है।

इससे पहले नागरिकता संशोधन बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव आया जोकि बाद में खारिज हो गया। सेलेक्ट कमेटी में न भेजने के पक्ष में कुल 124 वोट पड़े वहीं भेजने के पक्ष में कुल 99 वोट पड़े। इस दौरान शिवसेना असमंजस की स्थिति में रही। संजय राउत ने राज्यसभा में मौजूद तो रहे लेकिन उन्होंने वोटिंग के दौरान वाकआउट कर दिया।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है। नागरिकता संशोधन बिल में किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है। केवल देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि ये बिल बंगाल समेत देश के सभी राज्यों में लागू होगा।

राज्य सभा में बिल को लेकर चर्चा के दौरान सरकार और विपक्ष में काफी तीखी नोकझोंक चली। एक तरफ कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, बसपा के सतीश चंद्र मिश्र व टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन सरकार पर आरोप पर आरोप लगाते रहे वहीं दूसरी तरफ कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद व गृहमंत्री अमित शाह विपक्ष के सभी सवालों का खुलकर जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं के बयान और पाकिस्तानी नेताओं के बयान में काफी समानता है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जो कल बयान दिया था वही बयान कांग्रेस के नेता दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को हम कोसते हैं और न जाने क्यों कांग्रेस चीढ़ जाती है। कांग्रेस के नेताओं के बयान को पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ में पेश करता रहा है।

बता दें कि लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 311 वोट पड़े थे जबकि, विपक्ष में 80 वोट। अब मोदी सरकार इस बिल को जल्द ही कानून का रूप देगी। हालांकि विपक्ष इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है। अब देखना दिलचस्प होगा कि हर तरफ से मुंह की खाई कांग्रेस और विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट में क्या कर पाते हैं।

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